हमारे देश के हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और इस दिन से हमारे हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत भी होती है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा के लिए कलश स्थापना करके 9 दिनों तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत होती है.
इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अलग-अलग दिनों में की जाती है और चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है, क्योंकि हमारी धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र माह के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को ही भगवान राम का जन्म हुआ था. इसलिए पूरे देश में रामनवमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हमारे हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का आरंभ माना जाता है.
हिंदू धर्म के धार्मिक पंचांग के अनुसार अबकी बार 21 मार्च दिन मंगलवार को रात 10:52 मिनट से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 22 मार्च दिन बुधवार को रात 8:20 बजे तक रहेगी. ऐसी स्थिति में रहेगी. इसलिए उदया तिथि की मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च दिन बुधवार को होगा और इसी दिन से 9 दिनों तक चलने वाले धार्मिक पर्व की शुरुआत होगी.
इन तिथियों पर होगी 9 स्वरूपों की पूजा
चैत्र नवरात्रि 2023 में नव दिनों तक नव स्वरूपों की पूजा अलग अलग दिनों में की जाएगा. इसीलिए अबकी बार नवरात्रि 9 दिनों की होगी. 22 मार्च से लेकर 30 मार्च 2023 तक चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा.
पहला दिन- 22 मार्च 2023, दिन बुधवार- मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा
दूसरा दिन- 23 मार्च 2023, दिन गुरुवार- मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा
तीसरा दिन- 24 मार्च 2023, दिन शुक्रवार- मां चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा
चौथा दिन- 25 मार्च 2023, दिन शनिवार- मां कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
पांचवां दिन- 26 मार्च 2023, दिन रविवार- मां स्कंदमाता स्वरूप की पूजा
छठा दिन- 27 मार्च 2023, दिन सोमवार- मां कात्यायनी स्वरूप की पूजा
सातवां दिन- 28 मार्च 2023, दिन मंगलवार- मां कालरात्रि स्वरूप की पूजा
आठवां दिन- 29 मार्च 2023, दिन बुधवार- मां महागौरी स्वरूप की पूजा
नवां दिन- 30 मार्च 2023, दिन गुरुवार- मां सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा