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Generic Medicine : सरकारी अस्पतालों से कहा गया है मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवाओं की सलाह दें: मंडाविया - लोकसभा खबर

सरकारी अस्पतालों से कहा गया है कि वह मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवाएं इस्तेमाल करने की सलाह दें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने ये बात लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कही.

Mansukh Mandaviya
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया
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Published : Jul 21, 2023, 6:28 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों से कहा गया है कि वे मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवाओं (Generic Medicine) की सलाह दें.

उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल जून तक पूरे देश में 30, 9,512 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं.

मांडविया ने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद नियमन, 2002 के तहत यह प्रावधान है कि हर फिजिशियन को सिर्फ जेनेरिक नाम वाली दवाइयां विशेष रूप से बड़े अक्षरों में लिखनी चाहिए.

उनका यह भी कहना था कि देश में गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.

युवाओं में हार्ट अटैक से अचानक मौत के मामलों पर हो रही स्ट्डी : वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद कुछ युवाओं की अचानक मृत्यु के मामले सामने आए हैं लेकिन इसका कारण बताने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं.

मांडविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) महामारी के हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के संबंध में तथ्यों का पता लगाने के लिए तीन अलग-अलग अध्ययन कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत में 18 साल से 45 साल के वयस्कों में अचानक मृत्यु के मामलों से जुड़े कारकों पर एक अध्ययन करीब 40 अस्पतालों/अनुसंधान केंद्रों में चल रहा है.

मांडविया ने कहा कि इसके अलावा युवाओं में अचानक मृत्यु के मामलों के कारणों का पता लगाने के लिए वर्चुअल और प्रत्यक्ष ऑटोप्सी के माध्यम से भी एक अध्ययन चल रहा है.

ये भी पढ़ें-

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों से कहा गया है कि वे मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवाओं (Generic Medicine) की सलाह दें.

उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल जून तक पूरे देश में 30, 9,512 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं.

मांडविया ने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद नियमन, 2002 के तहत यह प्रावधान है कि हर फिजिशियन को सिर्फ जेनेरिक नाम वाली दवाइयां विशेष रूप से बड़े अक्षरों में लिखनी चाहिए.

उनका यह भी कहना था कि देश में गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.

युवाओं में हार्ट अटैक से अचानक मौत के मामलों पर हो रही स्ट्डी : वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद कुछ युवाओं की अचानक मृत्यु के मामले सामने आए हैं लेकिन इसका कारण बताने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं.

मांडविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) महामारी के हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के संबंध में तथ्यों का पता लगाने के लिए तीन अलग-अलग अध्ययन कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत में 18 साल से 45 साल के वयस्कों में अचानक मृत्यु के मामलों से जुड़े कारकों पर एक अध्ययन करीब 40 अस्पतालों/अनुसंधान केंद्रों में चल रहा है.

मांडविया ने कहा कि इसके अलावा युवाओं में अचानक मृत्यु के मामलों के कारणों का पता लगाने के लिए वर्चुअल और प्रत्यक्ष ऑटोप्सी के माध्यम से भी एक अध्ययन चल रहा है.

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(पीटीआई-भाषा)

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