तिरुवनंतपुरम : केरल में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले एलडीएफ सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी तथा पांच अन्य के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश करने का फैसला किया है.
सनसनीखेज सोलर घोटाला मामले में मुख्य आरोपी एक महिला ने यह मामला दर्ज कराया था. राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए रविवार को कहा कि माकपा नीत सरकार पिछले पांच साल में पार्टी नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं ढूंढ पाई। लिहाजा चुनाव आते देख उसने यह फैसला लिया है. वहीं, चांडी ने कहा कि वह किसी भी जांच से गुजरने के लिये तैयार हैं.
केन्द्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सीबीआई जांच कराने का फैसला चुनाव के मद्देनजर लिया गया है.
सरकार के कदम के खिलाफ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहां सचिवालय तक मार्च निकाला और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का पुतला फूंका.
हालांकि, माकपा की राज्य इकाई के प्रभारी सचिव एक विजयराघवन ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताये जाने संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए पत्रकारों से कहा कि यह 'शिकायतकर्ता के लिये न्याय सुनिश्चित' करने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.
राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच की स्वीकृति देने का फैसला किये जाने के बाद एक राजपत्रित अधिसूचना जारी कर दी गई.
केरल की पिछली यूडीएफ सरकार के दौरान करोड़ों रुपये के सोलर घोटाले की आरोपी महिला की शिकायत पर अपराध शाखा ने बीते कुछ साल में चांडी समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की थी. महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने 2012 में उसका कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था.
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इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि यह एक 'राजनीतिक हथकंडा' है.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चेन्निथला ने रविवार को एक बयान में कहा कि बीते पांच साल से सत्ता पर काबिज वाम सरकार को जब कुछ नहीं मिला, तो उसने चुनाव नजदीक आते देख यह मामला केन्द्रीय एजेंसी को सौंपने का फैसला कर लिया.
चांडी ने कहा, ' यह(एलडीएफ) सरकार बीते पांच साल से इस मामले में क्या कर रही थी? अब उन्होंने इसे सीबीआई को सौंप दिया है.'