नई दिल्ली : भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की ज्वलंत और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम 'पूर्वोत्तर का जश्न' ('Celebrating northeast' ) शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी शुरू हुआ. इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के समृद्ध हथकरघा पर प्रकाश डालने वाली फैशन परेड के अलावा उत्साहपूर्ण संस्कृति, पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत प्रस्तुति, हथकरघा और हस्तशिल्प लोगों के आकर्षण का केंद्र थे.
नॉर्थईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NEFT) के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर की संस्कृति को प्रदर्शित किया. महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर महोत्सव के निदेशक विक्रम राय मेधी ने दिल्ली के लोगों के प्रति अपनी खुशी और कृतज्ञता व्यक्त की कि उन्होंने नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल को लाने की अनुमति दी और प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को यहां से अपने प्रशंसकों के साथ जुड़ने में सक्षम बनाया. उन्होंने कहा कि 2020 में कोरोना महामारी आने के बाद अधिकांश कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का पहला मौका था.
इस दौरान रेल और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शन जरदोश, विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ रंजनकुमार रंजन सिंह, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले संसद सदस्य व राजनयिकों उपस्थिति थे.
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बता दें कि त्योहार और धूमधाम पूर्वोत्तर और उसके लोगों की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उत्तर पूर्व क्षेत्र (NER) निस्संदेह अपने सामाजिक-मानवशास्त्रीय इतिहास के साथ सांस्कृतिक रूप से विविध और समृद्ध क्षेत्र है. इसका भूभाग साहसिक पर्यटन आदि के लिए भी उपयुक्त है, हालांकि बहुत के क्षेत्र के बारे में अभी भी लोगों को पता नहीं है.