नई दिल्ली : मध्य गुजरात की 61 सीटों पर इस बार भाजपा ने शानदार जीत पायी है. इस इलाके में कांग्रेस को केवल 5 सीटों पर समेट दिया, जबकि एक सीट अन्य के खाते में गयी है. गुजरात राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले इलाके में मतदाताओं ने यहां 55 सीटों पर भाजपा को जीत दिलायी. इलाके में अपनी पिछली 2 सीटें खोकर कांग्रेस की 17 सीटें छीन लीं. इस इलाके में आम आदमी पार्टी खाता तक नहीं खुला.
आपको याद होगा कि 2017 के चुनाव में मध्य गुजरात में भाजपा 37 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी, जबकि कांग्रेस ने भी भाजपा अच्छी टक्कर देते हुए 22 सीटें जीतीं थीं. इस इलाके की 2 सीटें अन्य के खाते में गयीं थीं. हालांकि, इसके बाद भी भाजपा को 2017 में इस क्षेत्र में जीती दो सीटों खंभात और वाघोडिया में हार का सामना करना पड़ा है.
दोपहर होते होते जब गुजरात विधानसभा 2022 की मतगणना के रुझान तेजी से परिणामों में बदलने लगे तो यह अंदाजा साफ साफ दिखने लगा कि गुजरात में एकबार फिर से भाजपा की नयी सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया. सरकार के गठन के पहले ही भाजपा के खेमे में खुशी का माहौल देखा जाने लगा. मध्य गुजरात में भाजपा भारी जनादेश मिलने की खुशी नेताओं के चेहरे पर देखी जा सकती थी.
मध्य गुजरात में इस बार सभी दल के राजनेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंकने की कोशिश की थी. सभी पार्टियों ने वोटरों को लुभाने के लिए जमकर प्रचार किया था. मध्य गुजरात की 61 सीटों के परिणाम इस बात का संकेत दे रहे हैं कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है. गुजरात की जनता ने भाजपा के हाथ में अगले 5 सालों तक सत्ता की चाबी देने का फैसला किया है.
मध्य गुजरात सबसे अहम
मध्य गुजरात की राजनीति गुजरात विधानसभा चुनाव खास मायने रखती है. यहां के नतीजों से ही गुजरात की राजनीति की दशा व दिशा तय होती है. मध्य गुजरात की 61 सीटों पर इस बार भी राजनीतिक दलों की पैनी नजर थी. हालांकि, बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मध्य गुजरात में समर्थकों को अपने पक्ष में करने का दृढ़ प्रयास किया था. मध्य गुजरात में, ग्रामीण क्षेत्रों में इन सीटों को जीतना महत्वपूर्ण माना जाता है.