ETV Bharat / bharat

CBI Registers FIR : 151 करोड़ रुपये की बैंकिंग फ्रॉड का केस आया सामने, सीबीआई ने नीदरलैंड में स्थित कंपनी के खिलाफ दर्ज किया केस

अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 151 करोड़ रुपये के कथित बैंकिंग घोटाले के लिए नीदरलैंड स्थित उद्यम बल्लारपुर इंटरनेशनल होल्डिंग्स (बीआईएच) बीवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

CBI Registers FIR
प्रतिकात्मक तस्वीर
author img

By

Published : Apr 2, 2023, 7:07 AM IST

Updated : Apr 2, 2023, 8:17 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीदरलैंड में स्थित कंपनी बल्लारपुर इंटरनेशनल होल्डिंग्स (बीआईएच) बीवी के खिलाफ 151 करोड़ रुपये के कथित बैंक घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अवंता इंटरनेशनल एसेट्स बीवी द्वारा प्रवर्तित यह कंपनी बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीआईएलटी) की सहायक कंपनी के रूप में कार्य करती है, जो गौतम थापर द्वारा प्रवर्तित अवंता समूह के तहत एक कागज निर्माण प्रतिष्ठान है. थापर कथित तौर पर यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर से जुड़े एक अलग मामले में जांच का सामना कर रहे हैं.

पढ़ें : Banking Crisis : बैंकिंग संकट से अमेरिका में मंदी का डर, दुनियाभर में पड़ा इसका प्रभाव

प्राथमिकी में थापर और अवंता समूह को आरोपी के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. अधिकारियों ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि बीआईएच की अपनी कोई परिचालन गतिविधि नहीं थी. इसकी आय पूरी तरह से ब्याज व कंपनियों के समूह से अर्जित लाभांश से प्राप्त होती थी. अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के जरिए कुल 151 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की गई. जांच में सामने आया कि शुरुआत में, 16 दिसंबर, 2010 को, आईडीबीआई बैंक ने बीआईएच को 60 मिलियन अमरीकी डालर का विदेशी मुद्रा ऋण स्वीकृत किया था. जिसे बाद में कंपनी ने चुका दिया था.

पढ़ें : Silicon Valley Bank Crisis : दिवालिया हुए सिलिकॉन वैली बैंक को, फर्स्ट सिटीजन बैंक ने खरीदा

बैंक ने अपनी शिकायत में कहा कि इसके बाद, सितंबर 2015 में, एक बहु बैंकिंग व्यवस्था के तहत, बैंक द्वारा 20 मिलियन रुपये का एक और ऋण स्वीकृत किया गया, जिसका उद्देश्य BIH को एक इंटरकंपनी ऋण देकर डाउनस्ट्रीम निवेश की सुविधा प्रदान करना था. इसके बाद, सितंबर 2015 में, एक बहु बैंकिंग व्यवस्था के तहत, बैंक द्वारा 20 मिलियन रुपये का एक और ऋण स्वीकृत किया गया, जिसका उद्देश्य BIH को एक इंटरकंपनी ऋण देकर डाउनस्ट्रीम निवेश की सुविधा प्रदान करना था.

पढ़ें : Deutsche Bank Crisis : बैंकिंग संकट से जर्मनी भी नहीं रहा अछूता! डॉयचे बैंक के शेयर इतने टूटे

ऋण को सुरक्षित करने के लिए, BILT ने 4,000 करोड़ रुपये की कॉर्पोरेट गारंटी प्रदान की थी. हालांकि, बीआईएच 1 अप्रैल, 2019 को बकाया ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा. अधिकारियों ने कहा कि उस वर्ष इस कंपनी में निहित कमजोरियों के परिणामस्वरूप, खाते को मई 2019 में सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने आईडीबीआई के दावे को स्वीकार कर लिया है.

पढ़ें : US Fed Interest Rate: बैंकिंग संकट के बीच फेड ने बढ़ाया इतना रेपो रेट, जानें क्या है मकसद

उन्होंने कहा कि बैंक ने 2019 में एक फोरेंसिक ऑडिट शुरू किया, जिसमें पता चला कि धन का उपयोग कथित तौर पर उन उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था, जिनके लिए उन्हें मंजूरी दी गई थी. इसके अलावा, धन कथित रूप से आवश्यक दस्तावेज के बिना संबंधित पार्टियों को स्थानांतरित कर दिया गया. फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट ने खुलासा किया कि बीआईएच ने कथित रूप से ऋण राशि के एक महत्वपूर्ण अनुपात का उपयोग बैंक के शर्तों के अनुरूप नहीं किया था. इसे ऑडिटर ने 'धोखाधड़ी' माना है. 25 जनवरी, 2021 को बैंक ने बैंक ने 151.01 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप पहली बार लगाया था.

