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तमिलनाडु : एमए की परीक्षा में जाति संबंधी सवाल पूछे जाने पर विवाद, जांच के आदेश

तमिलनाडु में पेरियार विश्वविद्यालय का विवाद तेजी से बढ़ता जा रहा है (Caste related question in Periyar University). यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब गुरुवार को MA इतिहास प्रथम वर्ष की परीक्षा में जाति से संबंधित सवाल पूछा गया. हालांकि, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कुलपति जगन्नाथन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है.

Periyar University question paper controversy
Periyar University question paper controversy
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Published : Jul 16, 2022, 3:09 PM IST

Updated : Jul 16, 2022, 4:27 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु के पेरियार विश्वविद्यालय में एमए इतिहास प्रथम वर्ष की परीक्षा में जाति संबंधित प्रश्न पूछे जाने के बाद मामला तूल पकड़ रहा है. हालांकि, कुलपति जगन्नाथन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है.

गुरुवार को दूसरे सेमेस्टर के 'स्वतंत्रता आंदोलन' विषय की परीक्षा में पूछा गया था कि तमिलनाडु में 1800 से 1947 तक निम्न जाति कौन सी है. इसे देखते हुए शुक्रवार (15 जुलाई) को उच्च शिक्षा सचिव ने एक बयान जारी किया. उसमें उन्होंने जिक्र किया, 'पेरियार विश्वविद्यालय सलेम में एमए इतिहास के छात्रों के लिए आयोजित परीक्षा में जाति पर एक प्रश्न पूछा गया था, इसकी निंदा की गई है. मामले की उचित जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद विश्वविद्यालय के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

कुलपति ने दी सफाई : इस मुद्दे पर कुलपति ने कहा कि एक अन्य विश्वविद्यालय ने प्रश्न तैयार किया था और उन्हें पेपर के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली. कुलपति ने कहा, 'परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र पेरियार विश्वविद्यालय द्वारा तैयार नहीं किए जाते हैं. अन्य विश्वविद्यालय और कॉलेज के व्याख्याताओं ने प्रश्न पत्र तैयार किया. आमतौर पर प्रश्न पत्र लीक से बचने के लिए हम परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र नहीं पढ़ते हैं. विवादास्पद प्रश्न के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं मिली. हम इसकी जांच करेंगे. हम आज परीक्षा नियंत्रक से रिपोर्ट मांग रहे हैं जिन्होंने प्रश्न पत्र निर्धारित किया है. हम फिर से परीक्षा आयोजित करने पर विचार नहीं कर रहे है.'

पढ़ें- दो मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को मिला एक ही सेट का प्रश्नपत्र, कुलपति ने बताई 'गलती'

चेन्नई: तमिलनाडु के पेरियार विश्वविद्यालय में एमए इतिहास प्रथम वर्ष की परीक्षा में जाति संबंधित प्रश्न पूछे जाने के बाद मामला तूल पकड़ रहा है. हालांकि, कुलपति जगन्नाथन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है.

गुरुवार को दूसरे सेमेस्टर के 'स्वतंत्रता आंदोलन' विषय की परीक्षा में पूछा गया था कि तमिलनाडु में 1800 से 1947 तक निम्न जाति कौन सी है. इसे देखते हुए शुक्रवार (15 जुलाई) को उच्च शिक्षा सचिव ने एक बयान जारी किया. उसमें उन्होंने जिक्र किया, 'पेरियार विश्वविद्यालय सलेम में एमए इतिहास के छात्रों के लिए आयोजित परीक्षा में जाति पर एक प्रश्न पूछा गया था, इसकी निंदा की गई है. मामले की उचित जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद विश्वविद्यालय के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

कुलपति ने दी सफाई : इस मुद्दे पर कुलपति ने कहा कि एक अन्य विश्वविद्यालय ने प्रश्न तैयार किया था और उन्हें पेपर के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली. कुलपति ने कहा, 'परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र पेरियार विश्वविद्यालय द्वारा तैयार नहीं किए जाते हैं. अन्य विश्वविद्यालय और कॉलेज के व्याख्याताओं ने प्रश्न पत्र तैयार किया. आमतौर पर प्रश्न पत्र लीक से बचने के लिए हम परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र नहीं पढ़ते हैं. विवादास्पद प्रश्न के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं मिली. हम इसकी जांच करेंगे. हम आज परीक्षा नियंत्रक से रिपोर्ट मांग रहे हैं जिन्होंने प्रश्न पत्र निर्धारित किया है. हम फिर से परीक्षा आयोजित करने पर विचार नहीं कर रहे है.'

पढ़ें- दो मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को मिला एक ही सेट का प्रश्नपत्र, कुलपति ने बताई 'गलती'

Last Updated : Jul 16, 2022, 4:27 PM IST
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