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CBI ने 512 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी मामले में अविनाश जैन को गिरफ्तार किया - मेसर्स एराइज इंडिया लिमिटेड

सीबीआई ने एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक और प्रमोटर को 512.67 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान अविनाश जैन के रूप में हुई है

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Published : Nov 14, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 9:57 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक और प्रमोटर को 512.67 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान मेसर्स अराइज इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और प्रमोटर अविनाश जैन के रूप में हुई है. कंपनी बिजली के सामान बनाने का काम करती है.

  • The Central Bureau of Investigation has arrested Avinash Jain, Managing Director & Promoter of M/s Arise India Limited in New Delhi in an ongoing investigation of a case related to bank fraud of Rs.512.67 crore (approx): CBI pic.twitter.com/4zYb9d4DDI

    — ANI (@ANI) November 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मामले की जांच के दौरान, सीबीआई ने गवाहों के अलावा एक निजी कंपनी के अधिकारियों और बैंक अधिकारियों आदि सहित कई लोगों से पूछताछ की. इस दौरान कंपनी के उक्त एमडी/प्रमोटर अपने उत्तरों में टालमटोल करते पाए गए. बता दें कि नवंबर 2020 में नई दिल्ली के पालम इलाके में मंगलापुरी स्थित एक निजी कंपनी और उसके निदेशक और प्रमोटर, अन्य निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. तब उन पर अज्ञात लोक सेवकों/अन्य पर बैंकों का लगभग 512.67 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था.

इस संबंध में शिकायतकर्ता बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी ने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में छह बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा दिया, जिससे 512.67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई. आगे यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी ने बैंक ऋणों को संबंधित पक्षों को डायवर्ट किया और कंपनी के देनदारों को बढ़ा-चढ़ाकर जानबूझ कर बैंकों को धोखा दिया. उक्त निजी कंपनी मोनोब्लॉक पंप, सबमर्सिबल पंप, बैटरी, इनवर्टर और बिजली के सामान के निर्माण और व्यापार में थी और इसकी इकाइयां सोनीपत (हरियाणा) और काला अंब (हिमाचल प्रदेश) में थीं. उक्त कंपनी के खातों को 27 फरवरी, 2017 को एनपीए घोषित किया गया था.

सीबीआई ने इससे पहले दिसंबर 2020 में आरोपी के परिसरों में तलाशी ली थी, जिसके कारण उक्त उधारकर्ता कंपनी के खातों की पुस्तकों, खरीद / बिक्री विवरण आदि सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे. गिरफ्तार आरोपी को मंगलवार को दिल्ली की सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी के दो पूर्व निदेशकों को गिरफ्तार किया

(इनपुट-एजेंसी)

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक और प्रमोटर को 512.67 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान मेसर्स अराइज इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और प्रमोटर अविनाश जैन के रूप में हुई है. कंपनी बिजली के सामान बनाने का काम करती है.

  • The Central Bureau of Investigation has arrested Avinash Jain, Managing Director & Promoter of M/s Arise India Limited in New Delhi in an ongoing investigation of a case related to bank fraud of Rs.512.67 crore (approx): CBI pic.twitter.com/4zYb9d4DDI

    — ANI (@ANI) November 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मामले की जांच के दौरान, सीबीआई ने गवाहों के अलावा एक निजी कंपनी के अधिकारियों और बैंक अधिकारियों आदि सहित कई लोगों से पूछताछ की. इस दौरान कंपनी के उक्त एमडी/प्रमोटर अपने उत्तरों में टालमटोल करते पाए गए. बता दें कि नवंबर 2020 में नई दिल्ली के पालम इलाके में मंगलापुरी स्थित एक निजी कंपनी और उसके निदेशक और प्रमोटर, अन्य निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. तब उन पर अज्ञात लोक सेवकों/अन्य पर बैंकों का लगभग 512.67 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था.

इस संबंध में शिकायतकर्ता बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी ने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में छह बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा दिया, जिससे 512.67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई. आगे यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी ने बैंक ऋणों को संबंधित पक्षों को डायवर्ट किया और कंपनी के देनदारों को बढ़ा-चढ़ाकर जानबूझ कर बैंकों को धोखा दिया. उक्त निजी कंपनी मोनोब्लॉक पंप, सबमर्सिबल पंप, बैटरी, इनवर्टर और बिजली के सामान के निर्माण और व्यापार में थी और इसकी इकाइयां सोनीपत (हरियाणा) और काला अंब (हिमाचल प्रदेश) में थीं. उक्त कंपनी के खातों को 27 फरवरी, 2017 को एनपीए घोषित किया गया था.

सीबीआई ने इससे पहले दिसंबर 2020 में आरोपी के परिसरों में तलाशी ली थी, जिसके कारण उक्त उधारकर्ता कंपनी के खातों की पुस्तकों, खरीद / बिक्री विवरण आदि सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे. गिरफ्तार आरोपी को मंगलवार को दिल्ली की सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी के दो पूर्व निदेशकों को गिरफ्तार किया

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Nov 14, 2022, 9:57 PM IST
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