पढ़ें : Silicon Valley Bank crash: बैंकिंग संकट का एक्टर शेरोन स्टोन को लगा झटका, गंवाए अपने आधे पैसे

(पीटीआई)

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीदरलैंड में स्थित कंपनी बल्लारपुर इंटरनेशनल होल्डिंग्स (बीआईएच) बीवी के खिलाफ 151 करोड़ रुपये के कथित बैंक घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अवंता इंटरनेशनल एसेट्स बीवी द्वारा प्रवर्तित यह कंपनी बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीआईएलटी) की सहायक कंपनी के रूप में कार्य करती है, जो गौतम थापर द्वारा प्रवर्तित अवंता समूह के तहत एक कागज निर्माण प्रतिष्ठान है. थापर कथित तौर पर यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर से जुड़े एक अलग मामले में जांच का सामना कर रहे हैं.

पढ़ें : Banking Crisis : बैंकिंग संकट से अमेरिका में मंदी का डर, दुनियाभर में पड़ा इसका प्रभाव

प्राथमिकी में थापर और अवंता समूह को आरोपी के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. अधिकारियों ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि बीआईएच की अपनी कोई परिचालन गतिविधि नहीं थी. इसकी आय पूरी तरह से ब्याज व कंपनियों के समूह से अर्जित लाभांश से प्राप्त होती थी. अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के जरिए कुल 151 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की गई. जांच में सामने आया कि शुरुआत में, 16 दिसंबर, 2010 को, आईडीबीआई बैंक ने बीआईएच को 60 मिलियन अमरीकी डालर का विदेशी मुद्रा ऋण स्वीकृत किया था. जिसे बाद में कंपनी ने चुका दिया था.

पढ़ें : Silicon Valley Bank Crisis : दिवालिया हुए सिलिकॉन वैली बैंक को, फर्स्ट सिटीजन बैंक ने खरीदा

बैंक ने अपनी शिकायत में कहा कि इसके बाद, सितंबर 2015 में, एक बहु बैंकिंग व्यवस्था के तहत, बैंक द्वारा 20 मिलियन रुपये का एक और ऋण स्वीकृत किया गया, जिसका उद्देश्य BIH को एक इंटरकंपनी ऋण देकर डाउनस्ट्रीम निवेश की सुविधा प्रदान करना था. इसके बाद, सितंबर 2015 में, एक बहु बैंकिंग व्यवस्था के तहत, बैंक द्वारा 20 मिलियन रुपये का एक और ऋण स्वीकृत किया गया, जिसका उद्देश्य BIH को एक इंटरकंपनी ऋण देकर डाउनस्ट्रीम निवेश की सुविधा प्रदान करना था.

पढ़ें : Deutsche Bank Crisis : बैंकिंग संकट से जर्मनी भी नहीं रहा अछूता! डॉयचे बैंक के शेयर इतने टूटे

ऋण को सुरक्षित करने के लिए, BILT ने 4,000 करोड़ रुपये की कॉर्पोरेट गारंटी प्रदान की थी. हालांकि, बीआईएच 1 अप्रैल, 2019 को बकाया ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा. अधिकारियों ने कहा कि उस वर्ष इस कंपनी में निहित कमजोरियों के परिणामस्वरूप, खाते को मई 2019 में सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने आईडीबीआई के दावे को स्वीकार कर लिया है.

पढ़ें : US Fed Interest Rate: बैंकिंग संकट के बीच फेड ने बढ़ाया इतना रेपो रेट, जानें क्या है मकसद

उन्होंने कहा कि बैंक ने 2019 में एक फोरेंसिक ऑडिट शुरू किया, जिसमें पता चला कि धन का उपयोग कथित तौर पर उन उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था, जिनके लिए उन्हें मंजूरी दी गई थी. इसके अलावा, धन कथित रूप से आवश्यक दस्तावेज के बिना संबंधित पार्टियों को स्थानांतरित कर दिया गया. फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट ने खुलासा किया कि बीआईएच ने कथित रूप से ऋण राशि के एक महत्वपूर्ण अनुपात का उपयोग बैंक के शर्तों के अनुरूप नहीं किया था. इसे ऑडिटर ने 'धोखाधड़ी' माना है. 25 जनवरी, 2021 को बैंक ने बैंक ने 151.01 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप पहली बार लगाया था.

पढ़ें : Silicon Valley Bank crash: बैंकिंग संकट का एक्टर शेरोन स्टोन को लगा झटका, गंवाए अपने आधे पैसे

(पीटीआई)

Last Updated : Apr 2, 2023, 8:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.