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बाघों के लिए 'काल' बन रहा साल 2023, उत्तराखंड में 6 महीने के अंदर 14 बाघों की मौत, देशभर में 93 की गई जान

2023 का जून महीना पूरा भी नहीं हुआ, लेकिन अभी तक उत्तराखंड 14 बाघों की मौत हो चुकी है. इसमें कुमाऊं वन प्रभाग और कॉर्बेट में 10 बाघ जबकि गढ़वाल वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व में 4 बाघ की मौत हो चुकी है. फरवरी और जून माह में सबसे ज्यादा 4-4 बाघों की मौत हुई है.

tigers died in uttarakhand
उत्तराखंड में बाघों की मौत.
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Published : Jun 22, 2023, 5:27 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 9:39 PM IST

बाघों के लिए 'काल' बन रहा साल 2023.

देहरादूनः देश में साल 2023 बाघों के लिए चिंताजनक रहा है. इस साल 6 महीने में ही बाघों की मौत का आंकड़ा शतक लगाने जा रहा है. मामले में उत्तराखंड से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह बेहद चिंताजनक है. जबकि देश के दो राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी बाघों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. इसके बाद भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी कई राज्यों में इस मामले पर जांच के आदेश दिए हैं.

अभी पिछले साल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों की गणना की रिपोर्ट जारी करते हुए देश में बाघों की संख्या बढ़ने पर खुशी जाहिर की थी. दरअसल, साल 2018 के मुकाबले 2022 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 200 बाघों की संख्या बढ़ी है. लेकिन साल 2023 बाघों के लिए इतना अच्छा नहीं रहा है.

साल की शुरुआत से अब तक करीब 6 महीने में ही बाघों की मौत का आंकड़ा 100 की तरफ बढ़ गया है. जबकि हर दूसरे दिन बाघ की मौत सुर्खी बन रही है. पिछले साल (2022) की तुलना करें तो 121 बाघों की मौत हुई थी, जबकि इस साल (2023) में अभी 6 महीने पूरे होने के लिए एक हफ्ता बाकी है और अब तक 93 बाघ देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी जान गंवा चुके हैं. आए जानते हैं कि बाघों की मौत के आंकड़ों से भारत सरकार और विभिन्न राज्यों में हड़कंप क्यों मचा हुआ है.

tigers died in uttarakhand
उत्तराखंड समेत भारत में बाघों के मौत के आंकड़े.


ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष ने बढ़ाई चिंता, HC ने इन्हें दिए SOP बनाने के निर्देश

देशभर में 6 महीने के भीतर ही 93 बाघों की मौत हो चुकी है. इस तरह देखा जाए तो साल 2018 के मुकाबले 2022 में बाघों की गणना के दौरान जो बढ़ोतरी आंकी गई उसमें करीब 50% बाघ तो इस साल दम तोड़ चुके हैं. इस तरह इन आंकड़ों से नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ही हैरान नहीं है, बल्कि भारत सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भी सकते में है.

भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के महानिदेशक सीपी गोयल ईटीवी भारत के सवाल पर कहते हैं कि राज्य में बाघों के मौत के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह बेहद ज्यादा है. इस मामले में राज्य सरकार से जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध कर दिया गया है.

उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो बाघों के अधिकतर मौत के मामले कुमाऊं क्षेत्र से आए हैं, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व से भी कुछ बाघों की मौत की खबर है. बाघों की मौत के आंकड़े और उत्तराखंड स्थितियों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु.

tigers died in uttarakhand
ntca ने जारी किए प्रतिमाह बाघों के मौत के आंकड़े


ये भी पढ़ेंः चिंताजनक! उत्तराखंड में बाघ की मौत के बाद खुला राज, पहली बार इस वजह से हुई किसी बाघ की डेथ

देश में बड़ी संख्या में बाघों की मौत होने के कारण हड़कंप मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो दुधवा टाइगर रिजर्व में तीन बाघों की मौत होने पर टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर समेत कई अधिकारियों को हटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे. हालांकि, इस मामले में उत्तराखंड अभी पीछे है और 14 बाघों की मौत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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उत्तराखंड में बाघों के मौत के आंकड़े

बताया जा रहा है कि फिलहाल मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों को इसकी जांच का जिम्मा दिया गया है. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर अब तक विभाग के अधिकारी इन मौतों को सामान्य मौत बताकर मौत के आंकड़ों को भी सामान्य ही बता रहे हैं. हालांकि, मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं की तरफ से अपनी जांच रिपोर्ट पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन कुछ बिंदु पर एक बार फिर जांच रिपोर्ट तैयार कर वन विभाग द्वारा फिर से रिपोर्ट मांगी गई है.
ये भी पढ़ेंः बाघों की कब्रगाह बना उत्तराखंड! 5 महीने में 13 टाइगर की मौत, कॉर्बेट में पांच ने गंवाई जान

बाघों के लिए 'काल' बन रहा साल 2023.

