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चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में CBI की 19 राज्यों के 56 ठिकानों पर छापेमारी - चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस

सीबीआई ने ऑपरेशन मेघ चक्र के तहत बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री के ऑनलाइन प्रसार से जुड़े दो मामलों में 19 राज्यों और एक केंद्र-शासित प्रदेश में 56 ठिकानों की तलाशी ली.

CBI searches are underway at 56 locations in 20 states and UTs in online child sexual exploitation material case
चाइल्ड पॉर्नोग्राफी केस में CBI की 20 राज्यों के 56 ठिकानों पर छापेमारी
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Published : Sep 24, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 2:23 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 'ऑपरेशन मेघ चक्र' के तहत बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री (सीएसएएम) के ऑनलाइन प्रसार से जुड़े दो मामलों में शनिवार को 19 राज्यों और एक केंद्र-शासित प्रदेश में 56 ठिकानों की तलाशी ली. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि छापेमारी इंटरपोल सिंगापुर से मिली सूचना और पिछले साल के 'ऑपरेशन कार्बन' के दौरान प्राप्त खुफिया जानकारी पर आधारित है.

छापेमारी अभियान क्लाउड स्टोरेज सेवाओं पर लक्षित है, जिसका इस्तेमाल अपराधी बच्चों के साथ अवैध यौन गतिविधियों के ऑडियो-विजुअल प्रसारित करने के लिए करते हैं. इसी के चलते इस अभियान को ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ नाम दिया गया. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने देशभर में सीएसएएम प्रसारित करने वाले अपराधियों के खिलाफ छापे मारे हैं.

बता दें कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण रोधी डेटाबेस से जुड़ गया है. इससे अब नाबालिगों के यौन शोषण के खिलाफ कार्रवाई में तेजी से कार्रवाई हो रही है. एजेंसी परिष्कृत एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर का उपयोग करके पीड़ितों और दुर्व्यवहार करने वालों की पहचान करती है. सीबीआई हाल में 67 देशों की एजेंसियों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हुई है जो डेटाबेस से जुड़ी हैं.

एक बार जब किसी देश के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो, भारत के मामले में सीबीआई, को वह जानकारी मिल जाती है तो वे स्थानीय कानूनों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं. इंटरपोल तंत्र सीएसएएम पर नजर रखने और अवैध वितरण चैनल को बंद करने में, विभिन्न क्षेत्रों के भागीदारों के अलावा वित्तीय संस्थानों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स से मदद लेता है.

ये भी पढ़ें- चेन्नई के पास संघ पदाधिकारी के घर पर फेंका गया पेट्रोल बम

इंटरपोल की वेबसाइट पर कहा गया है कि औसतन 27 लाख से अधिक तस्वीरों और वीडियो वाला डेटाबेस दुनिया भर में हर दिन सात पीड़ितों की पहचान करने में मदद करता है. इसमें 27,000 से अधिक पीड़ितों और 12,000 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई है. सीबीआई ने पिछले साल बाल शोषण में शामिल लोगों और सीएसएएम के वितरकों के एक बड़े नेटवर्क को उजागर किया था, जो पेटीएम के माध्यम से प्राप्त भुगतान के साथ 60 वीडियो के लिए सिर्फ 10 रुपये में सोशल मीडिया पर अवैध सामग्री बेच रहे थे.

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 'ऑपरेशन मेघ चक्र' के तहत बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री (सीएसएएम) के ऑनलाइन प्रसार से जुड़े दो मामलों में शनिवार को 19 राज्यों और एक केंद्र-शासित प्रदेश में 56 ठिकानों की तलाशी ली. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि छापेमारी इंटरपोल सिंगापुर से मिली सूचना और पिछले साल के 'ऑपरेशन कार्बन' के दौरान प्राप्त खुफिया जानकारी पर आधारित है.

छापेमारी अभियान क्लाउड स्टोरेज सेवाओं पर लक्षित है, जिसका इस्तेमाल अपराधी बच्चों के साथ अवैध यौन गतिविधियों के ऑडियो-विजुअल प्रसारित करने के लिए करते हैं. इसी के चलते इस अभियान को ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ नाम दिया गया. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने देशभर में सीएसएएम प्रसारित करने वाले अपराधियों के खिलाफ छापे मारे हैं.

बता दें कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण रोधी डेटाबेस से जुड़ गया है. इससे अब नाबालिगों के यौन शोषण के खिलाफ कार्रवाई में तेजी से कार्रवाई हो रही है. एजेंसी परिष्कृत एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर का उपयोग करके पीड़ितों और दुर्व्यवहार करने वालों की पहचान करती है. सीबीआई हाल में 67 देशों की एजेंसियों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हुई है जो डेटाबेस से जुड़ी हैं.

एक बार जब किसी देश के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो, भारत के मामले में सीबीआई, को वह जानकारी मिल जाती है तो वे स्थानीय कानूनों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं. इंटरपोल तंत्र सीएसएएम पर नजर रखने और अवैध वितरण चैनल को बंद करने में, विभिन्न क्षेत्रों के भागीदारों के अलावा वित्तीय संस्थानों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स से मदद लेता है.

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इंटरपोल की वेबसाइट पर कहा गया है कि औसतन 27 लाख से अधिक तस्वीरों और वीडियो वाला डेटाबेस दुनिया भर में हर दिन सात पीड़ितों की पहचान करने में मदद करता है. इसमें 27,000 से अधिक पीड़ितों और 12,000 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई है. सीबीआई ने पिछले साल बाल शोषण में शामिल लोगों और सीएसएएम के वितरकों के एक बड़े नेटवर्क को उजागर किया था, जो पेटीएम के माध्यम से प्राप्त भुगतान के साथ 60 वीडियो के लिए सिर्फ 10 रुपये में सोशल मीडिया पर अवैध सामग्री बेच रहे थे.

Last Updated : Sep 24, 2022, 2:23 PM IST
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