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चेन्नीथला ने सहकारिता पर केंद्र के कदम के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष दलों से हाथ मिलाने का आग्रह किया

नया सहकारिता मंत्रालय बनाने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने केंद्र की आलोचना की है. उन्होंने इसके खिलाफ धर्मनिरपेक्ष दलों से एकजुट होने के लिए कहा है.

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Published : Jul 11, 2021, 5:22 PM IST

Chennithala
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तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने नया सहकारिता मंत्रालय बनाने को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए देश के धर्मनिरपेक्ष दलों से अपील की कि वे इस प्रमुख क्षेत्र का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और (राष्ट्रीय स्वयंसेवक) संघ के उठाए कदम से खिलाफ एकजुट होकर संयुक्त लड़ाई शुरू करें.

चेन्नीथला ने कहा, यह केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे उन राज्यों में सहकारी समितियों का नियंत्रण हासिल करने का मोदी सरकार का असंवैधानिक और सांप्रदायिक कदम है, जहां सहकारिता आंदोलन काफी मजबूत है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से एकजुट होने और इस कदम के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल को राष्ट्रपति से मिलकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करना चाहिए.

केरल विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता चेन्नीथला ने कहा कि विपक्ष को इस मामले में कानूनी कदम भी उठाना चाहिए, क्योंकि सहकारी समितियां भारत के संविधान की राज्य सूची की प्रविष्टि 32 के माध्यम से सातवीं अनुसूची में राज्य का विषय है.

पढ़ें :- 'सहकारिता मंत्रालय देश के संघवाद में घुसपैठ'

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले केरल सरकार ने कहा था कि वह कोई कार्रवाई करने से पहले यह समझने की कोशिश करेगी कि केंद्र ने सहकारिता मंत्रालय किस मकसद से बनाया.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा, चूंकि सहकारी समितियां राज्य का विषय हैं, इसलिए राज्यों को इस तरह की चिंता होना स्वाभाविक है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नव निर्मित मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. शाह ने कहा कि सरकार सहकारी समितियों और सभी सहकारी संस्थानों को और सशक्त बनाने के लिए दृढ़ है.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने नया सहकारिता मंत्रालय बनाने को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए देश के धर्मनिरपेक्ष दलों से अपील की कि वे इस प्रमुख क्षेत्र का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और (राष्ट्रीय स्वयंसेवक) संघ के उठाए कदम से खिलाफ एकजुट होकर संयुक्त लड़ाई शुरू करें.

चेन्नीथला ने कहा, यह केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे उन राज्यों में सहकारी समितियों का नियंत्रण हासिल करने का मोदी सरकार का असंवैधानिक और सांप्रदायिक कदम है, जहां सहकारिता आंदोलन काफी मजबूत है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से एकजुट होने और इस कदम के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल को राष्ट्रपति से मिलकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करना चाहिए.

केरल विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता चेन्नीथला ने कहा कि विपक्ष को इस मामले में कानूनी कदम भी उठाना चाहिए, क्योंकि सहकारी समितियां भारत के संविधान की राज्य सूची की प्रविष्टि 32 के माध्यम से सातवीं अनुसूची में राज्य का विषय है.

पढ़ें :- 'सहकारिता मंत्रालय देश के संघवाद में घुसपैठ'

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले केरल सरकार ने कहा था कि वह कोई कार्रवाई करने से पहले यह समझने की कोशिश करेगी कि केंद्र ने सहकारिता मंत्रालय किस मकसद से बनाया.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा, चूंकि सहकारी समितियां राज्य का विषय हैं, इसलिए राज्यों को इस तरह की चिंता होना स्वाभाविक है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नव निर्मित मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. शाह ने कहा कि सरकार सहकारी समितियों और सभी सहकारी संस्थानों को और सशक्त बनाने के लिए दृढ़ है.

(पीटीआई-भाषा)

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