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बिना ब्रांड के खाद्यान पर जीएसटी लगाने की अधिसूचना हो स्थगित : कैट

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Published : Jul 19, 2022, 11:50 AM IST

Updated : Jul 21, 2022, 6:49 PM IST

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज ( कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि कम से कम 3 महीने तक नोटिफिकेशंन को लागू करना स्थगित किया जाए.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज

नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज ( कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि 18 जुलाई से बिना ब्रांड वाले खाद्यन एवं अन्य वस्तुओं का लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपए का माल तथा लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का पैकिंग मैटेरियल बाजार में स्टॉक के रूप में पड़ा है , इसको देखते हुए कम से कम 3 महीने तक नोटिफिकेशंन को लागू करना स्थगित किया जाए. कैट ने यह भी कहा है की बड़ी संख्या में बिना ब्रांड के उत्पाद के निर्माता एवं व्यापारियों को जीएसटी में पंजीकरण कराना है जिसमें समय लगेगा, इस दृष्टि से भी अधिसूचना को लागू करने को स्थगित करना जरूरी है.

पढ़ें: एक स्लैब और कम दर वाली GST से गरीबों और मध्य वर्ग पर बोझ कम होगा: राहुल

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की 18 जुलाई से से देश मे सभी प्रीपैक्ड व प्री लेबल खाद्यान एवं अन्य वस्तुओं पर जो 25 किलो/25लीटर या उससे कम की प्री पैकिंग में चाहे वे नॉन ब्रांडेड ही क्यों न हो सभी पर 5% जीएसटी कर लागू हो गया है. देश भर के व्यापारी उसकी पालना के संबंध में कुछ वास्तविक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की वर्तमान में पूरे देश के सभी निर्माताओं, दुकानदारों, प्रोसेसर्स, वेंडर्स के पास करीब 6 हजार करोड़ रुपये का पैकिंग मैटेरियल पड़ा हुआ है क्योंकि आम तौर पर सामान्य व्यापार प्रक्रिया में लगभग 3 से 6 माह की खपत के अनुसार स्टॉक रखा जाता है. इसमें थोक व्यापार व एक्सपोर्ट बैग्स के रूप में तथा एचडीपीई एवं जूट बैग्स का स्टॉक राइस मिलर्स, प्रोसेसर्स व पैकिंग मटेरियल बनाने वाले उधोगो व छोटे छोटे स्वसहायता महिला ग्रुप के पास स्टॉक/निर्माण प्रोसेस में स्टॉक के रूप में भी उपलब्ध है.

पढ़ें: GST IMPACT : पैकटबंद और लेबल वाली खाद्य वस्तुएं महंगी, बैंक चेक और अस्पताल के कमरे भी महंगे

क्योंकि अब जीएसटी के दायरे में आने के बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट एवं लीगल मैट्रोलोजी एक्ट के अनुसार पैकिंग में भी नए सिरे से पैकिंग मैटीरियल बनवाना होगा, इससे जो माल बहुत बड़ी मात्रा में स्टॉक अथवा प्रोसेस लाइन में पड़ा है, वो अनुपयुक्त होने के कारण इस्तेमाल में नहीं आ सकेगा एवं नै पैकिंग बनाने में कुछ समय भी लगेगा, इस बात को दृष्टि में रखते हुए हमारा आपसे आग्रह है की फिलहाल इस जीएसटी नियम के प्रावधान को लागू करने के लिए तीन महीने के लिए स्थगित किया जाए जिससे देश में पड़े हुए पैकिंग मटेरियल की बर्बादी भी न हो और तुरंत भारी मांग होने से नए पैकिंग मैटेरियल की किल्लत भी न हो. इसी तरह से बड़ी मात्रा में नॉन टैक्सेबल स्टॉक भी देश भर में पड़ा हुआ है. उसको भी आगामी तीन महीने में सुविधा के साथ बेचा जा सके क्योंकि अभी तक जो लोग बिना ब्रांड वाले उत्पादों का प्रयोग करते थे, उन्हें तुरंत जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा, जिस प्रक्रिया में थोड़ा समय भी लगता है. इस दृष्टि से उन्हें कुछ समय मिलना चाहिए.

पढ़ें: GST को लेकर राहुल-वरुण ने एक सुर में साधा केंद्र पर निशाना

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की इस सन्दर्भ में यह भी कहना उचित होगा की साथ ही पूरे देश मे पैकिंग मटेरियल निर्माताओं को भी बाजार की मांग के अनुरूप अपने संसथान में काफी बदलाव करने पड़ेंगे जिसमें बड़ी मात्रा में कैपिटल इन्वेस्टमेंट भी करना होगा. इसके साथ ही देश भर में छोटे छोटे स्वयं उद्यमी महिला ग्रुप जो जूट बैग के निर्माण में लगे है उन्हें भी अपने वर्तमान सेटअप को अपग्रेड करना होगा, जिसमें समय लग्न स्वाभाविक है. इस तथ्य के आलोक में आपसे विनम्र आग्रह है की बिना ब्रांड वाले खाद्यानों एवं अन्य उत्पादों जिन पर 18 जुलाई से जीएसटी कर लग गया है को व्यापार व्यवस्थित करने तथा कानून एवं नियम की सही रूप से पालना करने के लिए कम से कम तीन महीने का समय दिया जाए और इस नियम को आगामी तीन महीने तक लागू होने से स्थगित रखा जाए.

नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज ( कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि 18 जुलाई से बिना ब्रांड वाले खाद्यन एवं अन्य वस्तुओं का लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपए का माल तथा लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का पैकिंग मैटेरियल बाजार में स्टॉक के रूप में पड़ा है , इसको देखते हुए कम से कम 3 महीने तक नोटिफिकेशंन को लागू करना स्थगित किया जाए. कैट ने यह भी कहा है की बड़ी संख्या में बिना ब्रांड के उत्पाद के निर्माता एवं व्यापारियों को जीएसटी में पंजीकरण कराना है जिसमें समय लगेगा, इस दृष्टि से भी अधिसूचना को लागू करने को स्थगित करना जरूरी है.

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की 18 जुलाई से से देश मे सभी प्रीपैक्ड व प्री लेबल खाद्यान एवं अन्य वस्तुओं पर जो 25 किलो/25लीटर या उससे कम की प्री पैकिंग में चाहे वे नॉन ब्रांडेड ही क्यों न हो सभी पर 5% जीएसटी कर लागू हो गया है. देश भर के व्यापारी उसकी पालना के संबंध में कुछ वास्तविक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की वर्तमान में पूरे देश के सभी निर्माताओं, दुकानदारों, प्रोसेसर्स, वेंडर्स के पास करीब 6 हजार करोड़ रुपये का पैकिंग मैटेरियल पड़ा हुआ है क्योंकि आम तौर पर सामान्य व्यापार प्रक्रिया में लगभग 3 से 6 माह की खपत के अनुसार स्टॉक रखा जाता है. इसमें थोक व्यापार व एक्सपोर्ट बैग्स के रूप में तथा एचडीपीई एवं जूट बैग्स का स्टॉक राइस मिलर्स, प्रोसेसर्स व पैकिंग मटेरियल बनाने वाले उधोगो व छोटे छोटे स्वसहायता महिला ग्रुप के पास स्टॉक/निर्माण प्रोसेस में स्टॉक के रूप में भी उपलब्ध है.

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क्योंकि अब जीएसटी के दायरे में आने के बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट एवं लीगल मैट्रोलोजी एक्ट के अनुसार पैकिंग में भी नए सिरे से पैकिंग मैटीरियल बनवाना होगा, इससे जो माल बहुत बड़ी मात्रा में स्टॉक अथवा प्रोसेस लाइन में पड़ा है, वो अनुपयुक्त होने के कारण इस्तेमाल में नहीं आ सकेगा एवं नै पैकिंग बनाने में कुछ समय भी लगेगा, इस बात को दृष्टि में रखते हुए हमारा आपसे आग्रह है की फिलहाल इस जीएसटी नियम के प्रावधान को लागू करने के लिए तीन महीने के लिए स्थगित किया जाए जिससे देश में पड़े हुए पैकिंग मटेरियल की बर्बादी भी न हो और तुरंत भारी मांग होने से नए पैकिंग मैटेरियल की किल्लत भी न हो. इसी तरह से बड़ी मात्रा में नॉन टैक्सेबल स्टॉक भी देश भर में पड़ा हुआ है. उसको भी आगामी तीन महीने में सुविधा के साथ बेचा जा सके क्योंकि अभी तक जो लोग बिना ब्रांड वाले उत्पादों का प्रयोग करते थे, उन्हें तुरंत जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा, जिस प्रक्रिया में थोड़ा समय भी लगता है. इस दृष्टि से उन्हें कुछ समय मिलना चाहिए.

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दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की इस सन्दर्भ में यह भी कहना उचित होगा की साथ ही पूरे देश मे पैकिंग मटेरियल निर्माताओं को भी बाजार की मांग के अनुरूप अपने संसथान में काफी बदलाव करने पड़ेंगे जिसमें बड़ी मात्रा में कैपिटल इन्वेस्टमेंट भी करना होगा. इसके साथ ही देश भर में छोटे छोटे स्वयं उद्यमी महिला ग्रुप जो जूट बैग के निर्माण में लगे है उन्हें भी अपने वर्तमान सेटअप को अपग्रेड करना होगा, जिसमें समय लग्न स्वाभाविक है. इस तथ्य के आलोक में आपसे विनम्र आग्रह है की बिना ब्रांड वाले खाद्यानों एवं अन्य उत्पादों जिन पर 18 जुलाई से जीएसटी कर लग गया है को व्यापार व्यवस्थित करने तथा कानून एवं नियम की सही रूप से पालना करने के लिए कम से कम तीन महीने का समय दिया जाए और इस नियम को आगामी तीन महीने तक लागू होने से स्थगित रखा जाए.

Last Updated : Jul 21, 2022, 6:49 PM IST
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