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वायु प्रदूषण से ही नहीं बल्कि पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत : रिसर्च

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Published : Aug 19, 2021, 3:21 PM IST

पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और पंजाब विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मुताबिक आपकी सेहत सिर्फ वायु प्रदूषण से ही नहीं बल्कि पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है.

वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण

चंडीगढ़ : पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Chandigarh Pgi) और पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University Chandigarh) के वैज्ञानिकों ने मिलकर चंडीगढ़ में मुख्य पोलिन, उनकी तीव्रता, विविधताओं पर शोध किया है. जिसके बाद पीजीआई में पौधों के पराग कणों पर आधारित एक पोलन कैलेंडर (Pollen Calendar) बनाया है. ये कैलेंडर स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर रविंदर खैवाल की ओर से बनाया गया है. इस कैलेंडर के माध्यम से लोगों को पौधों से होने वाली एलर्जी (plant allergies) से बचने में मदद मिलेगी.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर रविंदर खैवाल (Professor Ravinder Khaiwal) ने बताया कि इस कैलेंडर (Pollen Calendar) को बनाने में 2 साल से ज्यादा का वक्त लगा है. इस कैलेंडर में ये बताया गया है कि कौन से पौधे किस मौसम में पनपते हैं और पराग कण छोड़ते हैं. ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कई ऐसे पौधे होते हैं जिससे इंसानों को एलर्जी (plant allergies) हो जाती है. इस एलर्जी से अन्य कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए हमारे लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि कौन से पौधे किस मौसम में पराग कण छोड़ते हैं.

पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत
पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत

प्रोफेसर रविंद्र ने कहा कि देश में 20% ऐसे लोग हैं. जिन्हें अलग-अलग पौधों से एलर्जी है. जबकि दुनिया में करीब 30% लोग पौधों से होने वाली एलर्जी का शिकार हैं. रविंद्र ने बताया कि एलर्जी क्लीनिक में जा कर लोग ये पता कर सकते हैं कि उन्हें किस पौधे से एलर्जी है. इसके बाद इस कैलेंडर की मदद से उन्हें ये पता चल जाएगा कि जिस पौधे से उन्हें एलर्जी है, वो पौधा किस मौसम में परागकण ज्यादा छोड़ता है.

पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत

इससे वो इंसान उस पौधे के पास नहीं जाएगा और उस पौधे से होने वाली एलर्जी से बच सकता है. सीजन के दौरान पौधे अपने आसपास की प्रति मीटर हवा में पराग के 800 कण तक छोड़ सकते हैं. जो शख्स को बीमार कर सकते हैं. इस रिसर्च में करीब 74 पौधों को शामिल किया गया है. जो इंसानों में एलर्जी पैदा करने के लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं. ये पौधे लगभग हर शहर में ही पाए जाते हैं. चंडीगढ़ में भी ये पौधे बड़ी मात्रा में हैं. लोग अपने घरों में भी अलग-अलग पौधे लगाते हैं, लेकिन उन पौधों में भी कई पौधे ऐसे होते हैं. जो एलर्जी पैदा कर सकते हैं.

पढ़ें - विश्व फोटोग्राफी दिवस 2021: कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास के जश्न का दिन

अगर लोगों को पता होगा कि कौन सा पौधा किस मौसम में एलर्जी उत्पन्न कर सकता है. तो वो उस वक्त सावधानी बरत कर कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं. जैसे- मास्क लगाकर या फिर उन पौधे से दूर रहकर लोग खुद को बचा सकते हैं. एलर्जी के लक्षणों के बारे में डॉक्टर रविंद्र ने बताया कि गले में खराश होना, त्वचा पर निशान पड़ना, आंखों में सूजन, आंखें लाल होना, सर्दी, जुकाम या बुखार होना ये सब पौधे से होने वाली एलर्जी के लक्षण हैं. भविष्य में ये बीमारी गंभीर हो सकती हैं. इसलिए इस कैलेंडर को बनाने की जरूरत महसूस हुई. करीब 2 साल की रिसर्च के बाद इस कैलेंडर को तैयार किया गया है.

