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Odisha Train Accident : रेलवे बोर्ड ने की सीबीआई जांच की सिफारिश, दुर्घटना से जुड़े जानें सभी अपडेट - रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव सीबीआई जांच

ओडिशा रेल हादसे की जांच सीबीआई करेगी. रेलवे बोर्ड ने इस जांच की सिफारिश की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी. शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मृत्यु हो गई. शनिवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे थे.

rail minister Ashwini Vaishnaw
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
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Published : Jun 4, 2023, 6:46 PM IST

Updated : Jun 4, 2023, 7:03 PM IST

नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को ओडिशा रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की. रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने इस जांच की सिफारिश की है. दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि दो ट्रैक को क्लियर करा लिया गया है. साइड ट्रैक पर काम जारी है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना में जो भी घायल हुए हैं, उन्हें उचित इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है. जिन यात्रियों की मौत हुई है, उनके परिवार वालों से रेलवे संपर्क कर रहा है.

ओडिशा रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 275 है, न कि 288. रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा ने रविवार को इसकी जानकारी दी. ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने भी इसकी पुष्टि की. जेना ने कहा कि कुछ शवों की गिनती दो बार कर ली गई थी. घायलों की संख्या 1175 है. इनमें से 793 को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.

रेलवे बोर्ड ने कहा कि प्राथमिक तौर पर जो जानकारी आई है, उसके अनुसार इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव की वजह से दुर्घटना हुई है. जया वर्मा ने दुर्घटना को लेकर कुछ और भी जानकारियां दीं. उन्होंने कहा कि मालगाड़ी में लोहा रखा हुआ था, इसलिए वह काफी भारी था. उनके अनुसार यह इतना भारी था कि इसकी बोगी पटरी ने नहीं उतरी. जया वर्मा ने यह भी कहा कि दुर्घटना का शिकार मुख्य रूप से कोरोमंडल एक्सप्रेस हुआ. उनके अनुसार जिस समय टक्कर हुई, उस समय यह 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. रेलवे बोर्ड से जब पूछा गया कि क्या ओवरस्पीडिंग की वजह से दुर्घटना हुई, इस पर जया वर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है. बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस 126 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही थी.

  • VIDEO | “We demand that the Railway minister takes moral responsibility (for the Odisha train accident) and resigns,” says Congress leader Pawan Khera. pic.twitter.com/7x86kWOONC

    — Press Trust of India (@PTI_News) June 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दुर्घटना किस तरह से हुई - ओडिशा के बाहंगा या बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन (लूप लाइन) पर एक मालगाड़ी खड़ी थी. इसमें लोहा लदा हुआ था. हावड़ा से चेन्नई आने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक ही डिरेल हो गई. इसकी कुछ बोगियां मालगाड़ी से टकरा गई. इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गई. कुछ बोगियां तीसरे ट्रैक पर लुढ़क गईं. तीसरे ट्रैक पर बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस आ गई और उसकी टक्कर कोरोमंडल एक्सप्रेस से हो गई.

हादसे के करीब 20 मिनट बाद रेस्क्यू ऑपरेशन का काम शुरू हुआ. इस बीच स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से मदद शुरू कर दी थी. राज्य प्रशासन से लेकर एनडीआरएफ तक की टीम रेस्क्सू ऑपरेशन में लगी रही. घटना स्थल पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे. वे घायलों से मिलने अस्पताल भी गए. घटनास्थल पर दूसरे दलों के नेताओं का भी आने-जाने का सिलसिला जारी रहा. रेल मंत्री रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने तक वहीं मौजूद रहे.

कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल - कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को बताया कि मोदी सरकार की कार्य प्रणाली 'नौटंकी' की तरह है. उन्होंने कहा कि रेलवे में तीन लाख पद खाली पड़े हैं. खड़गे के अनुसार खुद रेलवे बोर्ड ने लोको पायलटों की समस्याओं को उठाया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गी. उन्हें लंबे समय तक काम करना पड़ता है, इससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. खड़गे ने संस्दीय स्थायी समिति की 323वीं रिपोर्ट का भी जिक्र किया. यह रेलवे सुरक्षा आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर जोर दे रहा था. खड़गे के अनुसार इसे भी रेलवे ने नजरअंदाज कर दिया. कांग्रेस के अनुसार कैग ने 2017-18 और 2020-21 के बीच हुई दुर्घटनाओं का जिक्र कर कहा कि इनमें से अधिकांश घटनाएं पटरी से उतरने के कारण हुई. कैग के मुताबिक राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष में 79 फीसदी फंडिंग का ही काम किया गया. ट्रैक नवीनीकरण की गति काफी धीमी है. खड़ने यह भी पूछा कि अब तक मात्र चार फीसदी रूटों पर ही कवच सिस्टम को क्यों अपलाइ किया गया है. प्रियंका गांधी ने भी कैग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार से सवाल पूछे हैं.

क्या कवच सिस्टम से हादसे को रोका जा सकता था- प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर कवच सिस्टम लगा होता, तो यह हादसा नहीं होता. लेकिन रेलवे बोर्ड के सदस्य ने इसका खंडन किया. खुद रेल मंत्री ने भी कहा कि यह जिस तरह का हादसा था, इसमें कवच बिल्कुल ही काम नहीं करता. इस बाबत वैष्णव ने गुजरते हुए वाहनों के सामने अचानक ही बोल्डर के गिर जाने का उदाहरण दिया.

