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अगर यूपी और अन्य राज्यों में चुनाव नहीं होते तो केंद्र कृषि कानून वापस नहीं लेता : पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, अगर उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं होने होते.

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Published : Nov 24, 2021, 9:44 PM IST

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, अगर उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं होने होते.

सतारा जिले के महाबलेश्वर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास अघाडी ( Shiv Sena-led Maha Vikas Aghadi ) (एमवीए) सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और भरोसा जताया कि अगर राज्य में आज चुनाव हो तो तीन दलों का गठबंधन फिर से सत्ता में वापसी करेगा.

पवार राकांपा की युवा इकाई के सम्मेलन में शामिल होने से पहले संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

गौरतलब है कि गत शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने तीनों कृषि कानूनों (three farm law) को वापस लेने की घोषणा की थी जिसके खिलाफ किसान करीब एक साल से दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे हैं.

एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, ' उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. हमारी सूचना के मुताबिक सत्ता से जुड़े लोग जब इन राज्यों के कुछ गांवों में गए तो स्थानीय लोगों द्वारा उनके साथ अलग व्यवहार किया गया. इसपर विचार करने के बाद संभवत: उन्होंने आकलन किया कि किस तरह का व्यवहार होगा जब वे गांवों में मतदान के लिए जाएंगे. ऐसा लगता है कि इस पृष्ठभूमि के आधार पर यह व्यावहारिक फैसला लिया गया.'

उन्होंने कहा, 'अगर इन राज्यों में हाल फिलहाल चुनाव नहीं होते तो यह फैसला नहीं लिया जाता.' जब पूछा गया कि भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (maharashtra bjp president chandrakant patil) ने टिप्पणी की है कि नए साल पर राज्य में सरकार बदल जाएगी, तब पवार ने कहा कि एमवीए (mva) की दो साल पहले सरकार बनी थी तब भी कहा गया था कि 15 दिनों में यह सरकार गिर जाएगी.

यह भी पढ़ें- Cabinet Briefing : संसद के शीतकालीन सत्र में रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, कैबिनेट ने लगाई मुहर

उन्होंने कहा, ' इसके बाद सुना गया गया कि एक महीने में, दो महीने में, तीन महीने और इसी तरह सरकार गिर जाएगी. पाटिल के पास समय है और वह ज्योतिष शास्त्र में हाथ आजमा रहे हैं और उसके आधार पर ऐसे आकलन कर रहे हैं. उन्हें इसका आनंद लेने दीजिए. हालांकि, यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और अगर हम एक साथ चुनाव में जाते हैं तो दोबारा सत्ता में आएंगे.'

केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र में की जा रही कार्रवाई के बारे में पवार ने कहा कि इसमें नया कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, ' हाल में मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West bengal cm mamata banerjee) से मुलाकात की थी. उनकी सरकार के छह से सात मंत्री हैं जिन्हें मौजूदा समय में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है.मैं उनसे अगले कुछ दिनों में मुंबई में मिलने वाला हूं.'

उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने गैर भाजपा शासित राज्यों को केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का रुख अपनाया है और उसी का सामना महाराष्ट्र कर रहा है. पवार ने कहा, 'उन्हें जांच करने दीजिए. कुछ सामने नहीं आएगा. सत्तारूढ़ लोगों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का यह सबसे बेहतरीन उदाहरण है.'

(पीटीआई भाषा)

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, अगर उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं होने होते.

सतारा जिले के महाबलेश्वर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास अघाडी ( Shiv Sena-led Maha Vikas Aghadi ) (एमवीए) सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और भरोसा जताया कि अगर राज्य में आज चुनाव हो तो तीन दलों का गठबंधन फिर से सत्ता में वापसी करेगा.

पवार राकांपा की युवा इकाई के सम्मेलन में शामिल होने से पहले संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

गौरतलब है कि गत शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने तीनों कृषि कानूनों (three farm law) को वापस लेने की घोषणा की थी जिसके खिलाफ किसान करीब एक साल से दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे हैं.

एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, ' उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. हमारी सूचना के मुताबिक सत्ता से जुड़े लोग जब इन राज्यों के कुछ गांवों में गए तो स्थानीय लोगों द्वारा उनके साथ अलग व्यवहार किया गया. इसपर विचार करने के बाद संभवत: उन्होंने आकलन किया कि किस तरह का व्यवहार होगा जब वे गांवों में मतदान के लिए जाएंगे. ऐसा लगता है कि इस पृष्ठभूमि के आधार पर यह व्यावहारिक फैसला लिया गया.'

उन्होंने कहा, 'अगर इन राज्यों में हाल फिलहाल चुनाव नहीं होते तो यह फैसला नहीं लिया जाता.' जब पूछा गया कि भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (maharashtra bjp president chandrakant patil) ने टिप्पणी की है कि नए साल पर राज्य में सरकार बदल जाएगी, तब पवार ने कहा कि एमवीए (mva) की दो साल पहले सरकार बनी थी तब भी कहा गया था कि 15 दिनों में यह सरकार गिर जाएगी.

यह भी पढ़ें- Cabinet Briefing : संसद के शीतकालीन सत्र में रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, कैबिनेट ने लगाई मुहर

उन्होंने कहा, ' इसके बाद सुना गया गया कि एक महीने में, दो महीने में, तीन महीने और इसी तरह सरकार गिर जाएगी. पाटिल के पास समय है और वह ज्योतिष शास्त्र में हाथ आजमा रहे हैं और उसके आधार पर ऐसे आकलन कर रहे हैं. उन्हें इसका आनंद लेने दीजिए. हालांकि, यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और अगर हम एक साथ चुनाव में जाते हैं तो दोबारा सत्ता में आएंगे.'

केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र में की जा रही कार्रवाई के बारे में पवार ने कहा कि इसमें नया कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, ' हाल में मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West bengal cm mamata banerjee) से मुलाकात की थी. उनकी सरकार के छह से सात मंत्री हैं जिन्हें मौजूदा समय में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है.मैं उनसे अगले कुछ दिनों में मुंबई में मिलने वाला हूं.'

उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने गैर भाजपा शासित राज्यों को केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का रुख अपनाया है और उसी का सामना महाराष्ट्र कर रहा है. पवार ने कहा, 'उन्हें जांच करने दीजिए. कुछ सामने नहीं आएगा. सत्तारूढ़ लोगों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का यह सबसे बेहतरीन उदाहरण है.'

(पीटीआई भाषा)

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