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केंद्र का जोर किशोर आबादी पर, जानिए इनके लिए क्या है तैयारी

स्वास्थ्य मंत्रालय का जोर देश के किशोरों पर है. यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय मंगलवार को नई दिल्ली में 'हेल्थ ऑफ यूथ-वेल्थ ऑफ नेशन' नाम से एक को-ब्रांडेड जी20 कार्यक्रम आयोजित कर रहा है.

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Published : Jun 19, 2023, 9:39 PM IST

स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली: भारत में किशोर आबादी 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस किशोर श्रेणी में लोगों के लिए निवेश को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए एक दस्तावेज तैयार करने का फैसला किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय मंगलवार को नई दिल्ली में 'हेल्थ ऑफ यूथ-वेल्थ ऑफ नेशन' नाम से एक को-ब्रांडेड जी20 कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में दुनिया की सबसे कम उम्र की आबादी है, जहां 253 मिलियन किशोर (10-19 वर्ष) रहते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, दुनिया का हर चौथा युवा भारतीय है. दरअसल, भारत की 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम उम्र की है.

किशोरों और युवा लोगों की भलाई में निवेश को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए सिफारिश की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक नोट में कहा गया है कि आज दुनिया में 1.8 बिलियन किशोर और युवा हैं, जिनमें भारत में रहने वाले युवाओं की अधिकतम संख्या है, जो भारत में और आने वाले दशकों में एक प्रमुख शक्ति बनने का वादा करते हैं.

दिन भर चले कार्यक्रम के नतीजे के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'G20 शेरपा ट्रैक के तहत सभी कार्य समूहों में 'युवा कल्याण' को एकीकृत करने के लिए G20 के कार्य को प्राथमिकता के रूप में सेट करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि युवा लोगों की भलाई मजबूत और लचीला G20 समाजों के निर्माण में सबसे आगे है.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस आयोजन में लगभग 40 प्रतिशत प्रतिभागी किशोर और युवा होंगे, जिनमें जी20 देशों और भारत में क्षेत्रीय परामर्श शामिल हैं.

इस कार्यक्रम में 350 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है.

पढ़ें- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने असम में मानसून से पहले स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की

नई दिल्ली: भारत में किशोर आबादी 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस किशोर श्रेणी में लोगों के लिए निवेश को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए एक दस्तावेज तैयार करने का फैसला किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय मंगलवार को नई दिल्ली में 'हेल्थ ऑफ यूथ-वेल्थ ऑफ नेशन' नाम से एक को-ब्रांडेड जी20 कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में दुनिया की सबसे कम उम्र की आबादी है, जहां 253 मिलियन किशोर (10-19 वर्ष) रहते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, दुनिया का हर चौथा युवा भारतीय है. दरअसल, भारत की 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम उम्र की है.

किशोरों और युवा लोगों की भलाई में निवेश को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए सिफारिश की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक नोट में कहा गया है कि आज दुनिया में 1.8 बिलियन किशोर और युवा हैं, जिनमें भारत में रहने वाले युवाओं की अधिकतम संख्या है, जो भारत में और आने वाले दशकों में एक प्रमुख शक्ति बनने का वादा करते हैं.

दिन भर चले कार्यक्रम के नतीजे के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'G20 शेरपा ट्रैक के तहत सभी कार्य समूहों में 'युवा कल्याण' को एकीकृत करने के लिए G20 के कार्य को प्राथमिकता के रूप में सेट करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि युवा लोगों की भलाई मजबूत और लचीला G20 समाजों के निर्माण में सबसे आगे है.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस आयोजन में लगभग 40 प्रतिशत प्रतिभागी किशोर और युवा होंगे, जिनमें जी20 देशों और भारत में क्षेत्रीय परामर्श शामिल हैं.

इस कार्यक्रम में 350 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है.

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