ये भी पढ़ें : Odisha Train Tragedy: कांग्रेस ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की

ये भी पढ़ें : बालासोर हादसे पर रेलवे बोर्ड का बयान : '3 नहीं, बस 1 ट्रेन, कोरोमंडल एक्सप्रेस हुई हादसे का शिकार'

नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को ओडिशा रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की. रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने इस जांच की सिफारिश की है. दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि दो ट्रैक को क्लियर करा लिया गया है. साइड ट्रैक पर काम जारी है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना में जो भी घायल हुए हैं, उन्हें उचित इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है. जिन यात्रियों की मौत हुई है, उनके परिवार वालों से रेलवे संपर्क कर रहा है.

ओडिशा रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 275 है, न कि 288. रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा ने रविवार को इसकी जानकारी दी. ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने भी इसकी पुष्टि की. जेना ने कहा कि कुछ शवों की गिनती दो बार कर ली गई थी. घायलों की संख्या 1175 है. इनमें से 793 को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.

रेलवे बोर्ड ने कहा कि प्राथमिक तौर पर जो जानकारी आई है, उसके अनुसार इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव की वजह से दुर्घटना हुई है. जया वर्मा ने दुर्घटना को लेकर कुछ और भी जानकारियां दीं. उन्होंने कहा कि मालगाड़ी में लोहा रखा हुआ था, इसलिए वह काफी भारी था. उनके अनुसार यह इतना भारी था कि इसकी बोगी पटरी ने नहीं उतरी. जया वर्मा ने यह भी कहा कि दुर्घटना का शिकार मुख्य रूप से कोरोमंडल एक्सप्रेस हुआ. उनके अनुसार जिस समय टक्कर हुई, उस समय यह 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. रेलवे बोर्ड से जब पूछा गया कि क्या ओवरस्पीडिंग की वजह से दुर्घटना हुई, इस पर जया वर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है. बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस 126 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही थी.

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    — Press Trust of India (@PTI_News) June 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दुर्घटना किस तरह से हुई - ओडिशा के बाहंगा या बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन (लूप लाइन) पर एक मालगाड़ी खड़ी थी. इसमें लोहा लदा हुआ था. हावड़ा से चेन्नई आने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक ही डिरेल हो गई. इसकी कुछ बोगियां मालगाड़ी से टकरा गई. इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गई. कुछ बोगियां तीसरे ट्रैक पर लुढ़क गईं. तीसरे ट्रैक पर बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस आ गई और उसकी टक्कर कोरोमंडल एक्सप्रेस से हो गई.

हादसे के करीब 20 मिनट बाद रेस्क्यू ऑपरेशन का काम शुरू हुआ. इस बीच स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से मदद शुरू कर दी थी. राज्य प्रशासन से लेकर एनडीआरएफ तक की टीम रेस्क्सू ऑपरेशन में लगी रही. घटना स्थल पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे. वे घायलों से मिलने अस्पताल भी गए. घटनास्थल पर दूसरे दलों के नेताओं का भी आने-जाने का सिलसिला जारी रहा. रेल मंत्री रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने तक वहीं मौजूद रहे.

कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल - कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को बताया कि मोदी सरकार की कार्य प्रणाली 'नौटंकी' की तरह है. उन्होंने कहा कि रेलवे में तीन लाख पद खाली पड़े हैं. खड़गे के अनुसार खुद रेलवे बोर्ड ने लोको पायलटों की समस्याओं को उठाया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गी. उन्हें लंबे समय तक काम करना पड़ता है, इससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. खड़गे ने संस्दीय स्थायी समिति की 323वीं रिपोर्ट का भी जिक्र किया. यह रेलवे सुरक्षा आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर जोर दे रहा था. खड़गे के अनुसार इसे भी रेलवे ने नजरअंदाज कर दिया. कांग्रेस के अनुसार कैग ने 2017-18 और 2020-21 के बीच हुई दुर्घटनाओं का जिक्र कर कहा कि इनमें से अधिकांश घटनाएं पटरी से उतरने के कारण हुई. कैग के मुताबिक राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष में 79 फीसदी फंडिंग का ही काम किया गया. ट्रैक नवीनीकरण की गति काफी धीमी है. खड़ने यह भी पूछा कि अब तक मात्र चार फीसदी रूटों पर ही कवच सिस्टम को क्यों अपलाइ किया गया है. प्रियंका गांधी ने भी कैग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार से सवाल पूछे हैं.

क्या कवच सिस्टम से हादसे को रोका जा सकता था- प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर कवच सिस्टम लगा होता, तो यह हादसा नहीं होता. लेकिन रेलवे बोर्ड के सदस्य ने इसका खंडन किया. खुद रेल मंत्री ने भी कहा कि यह जिस तरह का हादसा था, इसमें कवच बिल्कुल ही काम नहीं करता. इस बाबत वैष्णव ने गुजरते हुए वाहनों के सामने अचानक ही बोल्डर के गिर जाने का उदाहरण दिया.

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Last Updated : Jun 4, 2023, 7:03 PM IST

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