नई दिल्ली : केंद्र ने एम्स, एनआईसी झज्जर, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में तत्काल डीआरडीओ-टाटा संस ऑक्सीजन उत्पादन इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया, जिसकी क्षमता प्रति मिनट 1,000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की होगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) एवं अन्य केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर की गई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की गई.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, हर्षवर्धन ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित केंद्रीय अस्पतालों - सफदरजंग अस्पताल, डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एम्स- में कोविड-19 के गंभीर मरीजों के उपचार की तैयारियों का भी जायजा लिया.
स्वास्थ्य मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन संबंधी इकाई लगाने के कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए. हर्षवर्धन ने सरकारी अस्पतालों को आने वाले समय में कोविड-19 मरीजों के उचित उपचार के वास्ते विस्तार योजना तैयार करने के निर्देश दिए.
बयान के मुताबिक, ' एम्स, एनआईसी झज्जर, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तत्काल डीआरडीओ-टाटा संस ऑक्सीजन उत्पादन इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इन इकाइयों की क्षमता प्रति मिनट 1,000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की होगी.'
पढ़ें - कोरोना के इलाज के लिए जायडस कैडिला के विराफिन को मिली मंजूरी
हर्षवर्धन ने कहा कि देश कोविड-19 की दूसरी लहर से गुजर रहा है और अधिकतर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण के रोजाना सामने आने वाले नए मामलों और मौत के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है.
बयान के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन की सहायता वाले बिस्तरों के साथ ही वेंटिलेटर बिस्तरों की उपलब्धता की भी समीक्षा की.