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केंद्र सरकार ने राज्यों से जरूरी स्वास्थ्य ढांचे का विश्लेषण करने को कहा

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Published : Jul 15, 2021, 6:21 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नए कोविड पैकेज के तहत तैयारियों की समीक्षा की और कोविड प्रबंधन के अलग-अलग पहलुओं पर नीतियों और दिशानिर्देशों की जानकारी दी गई. इस दौरान संक्रमण के कारगर क्लीनिकल प्रबंधन के लिए समय पूर्व तैयारियों पर जोर दिया गया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपात कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज के तहत विभिन्न बुनियादी चीजों में कमी का तत्काल विश्लेषण करने कहा. साथ ही, संक्रमण के कारगर क्लीनिकल प्रबंधन के लिए समय पूर्व तैयारियों पर जोर दिया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में मंजूरी प्राप्त 23,123 करोड़ रुपये के 'भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियां पैकेज (ईसीआरपी) : द्वितीय चरण' के तहत तैयारियों की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठ जुलाई को 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए नई योजना को मंजूरी दी थी. इस पैकेज का उद्देश्य स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर प्रमुखता से ध्यान देने के साथ रोग का शीघ्रता से पता लगाने और उसके प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियां बढ़ाना है.

सीमक्षा बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड प्रबंधन के अलग-अलग पहलुओं पर नीतियों और दिशानिर्देशों की जानकारी दी, जिससे उन्हें कोविड से कारगर तरीके से निपठने में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यथाशीघ्र अपने व्यय प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया गया है ताकि केंद्र से उन्हें शीघ्र मंजूरी एवं आवंटन मिल सके.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईसीआरपी के दूसरे चरण के तहत विभिन्न बुनियादी ढांचे के लिए त्वरित अंतराल विश्लेषण करने की सलाह दी गई.

बैठक में जिला स्तर पर मुख्य रूप से जांच में तेजी लाने, उपचार करने और अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था करने, बच्चों की देखभाल करने तथा अस्थाई अस्पताल बनाने की जरूरत, महत्वपूर्ण दवाइयों, जांच किट और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर जोर दिया गया.

यह भी पढ़ें- अस्पतालों में बच्चों की देखभाल के लिये क्षमता निर्माण पर जाेर : मंडाविया

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र, अंतर स्नातक इंटर्न पीजी रेंजीडेंट का उपयोग कोविड के हल्के लक्षण वाले रोगियों के टेलीफोन परामर्श से इलाज में किया जा सकता है. केंद्र ने कहा कि इसी तरह नर्सिंग में स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों को भी पूर्णकालीक कोविड ड्यूटी पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

साथ ही, इस बात का भी जिक्र किया गया कि कारगर कोविड प्रबंधन के लिए दवाइयों की खरीद ईसीआरपी 2 का एक अनिवार्य हिस्सा है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपात कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज के तहत विभिन्न बुनियादी चीजों में कमी का तत्काल विश्लेषण करने कहा. साथ ही, संक्रमण के कारगर क्लीनिकल प्रबंधन के लिए समय पूर्व तैयारियों पर जोर दिया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में मंजूरी प्राप्त 23,123 करोड़ रुपये के 'भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियां पैकेज (ईसीआरपी) : द्वितीय चरण' के तहत तैयारियों की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठ जुलाई को 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए नई योजना को मंजूरी दी थी. इस पैकेज का उद्देश्य स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर प्रमुखता से ध्यान देने के साथ रोग का शीघ्रता से पता लगाने और उसके प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियां बढ़ाना है.

सीमक्षा बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड प्रबंधन के अलग-अलग पहलुओं पर नीतियों और दिशानिर्देशों की जानकारी दी, जिससे उन्हें कोविड से कारगर तरीके से निपठने में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यथाशीघ्र अपने व्यय प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया गया है ताकि केंद्र से उन्हें शीघ्र मंजूरी एवं आवंटन मिल सके.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईसीआरपी के दूसरे चरण के तहत विभिन्न बुनियादी ढांचे के लिए त्वरित अंतराल विश्लेषण करने की सलाह दी गई.

बैठक में जिला स्तर पर मुख्य रूप से जांच में तेजी लाने, उपचार करने और अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था करने, बच्चों की देखभाल करने तथा अस्थाई अस्पताल बनाने की जरूरत, महत्वपूर्ण दवाइयों, जांच किट और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर जोर दिया गया.

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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र, अंतर स्नातक इंटर्न पीजी रेंजीडेंट का उपयोग कोविड के हल्के लक्षण वाले रोगियों के टेलीफोन परामर्श से इलाज में किया जा सकता है. केंद्र ने कहा कि इसी तरह नर्सिंग में स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों को भी पूर्णकालीक कोविड ड्यूटी पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

साथ ही, इस बात का भी जिक्र किया गया कि कारगर कोविड प्रबंधन के लिए दवाइयों की खरीद ईसीआरपी 2 का एक अनिवार्य हिस्सा है.

(पीटीआई-भाषा)

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