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Chhattisgarh Eye Flu: आई फ्लू ने बढ़ाई ब्लैक चश्मों की मांग, जुलाई के महीने में बंपर बिक्री - छत्तीसगढ़ में बिक गए एक लाख काले चश्मे

Chhattisgarh Conjunctivitis Patients आई फ्लू से एक तरफ लोग परेशान हो रहे हैं तो दूसरी तरफ चश्मा दुकान संचालक इन दिनों काफी उत्साहित है. वजह है उनकी दुकानों में ग्राहकों की भारी भीड़. आई फ्लू के कारण गॉगल्स या काले चश्मे की डिमांड काफी बढ़ गई है. हर रोज ढाई सौ से 300 काले चश्मे बिक रहे हैं. Chhattisgarh News

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आई फ्लू ने बढ़ाई ब्लैक चश्मों की मांग
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Published : Jul 31, 2023, 1:11 PM IST

Updated : Aug 1, 2023, 1:43 PM IST

आई फ्लू ने बढ़ाई ब्लैक चश्मों की मांग

बिलासपुर: बारिश में डायरिया के साथ ही अब पूरे देश में आई फ्लू ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ में अब तक आई फ्लू के लगभग 20 हजार मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना की ही तरह आई फ्लू के मामलों में दुर्ग नंबर एक पर बना हुआ है. रायपुर दूसरे नंबर पर हैं. बिलासपुर में आई फ्लू के 3000 मरीज है. यहां तेजी से बढ़ते Eye Flu के कारण लोग काला चश्मा खरीदने लगे हैं. गर्मी के दिनों में आम तौर पर 100 से डेढ़ सौ गॉगल्स हर रोज बिकते थे लेकिन इन दिनों कंजेक्टिवाइटिस के फैलाव से जुलाई के महीने में 250 से 300 गॉगल्स हर रोज बिक रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में बिक गए एक लाख काले चश्मे

आई फ्लू से काले चश्में की मांग बढ़ी: बिलासपुर में कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा है. यह शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैलने लगा है. लगभग हर चौथा व्यक्ति कंजेक्टिवाइटिस का शिकार हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग आई फ्लू को रोकने लोगों को जागरूक करने के साथ ही जगह जगह कैंप लगाकर जांच कर रहा है. वहीं आई फ्लू के शिकार मरीज और दूसरे लोग इससे बचने के लिए ब्लैक गॉगल पहन रहे हैं. ब्लैक गॉगल की डिमांड बाजार में इस कदर बढ़ गई है कि चश्मा दुकान संचालक इसकी भरपाई पूरी तरह से नहीं कर पा रहे हैं.

चश्मा लगाने से होता है आंखों का प्रोटेक्शन: कंजेक्टिवाइटिस के फैलाव से जहां एक तरफ लोगों में इसका डर देखा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में आंखों के डॉक्टर काला चश्मा लगाने की सलाह देते हैं. बिलासपुर शहर के मशहूर डॉक्टर एलसी मंढरिया ने कहा कि इस समय दोनों मौसम एक साथ हो जा रहा है. बारिश और गर्मी, इसीलिए कंजेक्टिवाइटिस हो रहा है. इस समय कंजेक्टिवाइटिस में वायरल और बैक्टीरियल है और बचाव के लिए खुद को सुरक्षित रखना जरूरी है. जैसे किसी से भी हाथ नहीं मिलाना चाहिए और जिसे कंजेक्टिव वायरस है उसके संपर्क में नहीं आना चाहिए. उसके कपड़े, बिस्तर, टावेल, साबुन इन चीजों को दूर रखना चाहिए. यदि घर में किसी एक को यह वायरस है तो बाकी लोगों को भी इसका असर होता है. इसलिए संक्रमित व्यक्ति को खुद आइसोलेट करके रहे.

चश्मा लगाने से होता है आंखों का प्रोटेक्शन

काले चश्मे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति की आदत में शुमार है कि वह थोड़ी थोड़ी देर में चेहरे को छूता है या आंखों को हाथों से मलता है. यही वजह है कि यदि संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसके संपर्क में आने से बैक्टीरिया हाथों में आ जाता है और फिर आंखों को छूने से वह संक्रमित कर देता है. इसलिए चश्मे का उपयोग स्वस्थ और इनफेक्टेड व्यक्ति दोनों को करना चाहिए. -डॉ. एलसी मंढरिया, आई स्पेशलिस्ट

