नैनीताल (उत्तराखंड): आदिपुरष, द केरल स्टोरी, पठान समेत अन्य बॉलीवुड फिल्मों में उपजे विवाद के मामले में सेंसर बोर्ड सदस्य वाणी त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. वाणी त्रिपाठी ने कहा कि फिल्म विवादित नहीं होती हैं. दर्शकों को फिल्मों की तरफ आकर्षित करने के लिए विवादित किया जाता है.
फिल्मों को सुपरहिट कराने के लिए विवाद कराए जाते हैं: भारतीय फिल्मों को ग्रीन सिग्नल देने वाली संस्था सेंसर बोर्ड की सदस्य वाणी त्रिपाठी अपने निजी दौरे पर नैनीताल में हैं. इन दिनों देश में बॉलीवुड फिल्मों के नाम पर चल रहे विवाद को लेकर वाणी त्रिपाठी ने कहा कि फिल्म में कोई विवाद नहीं होता है. फिल्म को सुपरहिट बनाने के लिए विवाद करवाए जाते हैं, ताकि देश में फिल्म का बाजार गर्म रह सके.
फिल्म के रिलीज होने से पहले सेंसर बोर्ड हर चीज परखता है-वाणी: किसी भी फिल्म को रिलीज करने से पूर्व सेंसर बोर्ड के सदस्यों के द्वारा फिल्म के हर एक दृश्य और घटना का गंभीरता से अध्ययन किया जाता है. कोई भी आपत्तिजनक चीज लगती है तो उसे हटाया जाता है. इसके बाद ही उसे जनता के सामने प्रदर्शित होने के लिए भेजा जाता है.
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भावनाएं आहत करने के लिए निर्देशक जिम्मेदार होना चाहिए: बातचीत करते हुए वाणी त्रिपाठी ने कहा कि सिनेमा, समाज और जिम्मेदारी से जुड़ा हुआ मामला है. इस तरफ फिल्म निर्देशकों को विशेष ध्यान देना चाहिए. अगर कोई घटना समाज के किसी वर्ग या समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत करती है, तो इसके लिए फिल्म निर्देशक जिम्मेदार होना चाहिए. इस दौरान वाणी त्रिपाठी ने कहा कि सेंसर शब्द ही गलत है. बोर्ड फिल्म को जनता के सामने प्रदर्शित होने का प्रमाण पत्र प्रदान करता है.
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