नई दिल्ली : मिशनरीज ऑफ चैरिटी (Missionaries of Charity) के एफसीआरए पंजीकरण (FCRA registration) को नवीनीकृत करने से इनकार करने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ईसाइयों को निशाना बना रहा है.
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने ट्वीट किया कि मदर टेरेसा और उनकी 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' (Missionaries of Charity) अल्पसंख्यकों के खिलाफ मोदी सरकार के शातिर, तामसिक और नफरत फैलाने वाले एजेंडे की नवीनतम शिकार हैं.
चिदंबरम ने भी साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि वर्ष 2021 समाप्त होते ही यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार ने अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक और लक्ष्य - ईसाइयों को ढूंढ लिया है. चिदंबरम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा कि वह अपने शर्लक होम्स जैसे कौशल का इस्तेमाल सांप्रदायिक हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों को दबाने के लिए करे, न कि ईसाई दान (Christian charity) और मानवीय कार्यों (humanitarian work) को दबाने के लिए.
उऩ्होंने कहा कि कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए भविष्य में विदेशी योगदान को नकारने से ज्यादा चौंकाने वाला कुछ नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि यह मदर टेरेसा (Mother Teresa) की स्मृति का सबसे बड़ा अपमान है, जिन्होंने भारत के गरीबों और दुखी लोगों की देखभाल के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
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कांग्रेस नेताओं का यह बयान गृह मंत्रालय के उस कदम के बाद आया है जिसमें पात्रता शर्तें पूरी नहीं करने के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए पंजीकरण को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया गया. गृह मंत्रालय को संस्था के विदेशी चंदे से जुड़े कुछ प्रतिकूल इनपुट मिले थे, जिसके आधार पर ये कदम उठाया गया है.