Eye Flu Hotspot In Chhattisgarh: दुर्ग बना कंजेक्टिवाइटिस का हॉट स्पॉट, रायपुर नंबर दो पर, पूरे प्रदेश में अब तक 19873 मरीज
Eye Flu Cases In Chhattisgarh : आई फ्लू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, बलरामपुर के हाॅस्टल में संक्रमिल मिले 20 बच्चे
Eye Flu: बीजापुर में दो पोटाकेबिन के 140 बच्चे आई फ्लू से संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

जुलाई में ब्लैक गॉगल की भारी डिमांड: ब्लैक गॉगल्स की डिमांड आम तौर पर मार्च-अप्रैल और मई के महीने में रहती थी. लेकिन इस बार आई फ्लू के कारण जुलाई में इसकी रिकॉर्ड बिक्री हो रही है. पिछले 3 सालों में देखा जाए तो तेज धूप की वजह से गर्मी में जितनी डिमांड ब्लैक गॉगल्स की थी उससे कहीं ज्यादा डिमांड जुलाई में हो रही है. ऐसे में दुकानदार ब्लैक गॉगल के लिए कंपनियों से सीधे माल की डिमांड कर रहे हैं. पिछले 3 साल में बिक्री की बात करें तो.

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आई फ्लू ने बढ़ाई ब्लैक चश्मों की मांग

ब्लैक गॉगल की बिक्री
गर्मी में साल 2021 में 3 करोड़ 56 लाख 32000 रुपये की बिक्री हुई थी. साल 2022 में 1 करोड़ 35 लाख 30000 रुपये, साल 2023 में गर्मी में 1 करोड़ 15 लाख 60000 रुपये की बिक्री हुई थी, जबकि जुलाई में दोगुना बिक्री हुई है.

बिलासपुर में है चश्मे का होलसेल मार्केट: शहर में आम चश्मे और गॉगल्स का होलसेल मार्केट है. पूरे प्रदेश के साथ ही देशभर में कई जगहों पर बिलासपुर से चश्मे भेजे जाते हैं. जुलाई के महीने में इस बार गॉगल्स की रिकोर्ड तोड़ बिक्री हुई हैं. ऑप्टिकल संघ के मुताबिक इस महीने 3 करोड़ 56 लाख 45000 रुपये के काले चश्मे बिके हैं.

रायपुर में इतना हुआ कारोबार: जुलाई 2022 में अकेले रायपुर में 5000 काले चश्मे की बिक्री हुई थी, यानी लगभग 7 लाख 50 हजार रुपए का कारोबार हुआ. वहीं जुलाई 2023 में रायपुर में काले चश्मे का कारोबार पांच गुना बढ़ा. 25 हजार चश्मे की बिक्री के साथ लगभग 37 लाख रुपए का कारोबार हुआ है.

साल 2023 के जुलाई के महीने में आई फ्लू होने की वजह से काले चश्मे का कारोबार भी पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ा है. दूसरे चश्मा की तुलना में आई फ्लू की वजह से काले चश्मे का कारोबार तेजी से बढ़ा है. आई फ्लू की चपेट में सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे आए हैं. आई फ्लू होने की वजह से काले चश्मे का कारोबार रायपुर में 5 से 6 गुना बढ़ा है. -विक्रांत राठौर, सचिव, रायपुर ऑप्टिकल संघ

चश्मा दुकान संचालकों की बल्ले बल्ले: बिलासपुर के चश्मा दुकान संचालक शिव बालक चौहान ने बताया कि इस समय शहर में कंजेक्टिवाइटिस संक्रमण फैला हुआ है, जिससे लोगों को आंखों में तकलीफ हो रही है. इसलिए लोग काले चश्मे पहन रहे हैं. काले चश्मे की अचानक ही डिमांड सामने आई है और जितनी हो सके वो काले चश्मे की पूर्ति कर रहे हैं.एक और दुकान संचालक गुलशन कुमार का कहना है कि काले चश्मे की डिमांड के साथ ही लोग सुरक्षित चश्मा की मांग कर रहे हैं. ताकि उनकी आंखे सुरक्षित रहे.

पहले 100 से 150 काले चश्मे बिकते थे, अब एक दिन में 250 से 300 बिक रहे हैं. शिव बालक चौहान, चश्मा दुकान संचालक

आई फ्लू के कारण डिमांड बढ़ गई है. आंखों को प्रोटेक्ट रखने वाले चश्मे ज्यादा बिक रहे हैं. गुलशन कुमार, चश्मा दुकान संचालक

बिलासपुर में आई फ्लू के मरीज: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में इस समय कंजेक्टिवाइटिस के लगभग 3000 मरीज मिल चुके हैं, लेकिन यह शासकीय आंकड़े हैं. कई ऐसे भी लोग है जो हॉस्पिटल तक नहीं पहुंचे और निजी अस्पतालों के साथ ही मेडिकल से आई ड्रॉप लेकर या घरेलू नुस्खे अपनाकर आई फ्लू से लड़ रहे हैं. ऐसे लोगों की बात करें तो इनकी संख्या कई हजार तक चली गई है.

