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केरल के कैथोलिक चर्च का एलान, पैदा करें 5 से ज्यादा बच्चे, दी जाएगी आर्थिक मदद

यूपी-असम जैसे राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदमों के बीच केरल में चर्च ने अधिक बच्चे वाले ईसाई परिवारों को आर्थिक मदद देने का एलान किया है. इसके तहत पांच या अधिक बच्चाें वाले परिवार को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे. सुविधा वर्ष 2000 के बाद शादीशुदा जोड़ाें को मिलेगी.

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Published : Jul 29, 2021, 11:08 PM IST

kerala church, financial help
चर्च

कोट्टायम (केरल): यूपी में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर शुरू हुए राजनीतिक विवाद में केरल का एक चर्च भी शामिल हो गया है. कोट्टायम के कैथोलिक चर्च (Catholic Church) की ओर से घोषणा की गई है कि पांच या उससे अधिक बच्चों वाले परिवारों को आर्थिक मदद (Financial Help) दी जाएगी. इस मदद को देने के लिए चर्च की ओर से बकायदा योजना भी चलाई गई है. चर्च के फॉदर जोसेफ कल्लारंगट की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 'बच्चे भगवान की ओर से एक उपहार हैं'.

मीडिया से बातचीत में जानकारी दी गई कि ये योजना बड़े परिवारों को विशेष रूप से COVID-19 परिदृश्य के बाद सहायता प्रदान करने के लिए है. हम जल्द ही आवेदन प्राप्त करना शुरू कर देंगे और संभवत: अगस्त से हम सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम 2019 में चंगनाचेरी आर्चडीओसीज द्वारा जारी एक पत्र को ध्यान में रखकर जारी किया गया है हिस्सा था, जिसमें कहा गया था कि केरल में ईसाई आबादी का हिस्सा पिछले कुछ वर्षों में घट गया है.

पढ़ें:सरकारी संपत्ति नष्ट करने वाले विधायकों का समर्थन कर रहे सीएम विजयन : कांग्रेस

इस पर फादर ने कहा कि यह मुद्दा वास्तविक है. कहा कि यह एक सच्चाई है कि ईसाई समुदाय की आबादी कम होती जा रही है और हमारी विकास दर कम है. यह भी एक कारण है, लेकिन तात्कालिक कारण बड़े परिवारों को सहायता प्रदान करना है, जिन्हें महामारी के कारण अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

केरल में लगातार घट रही ईसाई सुमदाय की आबादी

कहा कि केरल राज्य के गठन के दौरान ईसाई राज्य में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय था, लेकिन अब ये समुदाय राज्य की कुल आबादी का केवल 18.38 प्रतिशत है. हाल के वर्षों में, ईसाई समुदाय में जन्म दर घटकर 14 प्रतिशत रह गई है. इस योजना की घोषणा साल 2000 के बाद शादी करने वाले जोड़ों के लिए की गई है, क्योंकि उस वर्ष से पहले एक परिवार शुरू करने वाले जोड़ों के बड़े बच्चों ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली होगी और अपने-अपने परिवारों में योगदान देना शुरू कर दिया होगा.

चर्च ने अपने द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में अपने चौथे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त प्रसव देखभाल की भी घोषणा की है. साथ ही यह भी कहा कि जो बच्चे चौथे या बाद में एक परिवार में पैदा हुए हैं, उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज चलाने के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी.

बताते चलें कि योजना की घोषणा चर्च के वार्षिक समारोह में बिशप जोसेफ कल्लारंगट द्वारा एक ऑनलाइन बैठक में की गई थी.

कोट्टायम (केरल): यूपी में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर शुरू हुए राजनीतिक विवाद में केरल का एक चर्च भी शामिल हो गया है. कोट्टायम के कैथोलिक चर्च (Catholic Church) की ओर से घोषणा की गई है कि पांच या उससे अधिक बच्चों वाले परिवारों को आर्थिक मदद (Financial Help) दी जाएगी. इस मदद को देने के लिए चर्च की ओर से बकायदा योजना भी चलाई गई है. चर्च के फॉदर जोसेफ कल्लारंगट की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 'बच्चे भगवान की ओर से एक उपहार हैं'.

मीडिया से बातचीत में जानकारी दी गई कि ये योजना बड़े परिवारों को विशेष रूप से COVID-19 परिदृश्य के बाद सहायता प्रदान करने के लिए है. हम जल्द ही आवेदन प्राप्त करना शुरू कर देंगे और संभवत: अगस्त से हम सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम 2019 में चंगनाचेरी आर्चडीओसीज द्वारा जारी एक पत्र को ध्यान में रखकर जारी किया गया है हिस्सा था, जिसमें कहा गया था कि केरल में ईसाई आबादी का हिस्सा पिछले कुछ वर्षों में घट गया है.

पढ़ें:सरकारी संपत्ति नष्ट करने वाले विधायकों का समर्थन कर रहे सीएम विजयन : कांग्रेस

इस पर फादर ने कहा कि यह मुद्दा वास्तविक है. कहा कि यह एक सच्चाई है कि ईसाई समुदाय की आबादी कम होती जा रही है और हमारी विकास दर कम है. यह भी एक कारण है, लेकिन तात्कालिक कारण बड़े परिवारों को सहायता प्रदान करना है, जिन्हें महामारी के कारण अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

केरल में लगातार घट रही ईसाई सुमदाय की आबादी

कहा कि केरल राज्य के गठन के दौरान ईसाई राज्य में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय था, लेकिन अब ये समुदाय राज्य की कुल आबादी का केवल 18.38 प्रतिशत है. हाल के वर्षों में, ईसाई समुदाय में जन्म दर घटकर 14 प्रतिशत रह गई है. इस योजना की घोषणा साल 2000 के बाद शादी करने वाले जोड़ों के लिए की गई है, क्योंकि उस वर्ष से पहले एक परिवार शुरू करने वाले जोड़ों के बड़े बच्चों ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली होगी और अपने-अपने परिवारों में योगदान देना शुरू कर दिया होगा.

चर्च ने अपने द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में अपने चौथे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त प्रसव देखभाल की भी घोषणा की है. साथ ही यह भी कहा कि जो बच्चे चौथे या बाद में एक परिवार में पैदा हुए हैं, उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज चलाने के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी.

बताते चलें कि योजना की घोषणा चर्च के वार्षिक समारोह में बिशप जोसेफ कल्लारंगट द्वारा एक ऑनलाइन बैठक में की गई थी.

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