नई दिल्ली/हैदराबाद: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट की शुरुआत करते आदिवासी जिलों में एकलव्य आवासीय विद्यालय खोलने और शिक्षकों की भर्ती की बात कही. इसका लाभ छत्तीसगढ़वासियों को भी मिलने की उम्मीद है, क्योंकि छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है. यहां के 24 जिलाें में 73 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के जरिये आदिवासी बच्चों को निशुल्क पढ़ाई और आवास की सुविधा दी जाती है.
24 जिलों के 73 विद्यालयों में होंगी भर्तियां: केंद्रीय बजट में कहा गया है कि देश भर में अगले 3 साल में ऐसे 740 विद्यालय खुलेंगे. इसके लिए 38 हजार 800 शिक्षकों और सहायक कर्मियों की भर्ती होगी. छत्तीसगढ़ के इन 73 स्कूलों में करीब 4 हजार पद रिक्त हैं. बजट घोषणा से इस साल इन रिक्त पदों पर भर्तियां पूरी होने की उम्मीद जगी है.
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विशेष जनजातियों के विकास पर किया जाएगा काम: वित्त मंत्री ने विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी (विशिष्ट: असुरक्षित जनजातीय समूह) डेवलपमेंट मिशन की घोषणा की है. इस पर अगले तीन साल तक 15 हजार करोड़ रुपया खर्च किया किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में इन विशेष संरक्षित जनजातियों में बैगा, अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरबा, कमार और बिरहोर की आबादी शामिल है. मिशन के तहत इस आबादी को पक्का आवास, पेयजल, सड़क, बिजली और आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे.
पीवीटीजी में कौन से समूह हैं शामिल: विशिष्टतः असुरक्षित जनजातीय समूह (पीवीटीजी) भारत में फैले जनजातियों के ऐसे समूह होते हैं जो बाकी जनजातियों से सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील हैं.
अरुण साव ने किया स्वागत: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि इस बजट ने छत्तीसगढ़ के लिए असीम संभवानओं का द्धार खोल दिया है. एकलव्य विद्यालयों में भर्तियां होंगी तो वहीं हमारे तकनीकी शिक्षा संस्थानों को नवीन अवसर मिलेंगे.इस बजट में छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का खाका तैयार हो गया है