कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में बड़ा कदम उठाया है. निजाम पैलेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि भर्ती भ्रष्टाचार का पूरा संचालन दो फर्जी वेबसाइट बनाकर किया गया था. और यह कैसे हुआ, यह जानने के लिए अधिकारियों ने गूगल को एक पत्र लिखा है (CBI contacts Google).
सीबीआई सूत्रों की मानें तो बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाई गई थी. पैसे के बदले नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों के नाम उस वेबसाइट पर थे. इसलिए इन दोनों वेबसाइटों का निर्माण किया गया. सीबीआई ने गूगल को यह जानकारी हासिल करने के लिए पत्र भेजा कि इन नकली वेबसाइटों को बनाने के लिए किसकी पहचान का इस्तेमाल किया गया. अधिकारियों ने मामले से संबंधित विवरण जानने के लिए Google से संपर्क किया.
कुंतल घोष को कोर्ट में पेश किया : इस बीच गुरुवार को एक अन्य आरोपी कुंतल घोष को कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई ने सुनवाई में दावा किया कि फर्जी वेबसाइट बनाकर सारा भ्रष्टाचार किया गया. जांच के दौरान, सीबीआई ने देखा कि बोर्ड की मूल वेबसाइट '.in' थी, लेकिन नकली वेबसाइट '.com' थी.
वेबसाइट के लुक से यह समझने का कोई तरीका नहीं है कि वह नकली वेबसाइट है. दावा है कि फर्जी वेबसाइट पर नौकरी चाहने वालों के नाम लाखों रुपए के बदले दिए जाते थे.
इन फर्जी वेबसाइटों से घोटाला करने के तरीके के बारे में सीबीआई के एक सदस्य ने बताया कि लिखित परीक्षा से पहले नौकरी पाने के लिए एडवांस देने वालों के नाम इन वेबसाइटों पर चयनित उम्मीदवारों की सूची में अपलोड कर दिए गए.
उन्होंने कहा, यह उनका विश्वास हासिल करने का एक तरीका था ताकि वे बाकी पैसों का भुगतान करें और भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर का अगला चरण शुरू किया जा सके.
सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के अधिकारियों को पता चला कि नकली वेबसाइट बनाई गई थी और उद्देश्य पूरा होने के तुरंत बाद इसे हटा दिया गया था. इसे किसने डिलीट किया, इस पर भी सवाल उठे हैं. सीबीआई ने गूगल को यह जानने के लिए पत्र लिखा है कि मकसद पूरा होने के बाद वेबसाइटों को किसने डिलीट किया.
पत्र में सीबीआई अधिकारी मूल रूप से यह जानना चाहते हैं कि किस कंप्यूटर से फर्जी वेबसाइट और ई-मेल आईडी बनाई गई. उसका आईपी एड्रेस क्या है. जांचकर्ताओं के मुताबिक, कुंतल घोष से पूछताछ करने पर काफी जानकारी सामने आएगी. नतीजतन, कुंतल घोष से पूछताछ करना जरूरी है.
हालांकि, कुंतल घोष ने आरोप लगाया कि सीबीआई दुर्भावना से प्रेरित होकर पूछताछ के नाम पर डरा रही है. उनका कहना है कि 'वे चाहते थे कि मैं कई प्रभावशाली लोगों के नाम के साथ अभिषेक बनर्जी का भी नाम लूं.' घोष ने न्यायाधीश को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी.
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