अमरावती: टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा को लेकर उनके परिजनों और समर्थकों को गंभीर चिंता है. वह कथित तौर पर अभी भी माओवादियों की हिट लिस्ट में हैं. उन्हें राजामहेंद्रवरम सेंट्रल जेल में रखा गया है, जहां माओवादी और उनके समर्थक हैं. जानकारी के अनुसार यहां दुर्दांत अपराधी, हत्यारे, सुपारी गिरोह, उपद्रवी, हिंसक अपराधी और मारिजुआना तस्कर भी हैं. उनके परिजनों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि ऐसी जगह पर रखने से चंद्रबाबू की जान को खतरा है.
बताया जा रहा है कि जेल अधिकारियों ने चंद्रबाबू को जेल में निर्धारित बैरक को छोड़कर बाहर न जाने की सलाह दी है. इससे पता चलता है कि उनकी सुरक्षा कितनी खतरे में है. जैसे ही उन्हें जेल भेजा गया, वहां कोई एनएसजी कमांडो सुरक्षा नहीं थी. जेल के चार-पांच कर्मचारी ही शिफ्टों में लाठी लेकर पहरा दे रहे हैं. उनके परिजनों को चिंता इस बात की है कि उनकी जान को माओवादियों से खतरा होने के कारण उन्हें एनएसजी कमांडो की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब उसे हटा दिया गया है.
परिजनों का कहना है कि अब उन्हें माओवादियों के साथ बिना सुरक्षा के रखा जा रहा है. टीडीपी के कार्यकर्ताओं का मानना है कि एनएसजी कमांडो की सुरक्षा हटाने के लिए ही उन्हें एक अवैध मामले में जेल भेजा गया. इससे पहले माओवादियों ने अलीपिरी में चंद्रबाबू पर बम से हमला किया था. बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी और एनएसजी कमांडो उनकी सुरक्षा कर रहे थे.
राजामहेंद्रवरम सेंट्रल जेल में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी लोग लॉकअप के बाहर रहते हैं. इनमें कट्टर अपराधी, हथियारबंद लोग और कई अन्य लोग शामिल हैं. यदि उनमें से कोई यह सोचकर लॉकअप के बाहर भागता है कि वे चंद्रबाबू की जान को खतरा पहुंचाना चाहते हैं, तो क्या उन्हें केवल लाठियों से नियंत्रित करना संभव है? जेल में स्टाफ की कमी के कारण कुछ कैदियों को स्टाफ बनाकर उनसे काम लिया जाता है.
टीडीपी ने सवाल किया कि अगर वहां काम करने के लिए जाने वाले लोग चंद्रबाबू को कोई नुकसान पहुंचाएंगे तो क्या स्थिति होगी? पूर्व गृह मंत्री चिनराजप्पा ने टिप्पणी की कि राजामहेंद्रवरम सेंट्रल जेल सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकारियों की नजर में है. यह फैलाया जा रहा है कि यहां कुछ ऐसे अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, जो पूरी तरह से सरकार के पक्षधर हैं. स्नेहा ब्लॉक, जहां चंद्रबाबू रह रहे हैं वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
मालूम हो कि चंद्रबाबू ने कमरे की व्यवस्था पर भी आपत्ति जताई थी. जेल में चंद्रबाबू की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर संदेह की पृष्ठभूमि में तटीय आंध्र जेल विभाग के डीआइजी रवि किरण ने बुधवार सुबह निरीक्षण किया. उन्होंने जमीनी स्तर पर चिन्हित मुद्दों पर कोई बयान जारी नहीं किया. जेल अधिकारियों का कहना है कि ये नियमित जांच है.