देहरादूनः देश में साल 2023 बाघों के लिए चिंताजनक रहा है. इस साल 6 महीने में ही बाघों की मौत का आंकड़ा शतक लगाने जा रहा है. मामले में उत्तराखंड से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह बेहद चिंताजनक है. जबकि देश के दो राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी बाघों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. इसके बाद भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी कई राज्यों में इस मामले पर जांच के आदेश दिए हैं.

अभी पिछले साल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों की गणना की रिपोर्ट जारी करते हुए देश में बाघों की संख्या बढ़ने पर खुशी जाहिर की थी. दरअसल, साल 2018 के मुकाबले 2022 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 200 बाघों की संख्या बढ़ी है. लेकिन साल 2023 बाघों के लिए इतना अच्छा नहीं रहा है.

साल की शुरुआत से अब तक करीब 6 महीने में ही बाघों की मौत का आंकड़ा 100 की तरफ बढ़ गया है. जबकि हर दूसरे दिन बाघ की मौत सुर्खी बन रही है. पिछले साल (2022) की तुलना करें तो 121 बाघों की मौत हुई थी, जबकि इस साल (2023) में अभी 6 महीने पूरे होने के लिए एक हफ्ता बाकी है और अब तक 93 बाघ देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी जान गंवा चुके हैं. आए जानते हैं कि बाघों की मौत के आंकड़ों से भारत सरकार और विभिन्न राज्यों में हड़कंप क्यों मचा हुआ है.

tigers died in uttarakhand
उत्तराखंड समेत भारत में बाघों के मौत के आंकड़े.


ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष ने बढ़ाई चिंता, HC ने इन्हें दिए SOP बनाने के निर्देश

देशभर में 6 महीने के भीतर ही 93 बाघों की मौत हो चुकी है. इस तरह देखा जाए तो साल 2018 के मुकाबले 2022 में बाघों की गणना के दौरान जो बढ़ोतरी आंकी गई उसमें करीब 50% बाघ तो इस साल दम तोड़ चुके हैं. इस तरह इन आंकड़ों से नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ही हैरान नहीं है, बल्कि भारत सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भी सकते में है.

भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के महानिदेशक सीपी गोयल ईटीवी भारत के सवाल पर कहते हैं कि राज्य में बाघों के मौत के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह बेहद ज्यादा है. इस मामले में राज्य सरकार से जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध कर दिया गया है.

उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो बाघों के अधिकतर मौत के मामले कुमाऊं क्षेत्र से आए हैं, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व से भी कुछ बाघों की मौत की खबर है. बाघों की मौत के आंकड़े और उत्तराखंड स्थितियों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु.

tigers died in uttarakhand
ntca ने जारी किए प्रतिमाह बाघों के मौत के आंकड़े


ये भी पढ़ेंः चिंताजनक! उत्तराखंड में बाघ की मौत के बाद खुला राज, पहली बार इस वजह से हुई किसी बाघ की डेथ

देश में बड़ी संख्या में बाघों की मौत होने के कारण हड़कंप मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो दुधवा टाइगर रिजर्व में तीन बाघों की मौत होने पर टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर समेत कई अधिकारियों को हटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे. हालांकि, इस मामले में उत्तराखंड अभी पीछे है और 14 बाघों की मौत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

tigers died in uttarakhand
उत्तराखंड में बाघों के मौत के आंकड़े

बताया जा रहा है कि फिलहाल मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों को इसकी जांच का जिम्मा दिया गया है. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर अब तक विभाग के अधिकारी इन मौतों को सामान्य मौत बताकर मौत के आंकड़ों को भी सामान्य ही बता रहे हैं. हालांकि, मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं की तरफ से अपनी जांच रिपोर्ट पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन कुछ बिंदु पर एक बार फिर जांच रिपोर्ट तैयार कर वन विभाग द्वारा फिर से रिपोर्ट मांगी गई है.
ये भी पढ़ेंः बाघों की कब्रगाह बना उत्तराखंड! 5 महीने में 13 टाइगर की मौत, कॉर्बेट में पांच ने गंवाई जान

Last Updated : Jun 22, 2023, 9:39 PM IST
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