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पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सीबीआई ने कसा शिकंजा

सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे रिश्वतखोरी के आरोपों के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इस बाबत शनिवार को विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए और उन्हें नागपुर से हिरासत में लिया गया.

अनिल देशमुख की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया हिरासत में
अनिल देशमुख की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया हिरासत में
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Published : Apr 24, 2021, 3:54 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एफआईआर दर्ज करने के बाद उनके घर समेत लगभग 10 स्थानों पर छापे मारे और बाद में उन्हें नागपुर में हिरासत में ले लिया. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

सीबीआई टीमों ने पीपीई किट पहने, देशमुख के घर और मुंबई, ठाणे और पुणे के अन्य परिसरों में छापेमारी की. 14 अप्रैल को मुंबई में सीबीआई द्वारा 8 घंटे तक पूछताछ करने के बाद देशमुख से शनिवार को दोबारा पूछताछ करने की संभावना थी.

सीबीआई की कार्रवाई पिछले महीने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर हो रही है.

सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 'सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है और विभिन्न स्थानों पर खोज चल रही है.'

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर में सीबीआई ने देशमुख और कम से कम 5 अन्य लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, जिन पर आरोप है कि पूर्व गृह मंत्री ने एक पुलिस अधिकारी को होटल व्यवसायियों और अन्य स्रोतों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था.

सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक और मंत्री हसन मुश्रीफ के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजू वाघमारे ने इस कार्रवाई को 'राजनीति से प्रेरित' और 'केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग' करार दिया और राज्य सरकार की छवि को खराब करने का आरोप लगाया.

इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वाल्से-पाटिलकी गुप्त बैठक हुई थी.

ये भी पढ़ें : वैक्सीन की कमी ना होने का दावा खोखला: चिदंबरम

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और अन्य ने सीबीआई की कार्रवाई का स्वागत किया और परिवहन मंत्री अनिल परब और शिवसेना सांसद संजय राउत सहित अन्य एमवीए नेताओं के खिलाफ जांच की मांग की.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल को सीबीआई द्वारा देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए और 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.

अदालत द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख ने अपना पद छोड़ दिया और उनकी जगह वरिष्ठ राकांपा नेता वाल्से-पाटिल को नियुक्त किया गया.

इससे पहले सिंह का तबादला कर दिया गया था और हेमंत नागराले को मुंबई का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था.

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एफआईआर दर्ज करने के बाद उनके घर समेत लगभग 10 स्थानों पर छापे मारे और बाद में उन्हें नागपुर में हिरासत में ले लिया. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

सीबीआई टीमों ने पीपीई किट पहने, देशमुख के घर और मुंबई, ठाणे और पुणे के अन्य परिसरों में छापेमारी की. 14 अप्रैल को मुंबई में सीबीआई द्वारा 8 घंटे तक पूछताछ करने के बाद देशमुख से शनिवार को दोबारा पूछताछ करने की संभावना थी.

सीबीआई की कार्रवाई पिछले महीने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर हो रही है.

सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 'सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है और विभिन्न स्थानों पर खोज चल रही है.'

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर में सीबीआई ने देशमुख और कम से कम 5 अन्य लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, जिन पर आरोप है कि पूर्व गृह मंत्री ने एक पुलिस अधिकारी को होटल व्यवसायियों और अन्य स्रोतों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था.

सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक और मंत्री हसन मुश्रीफ के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजू वाघमारे ने इस कार्रवाई को 'राजनीति से प्रेरित' और 'केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग' करार दिया और राज्य सरकार की छवि को खराब करने का आरोप लगाया.

इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वाल्से-पाटिलकी गुप्त बैठक हुई थी.

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विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और अन्य ने सीबीआई की कार्रवाई का स्वागत किया और परिवहन मंत्री अनिल परब और शिवसेना सांसद संजय राउत सहित अन्य एमवीए नेताओं के खिलाफ जांच की मांग की.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल को सीबीआई द्वारा देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए और 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.

अदालत द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख ने अपना पद छोड़ दिया और उनकी जगह वरिष्ठ राकांपा नेता वाल्से-पाटिल को नियुक्त किया गया.

इससे पहले सिंह का तबादला कर दिया गया था और हेमंत नागराले को मुंबई का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था.

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