आई ड्रॉप्स की क्या है कीमतें: आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने से बाजार में आई ड्रॉप्स समेत एंटी एलर्जिक दवाओं की डिमांड भी बढ़ गई है. बिलासपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों में आई ड्रॉप्स की मांग के अनुसार ही पूर्ति भी है, जिससे दाम में कोई बदलाव नहीं आया है. कोरबा में आई ड्रॉप्स की पूर्ति में कुछ कमी आई है. हालांकि सरकारी अस्पतालों का दावा है कि दवाइयां भरपूर मात्रा में है.

छत्तीसगढ़ में आई फ्लू : पूरे प्रदेश में अब तक कंजेक्टिवाइटिस के 19 हजार 873 मरीज मिले हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मरीज दुर्ग और सबसे कम मरीज सूरजपुर में मिले हैं.

जिलामरीजों की सख्याजिलामरीजों की सख्याजिलामरीजों की सख्या
बालोद1166महासमुंद380मुंगेली1015
बलोदा बाजार 1563 गरियाबंद32नारायणपुर122
बलरामपुर50जांजगीर चांपा267रायगढ़315
बस्तर1165जशपुर1540रायपुर3668
बीजापुर85कांकेर308राजनांदगांव580
बेमेतरा 175कवर्धा507सुकमा50
बिलासपुर3000कोंडागांव110सूरजपुर19
दंतेवाड़ा 30कोरबा400सरगुजा327
धमतरी 541कोरिया264
दुर्ग3746सक्ती195

क्या है आई फ्लू: आई फ्लू जिसे हम कंजेक्टिवाइटिस या आम भाषा में आंख आना भी कहते हैं. ये एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमण के कारण एक से दूसरे तक पहुंचती है. आई फ्लू के दौरान आंखे लाल हो जाती है. पानी आने लगता है. उनमें खुजली होने लगती है. आंखों में सूजन के साथ ही चुभन भी होती है. आंखे चिपचिपी हो जाती है. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए.

आई फ्लू के दौरान सावधानी: आई फ्लू संक्रमण से फैलता है. इसलिए आई फ्लू होने के दौरान साफ सफाई का खास ख्याल रखना है. मरीज अपनी यूज की हुई चीजों को यहां वहां ना फैलाए. हर आधे घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोएं. चश्मे का इस्तेमाल करें. आंखों को बार बार ना छुए. अपना तौलिया अलग और साफ रखे. टीवी और मोबाइल से दूरी बनाकर आंखों को आराम दें.

आई फ्लू ने बढ़ाई ब्लैक चश्मों की मांग

बिलासपुर: बारिश में डायरिया के साथ ही अब पूरे देश में आई फ्लू ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ में अब तक आई फ्लू के लगभग 20 हजार मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना की ही तरह आई फ्लू के मामलों में दुर्ग नंबर एक पर बना हुआ है. रायपुर दूसरे नंबर पर हैं. बिलासपुर में आई फ्लू के 3000 मरीज है. यहां तेजी से बढ़ते Eye Flu के कारण लोग काला चश्मा खरीदने लगे हैं. गर्मी के दिनों में आम तौर पर 100 से डेढ़ सौ गॉगल्स हर रोज बिकते थे लेकिन इन दिनों कंजेक्टिवाइटिस के फैलाव से जुलाई के महीने में 250 से 300 गॉगल्स हर रोज बिक रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में बिक गए एक लाख काले चश्मे

आई फ्लू से काले चश्में की मांग बढ़ी: बिलासपुर में कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा है. यह शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैलने लगा है. लगभग हर चौथा व्यक्ति कंजेक्टिवाइटिस का शिकार हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग आई फ्लू को रोकने लोगों को जागरूक करने के साथ ही जगह जगह कैंप लगाकर जांच कर रहा है. वहीं आई फ्लू के शिकार मरीज और दूसरे लोग इससे बचने के लिए ब्लैक गॉगल पहन रहे हैं. ब्लैक गॉगल की डिमांड बाजार में इस कदर बढ़ गई है कि चश्मा दुकान संचालक इसकी भरपाई पूरी तरह से नहीं कर पा रहे हैं.

