गाजियाबाद : गाजियाबाद पुलिस ने पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ कोविड-19 के रोगियों और कुछ पूर्वी राज्यों में बाढ़ पीड़ितों के लिए कथित तौर पर चंदा जुटाने के संबंध में धोखाधड़ी और गबन के तहत मामला दर्ज किया है.
बता दें कि अयूब पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. उन पर कंप्यूटर संसाधनों का इस्तेमाल कर आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोप हैं. प्राथमिकी इस सप्ताह दर्ज की गई है. इस सप्ताह मंगलवार को गैर सरकारी संगठन 'हिंदू आईटी सेल' के संस्थापक विनोद पांडे की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है. उन्होंने कहा कि जांच और सबूत मिलने के बाद ही पुलिस पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.
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पत्रकार का नाम बुलंदशहर के 72 वर्षीय एक व्यक्ति के कथित रूप से फर्जी वीडियो के प्रसार के मामले में भी आया था. इस वीडियो में व्यक्ति ने चार लोगों पर कथित तौर पर मारने-पीटने और दाढ़ी काटने तथा अपहरण करके 'जय श्रीराम' का नारा बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था. गाजियाबाद पुलिस ने हालांकि बाद में यह पाया कि वीडियो में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं और उसने एक राजनीतिक कार्यकर्ता के इशारे पर ये आरोप लगाए थे.
(पीटीआई-भाषा)