नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांतनु सेन को शुक्रवार को राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. इस पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh) ने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस का चरित्र बन गया है, जो संसद के चरित्र और लोकतंत्र की मर्यादा के लिए ठीक नहीं है.
'ईटीवी भारत' ने प्रहलाद सिंह पटेल से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उच्च सदन की अपनी एक अलग पहचान और गरिमा है. संसदीय परंपराएं सिर्फ नियम से नहीं चलती हैं, बल्कि मर्यादा और कानून से चलती हैं.
उन्होंने कहा कि जब संसद ने आपको निलंबित कर दिया है. इसके बाद भी संसद में फिर से लौट आना यह एक नई समस्या है. यह मामला अनुशासन समिति के पास जा सकता है. यह पूरी तरह से अनुशासनहीनता का मामला है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद सदस्य चाहे लोकसभा का हो या राज्यसभा का हो. संसदीय मर्यादा कहती है कि अगर सभापति ने फैसला दिया है तो वही अंतिम होता है और यह सबको मान्य होता है. इसके खिलाफ अपील नहीं होती है.
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शांतनु सेन के राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबन के लिए सरकार की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जो ध्वनि मत से पारित हो गया. ध्वनि मत से इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने सेन को सदन से बाहर जाने को कहा. वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रस्ताव मंजूर किया गया...डॉक्टर शांतनु सेन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि शांतनु सेन अब आप सदन से बाहर चले जाएं.