चश्मा लगाने से होता है आंखों का प्रोटेक्शन: कंजेक्टिवाइटिस के फैलाव से जहां एक तरफ लोगों में इसका डर देखा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में आंखों के डॉक्टर काला चश्मा लगाने की सलाह देते हैं. बिलासपुर शहर के मशहूर डॉक्टर एलसी मंढरिया ने कहा कि इस समय दोनों मौसम एक साथ हो जा रहा है. बारिश और गर्मी, इसीलिए कंजेक्टिवाइटिस हो रहा है. इस समय कंजेक्टिवाइटिस में वायरल और बैक्टीरियल है और बचाव के लिए खुद को सुरक्षित रखना जरूरी है. जैसे किसी से भी हाथ नहीं मिलाना चाहिए और जिसे कंजेक्टिव वायरस है उसके संपर्क में नहीं आना चाहिए. उसके कपड़े, बिस्तर, टावेल, साबुन इन चीजों को दूर रखना चाहिए. यदि घर में किसी एक को यह वायरस है तो बाकी लोगों को भी इसका असर होता है. इसलिए संक्रमित व्यक्ति को खुद आइसोलेट करके रहे.

चश्मा लगाने से होता है आंखों का प्रोटेक्शन

काले चश्मे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति की आदत में शुमार है कि वह थोड़ी थोड़ी देर में चेहरे को छूता है या आंखों को हाथों से मलता है. यही वजह है कि यदि संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसके संपर्क में आने से बैक्टीरिया हाथों में आ जाता है और फिर आंखों को छूने से वह संक्रमित कर देता है. इसलिए चश्मे का उपयोग स्वस्थ और इनफेक्टेड व्यक्ति दोनों को करना चाहिए. -डॉ. एलसी मंढरिया, आई स्पेशलिस्ट

Eye Flu Hotspot In Chhattisgarh: दुर्ग बना कंजेक्टिवाइटिस का हॉट स्पॉट, रायपुर नंबर दो पर, पूरे प्रदेश में अब तक 19873 मरीज
Eye Flu Cases In Chhattisgarh : आई फ्लू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, बलरामपुर के हाॅस्टल में संक्रमिल मिले 20 बच्चे
Eye Flu: बीजापुर में दो पोटाकेबिन के 140 बच्चे आई फ्लू से संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

जुलाई में ब्लैक गॉगल की भारी डिमांड: ब्लैक गॉगल्स की डिमांड आम तौर पर मार्च-अप्रैल और मई के महीने में रहती थी. लेकिन इस बार आई फ्लू के कारण जुलाई में इसकी रिकॉर्ड बिक्री हो रही है. पिछले 3 सालों में देखा जाए तो तेज धूप की वजह से गर्मी में जितनी डिमांड ब्लैक गॉगल्स की थी उससे कहीं ज्यादा डिमांड जुलाई में हो रही है. ऐसे में दुकानदार ब्लैक गॉगल के लिए कंपनियों से सीधे माल की डिमांड कर रहे हैं. पिछले 3 साल में बिक्री की बात करें तो.

Chhattisgarh news
आई फ्लू ने बढ़ाई ब्लैक चश्मों की मांग

ब्लैक गॉगल की बिक्री
गर्मी में साल 2021 में 3 करोड़ 56 लाख 32000 रुपये की बिक्री हुई थी. साल 2022 में 1 करोड़ 35 लाख 30000 रुपये, साल 2023 में गर्मी में 1 करोड़ 15 लाख 60000 रुपये की बिक्री हुई थी, जबकि जुलाई में दोगुना बिक्री हुई है.

बिलासपुर में है चश्मे का होलसेल मार्केट: शहर में आम चश्मे और गॉगल्स का होलसेल मार्केट है. पूरे प्रदेश के साथ ही देशभर में कई जगहों पर बिलासपुर से चश्मे भेजे जाते हैं. जुलाई के महीने में इस बार गॉगल्स की रिकोर्ड तोड़ बिक्री हुई हैं. ऑप्टिकल संघ के मुताबिक इस महीने 3 करोड़ 56 लाख 45000 रुपये के काले चश्मे बिके हैं.

रायपुर में इतना हुआ कारोबार: जुलाई 2022 में अकेले रायपुर में 5000 काले चश्मे की बिक्री हुई थी, यानी लगभग 7 लाख 50 हजार रुपए का कारोबार हुआ. वहीं जुलाई 2023 में रायपुर में काले चश्मे का कारोबार पांच गुना बढ़ा. 25 हजार चश्मे की बिक्री के साथ लगभग 37 लाख रुपए का कारोबार हुआ है.

साल 2023 के जुलाई के महीने में आई फ्लू होने की वजह से काले चश्मे का कारोबार भी पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ा है. दूसरे चश्मा की तुलना में आई फ्लू की वजह से काले चश्मे का कारोबार तेजी से बढ़ा है. आई फ्लू की चपेट में सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे आए हैं. आई फ्लू होने की वजह से काले चश्मे का कारोबार रायपुर में 5 से 6 गुना बढ़ा है. -विक्रांत राठौर, सचिव, रायपुर ऑप्टिकल संघ

चश्मा दुकान संचालकों की बल्ले बल्ले: बिलासपुर के चश्मा दुकान संचालक शिव बालक चौहान ने बताया कि इस समय शहर में कंजेक्टिवाइटिस संक्रमण फैला हुआ है, जिससे लोगों को आंखों में तकलीफ हो रही है. इसलिए लोग काले चश्मे पहन रहे हैं. काले चश्मे की अचानक ही डिमांड सामने आई है और जितनी हो सके वो काले चश्मे की पूर्ति कर रहे हैं.एक और दुकान संचालक गुलशन कुमार का कहना है कि काले चश्मे की डिमांड के साथ ही लोग सुरक्षित चश्मा की मांग कर रहे हैं. ताकि उनकी आंखे सुरक्षित रहे.

पहले 100 से 150 काले चश्मे बिकते थे, अब एक दिन में 250 से 300 बिक रहे हैं. शिव बालक चौहान, चश्मा दुकान संचालक

आई फ्लू के कारण डिमांड बढ़ गई है. आंखों को प्रोटेक्ट रखने वाले चश्मे ज्यादा बिक रहे हैं. गुलशन कुमार, चश्मा दुकान संचालक

बिलासपुर में आई फ्लू के मरीज: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में इस समय कंजेक्टिवाइटिस के लगभग 3000 मरीज मिल चुके हैं, लेकिन यह शासकीय आंकड़े हैं. कई ऐसे भी लोग है जो हॉस्पिटल तक नहीं पहुंचे और निजी अस्पतालों के साथ ही मेडिकल से आई ड्रॉप लेकर या घरेलू नुस्खे अपनाकर आई फ्लू से लड़ रहे हैं. ऐसे लोगों की बात करें तो इनकी संख्या कई हजार तक चली गई है.

आई ड्रॉप्स की क्या है कीमतें: आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने से बाजार में आई ड्रॉप्स समेत एंटी एलर्जिक दवाओं की डिमांड भी बढ़ गई है. बिलासपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों में आई ड्रॉप्स की मांग के अनुसार ही पूर्ति भी है, जिससे दाम में कोई बदलाव नहीं आया है. कोरबा में आई ड्रॉप्स की पूर्ति में कुछ कमी आई है. हालांकि सरकारी अस्पतालों का दावा है कि दवाइयां भरपूर मात्रा में है.

छत्तीसगढ़ में आई फ्लू : पूरे प्रदेश में अब तक कंजेक्टिवाइटिस के 19 हजार 873 मरीज मिले हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मरीज दुर्ग और सबसे कम मरीज सूरजपुर में मिले हैं.

जिलामरीजों की सख्याजिलामरीजों की सख्याजिलामरीजों की सख्या
बालोद1166महासमुंद380मुंगेली1015
बलोदा बाजार 1563 गरियाबंद32नारायणपुर122
बलरामपुर50जांजगीर चांपा267रायगढ़315
बस्तर1165जशपुर1540रायपुर3668
बीजापुर85कांकेर308राजनांदगांव580
बेमेतरा 175कवर्धा507सुकमा50
बिलासपुर3000कोंडागांव110सूरजपुर19
दंतेवाड़ा 30कोरबा400सरगुजा327
धमतरी 541कोरिया264
दुर्ग3746सक्ती195

क्या है आई फ्लू: आई फ्लू जिसे हम कंजेक्टिवाइटिस या आम भाषा में आंख आना भी कहते हैं. ये एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमण के कारण एक से दूसरे तक पहुंचती है. आई फ्लू के दौरान आंखे लाल हो जाती है. पानी आने लगता है. उनमें खुजली होने लगती है. आंखों में सूजन के साथ ही चुभन भी होती है. आंखे चिपचिपी हो जाती है. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए.

आई फ्लू के दौरान सावधानी: आई फ्लू संक्रमण से फैलता है. इसलिए आई फ्लू होने के दौरान साफ सफाई का खास ख्याल रखना है. मरीज अपनी यूज की हुई चीजों को यहां वहां ना फैलाए. हर आधे घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोएं. चश्मे का इस्तेमाल करें. आंखों को बार बार ना छुए. अपना तौलिया अलग और साफ रखे. टीवी और मोबाइल से दूरी बनाकर आंखों को आराम दें.

Last Updated : Aug 1, 2023, 1:43 PM IST
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