चंडीगढ़ : पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Chandigarh Pgi) और पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University Chandigarh) के वैज्ञानिकों ने मिलकर चंडीगढ़ में मुख्य पोलिन, उनकी तीव्रता, विविधताओं पर शोध किया है. जिसके बाद पीजीआई में पौधों के पराग कणों पर आधारित एक पोलन कैलेंडर (Pollen Calendar) बनाया है. ये कैलेंडर स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर रविंदर खैवाल की ओर से बनाया गया है. इस कैलेंडर के माध्यम से लोगों को पौधों से होने वाली एलर्जी (plant allergies) से बचने में मदद मिलेगी.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर रविंदर खैवाल (Professor Ravinder Khaiwal) ने बताया कि इस कैलेंडर (Pollen Calendar) को बनाने में 2 साल से ज्यादा का वक्त लगा है. इस कैलेंडर में ये बताया गया है कि कौन से पौधे किस मौसम में पनपते हैं और पराग कण छोड़ते हैं. ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कई ऐसे पौधे होते हैं जिससे इंसानों को एलर्जी (plant allergies) हो जाती है. इस एलर्जी से अन्य कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए हमारे लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि कौन से पौधे किस मौसम में पराग कण छोड़ते हैं.

पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत
पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत

प्रोफेसर रविंद्र ने कहा कि देश में 20% ऐसे लोग हैं. जिन्हें अलग-अलग पौधों से एलर्जी है. जबकि दुनिया में करीब 30% लोग पौधों से होने वाली एलर्जी का शिकार हैं. रविंद्र ने बताया कि एलर्जी क्लीनिक में जा कर लोग ये पता कर सकते हैं कि उन्हें किस पौधे से एलर्जी है. इसके बाद इस कैलेंडर की मदद से उन्हें ये पता चल जाएगा कि जिस पौधे से उन्हें एलर्जी है, वो पौधा किस मौसम में परागकण ज्यादा छोड़ता है.

पौधे के पराग कण से भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत

इससे वो इंसान उस पौधे के पास नहीं जाएगा और उस पौधे से होने वाली एलर्जी से बच सकता है. सीजन के दौरान पौधे अपने आसपास की प्रति मीटर हवा में पराग के 800 कण तक छोड़ सकते हैं. जो शख्स को बीमार कर सकते हैं. इस रिसर्च में करीब 74 पौधों को शामिल किया गया है. जो इंसानों में एलर्जी पैदा करने के लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं. ये पौधे लगभग हर शहर में ही पाए जाते हैं. चंडीगढ़ में भी ये पौधे बड़ी मात्रा में हैं. लोग अपने घरों में भी अलग-अलग पौधे लगाते हैं, लेकिन उन पौधों में भी कई पौधे ऐसे होते हैं. जो एलर्जी पैदा कर सकते हैं.

पढ़ें - विश्व फोटोग्राफी दिवस 2021: कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास के जश्न का दिन

अगर लोगों को पता होगा कि कौन सा पौधा किस मौसम में एलर्जी उत्पन्न कर सकता है. तो वो उस वक्त सावधानी बरत कर कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं. जैसे- मास्क लगाकर या फिर उन पौधे से दूर रहकर लोग खुद को बचा सकते हैं. एलर्जी के लक्षणों के बारे में डॉक्टर रविंद्र ने बताया कि गले में खराश होना, त्वचा पर निशान पड़ना, आंखों में सूजन, आंखें लाल होना, सर्दी, जुकाम या बुखार होना ये सब पौधे से होने वाली एलर्जी के लक्षण हैं. भविष्य में ये बीमारी गंभीर हो सकती हैं. इसलिए इस कैलेंडर को बनाने की जरूरत महसूस हुई. करीब 2 साल की रिसर्च के बाद इस कैलेंडर को तैयार किया गया है.

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