छठ पूजा का त्योहार परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए 4 दिनों तक पूरे विधि विधान व स्वच्छता के कड़े नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है. चार दिनों तक चलने वाले महापर्व को लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भी महिला पुरुष करते हैं. इसके अलावा भी इस व्रत को संपूर्ण करने के लिए कुछ कड़े तौर तरीकों का पालन किया जाता है, ताकि इस महापर्व में किसी तरह की कोई चूक न हो और छठ माता की पूजा में किसी तरह की कोई बाधा न पड़े.
आइए जानते हैं छठ पूजा से जुड़े कुछ खास जरुरी बातें, जिनका पालन करना अति आवश्यक माना जाता है....
1. बच्चों की बनाए रखें दूरी
छठ पूजा की तैयारी करते समय घर के छोटे बच्चों को पूजा पाठ का कोई भी सामान छोटे बच्चों को न छूने दें. अगर बहुत जरुरी हो तो उनकी साफ सफाई और उनके गंदे हाथों को धुलवाने के बाद ही सामान छूने की अनुमति दें. अगर वह गलती से किसी सामान को बिना सावधानी के छू देते हैं तो उस सामान को दोबारा इस्तेमाल न करें. अगर बच्चे पूजा संपन्न होने के पहले किसी प्रसाद खाने की जिद्द करें, तो भी बच्चों को तब तक प्रसाद न चखने दें. पूजा खत्म होने के पहले पूजा के किसी सामान का इस्तेमाल वर्जित है.
2. नकारात्मकता से बनाएं अपनी दूरी
छठ पूजा के दौरान व्रती या व्रती के परिवार के लोगों को ऐसे अनैतिक कार्यों से दूरी बनाए रखनी चाहिए, जिसको समाज में गलत माना जाता है. साथ ही अपनी बोली व भाषा को भी काफी संयमित रखना चाहिए. इस दौरान किसी भी तरह की अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए. वाद विवाद व झगड़े वाली स्थिति से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसा करने से अनावश्यक रुप से पूजा के समय में मन में नकारात्मकता भर जाती है और न चाहते हुए भी पूजा करने वालों का ध्यान भटकता है.
3. नशे, मांसाहार व प्याज और लहसुन से दूरी
नहाय खाय से लेकर आखिरी दिन तक चलने वाली पूजा में खास तौर से चार दिनों तक घर परिवार में लहसुन प्याज का न हो इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस पर्व में अगर जो व्रत नहीं भी रख रहे हों, उनको भी लहसुन-प्याज के सेवन करने से बचना चाहिए और पवित्रता का पालन करना चाहिए. इस दौरान सात्विक भोजन करना बेहतर होता है. साथ ही घर परिवार के लोगों को मांस-मदिरा जैसी चीजों से दूरी बनाए रखनी चाहिए.
4. दांपत्य संबंधों से दूरी
जो भी महिलाएं या पुरुष छठ माता की पूजा में शरीक होते हैं. इन दिनों में उनको अपने दांपत्य संबंधों से भी बचना चाहिए और शुद्ध तन मन से छठ की पूजा में भाग लेना चाहिए. इतना ही नहीं ऐसे बिस्तर व सुख सुविधा की चीजों से दूरी बनाए रखनी चाहिए जो आमतौर पर दैनिक जीवन में नियमित रुप से इस्तेमाल की जाती हैं. पूजा करने वालों को जमीन पर कपड़ा या दरी बिछाकर सोना चाहिए. या लकड़ी की साफ चौकी का इस्तेमाल करना चाहिए.
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5. सामान्य किचन से दूरी
छठ माता की पूजा का सामान व प्रसाद बनाने के लिए अपने सामान्य किचन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि इसके लिए एक साफ सुथरे कमरे या जगह पर साफ सुथरे तरीके या नए चूल्हे पर प्रसाद का सामान बनाना चाहिए. इससे शुद्धता बनी रहती है.
6. फटे पुरान व गंदे कपड़ों से दूरी
छठ माता की पूजा और प्रसाद की तैयारी के दौरान साफ-सुथरे और शुद्ध कपड़े ही पहनने का नियम है. इस दौरान गंदे और फटे पुराने कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है. अगर सामर्थ्य हो तो नए वस्त्रों का इस्तेमाल करें और अगर नए कपड़े नहीं खरीद सकते हैं तो पुराने कपड़ों को सावधानी व सफाई के साथ धोकर इस्तेमाल करें.
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