रायपुर: कोर्ट ने सूर्यकांत तिवारी को 12 दिन की रिमांड पर ई़डी के हवाले कर दिया है. 10 नवंबर को बाकी आरोपियों के साथ सूर्यकांत तिवारी को भी ईडी कोर्ट में पेश करेगी. इससे पहले सूर्यकांत तिवारी के न्यायालय में सरेंडर के साथ ही ईडी ने पीएमएलए एक्ट का उल्लेख करते हुए सरेंडर पर विधिक प्रश्न लगाए थे. ईडी की ओर से उनके वकील ने सूर्यकांत तिवारी के आत्मसमर्पण को चुनौती दी. ई़डी की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि "हमें इनकी आवश्यकता है तो हम इन्हें समन करेंगे. ईडी की कार्रवाई में आत्मसमर्पण की व्यवस्था नहीं है." कोर्ट में वकीलों के बीच बहस के बाद तिवारी को 12 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया गया.
छापेमारी के दौरान से फरार चल रहा था कारोबारी: छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर को कई जगहों पर ईडी ने छापेमार कार्रवाई की थी. जिसमें राजधानी रायपुर, दुर्ग, रायगढ़, कोरबा और महासमुंद के कई जगहों पर दबिश दी गई थी. ईडी ने रायपुर में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, महासमुंद में रहने वाले उनके ससुर और पूर्व कांग्रेसी विधायक अग्नि चंद्राकर के घर दबिश दी थी. साथ ही अजय नायडू, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू, सनी लुनिया, बादल मक्कड़, देवेंद्र नगर में रहने वाले सीए विराज मालू, कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल, कोयला व्यपारी जय अम्बे ट्रांसपोर्ट के पार्टनर नवनीत तिवारी, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया के ठिकानों पर भी छापेमार कार्रवाई की थी. ईडी ने जब छापामार कार्रवाई शुरू की उसके बाद से सूर्यकांत तिवारी फरार बताए जा रहे थे, लेकिन उनके सरेंडर के बाद से राज्य की राजनीतिक सियासत में खलबली मच गई है.
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आईएएस अधिकारी को कोर्ट ने भेजा जेल: ईडी की छापेमार कार्रवाई में कई आईएएस भी घेरे में आए हैं. इसी के तहत बीते दिनों IAS अधिकारी समीर विश्नोई को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है, उनके साथ कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को भी जेल भेजा गया था. न्यायिक रिमांड की यह अवधि 10 नवम्बर को पूरी हो रही है. उस दिन तीनों आरोपियों को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा.