नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब कोई समग्र डिवीजन (श्रेणी) या डिस्टिंक्शन (विशेष योग्यता) नहीं दी जाएगी. अधिकारी ने कहा कि बोर्ड प्रत्येक विषय में अंक देने की प्रक्रिया जारी रखेगा और उच्च शिक्षण संस्थान या संबंधित रोजगार प्रदाता चाहें तो कुल प्राप्तांक निकाल सकते हैं. सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक सान्याम भारद्वाज ने कहा, 'कोई समग्र श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिए जाएंगे. यदि किसी अभ्यर्थी ने पांच से अधिक विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला संस्थान या नियोक्ता, उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है.'
भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करता, उसकी घोषणा नहीं करता या सूचना नहीं देता. उन्होंने कहा, 'यदि उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अंक प्रतिशत आवश्यक है तो गणना प्रवेश देने वाले संस्थान या नियोक्ता द्वारा की जा सकती है.' इससे पहले, सीबीएसई स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के उद्देश्य से वरीयता सूची जारी करने की परिपाटी भी समाप्त कर चुका है.
वरीयता सूची जारी नहीं करने का फैसला कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान 2020 में किया गया था. उस समय परीक्षाओं में छात्रों को प्राप्त अंकों के औसत का इस्तेमाल करते हुए परिणाम घोषित किए गए थे. हालांकि, बोर्ड ने महामारी के बाद के सालों में भी इस परंपरा को बहाल नहीं करने का फैसला किया. सीबीएसई ने मई में घोषणा की थी कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी, 2024 से प्रारंभ होंगी.
शिक्षा मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में परीक्षा कार्यक्रम काफी पहले घोषित करने का निर्णय लिया था ताकि छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिले. हालांकि अभी परीक्षा का तिथिवार कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है.
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