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माफिया अतीक अहमद के दो गुर्गों सहित 8 के खिलाफ 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का केस दर्ज

प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की मौत के बाद भी उसके गुर्गों के हौसले पस्त नहीं हुए हैं. अतीक के खास गुर्गे आबिद प्रधान और फरहान सहित 8 लोगों के खिलाफ रंगदारी मांगने का केस दर्ज किया गया है. यह केस प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले अशरफ सिद्दीकी ने दर्ज कराया है.

प्रयागराज
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Published : Jun 15, 2023, 6:57 AM IST

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उसके गैंग के गुर्गे भी अब उसी की राह पर चल पड़े हैं. अतीक के बाद उसके खास गुर्गे आबिद प्रधान और फरहान सहित 8 लोगों के खिलाफ 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का केस दर्ज किया गया है. धूमनगंज थाने में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले हरवारा निवासी अशरफ सिद्दीकी ने रंगदारी मांगने का केस दर्ज करवाया है. पुलिस ने हरवारा निवासी अशरफ सिद्दीकी की तहरीर पर जेल में बंद फरहान समेत आबिद प्रधान और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

अतीक अहमद के बाद जेल में बंद उसके गुर्गे फरहान ने मरियाडीह के प्रधान रहे आबिद और उसके सहयोगियों की मदद से रंगदारी मांगने का काम किया. हरवारा के रहने वाले अशरफ सिद्दीकी का आरोप है कि वह अपने घर की तरफ जा रहा था, उसी वक्त आबिद प्रधान ने अपने कई गुर्गों के साथ मिलकर उसका रास्ता रोक लिया. उस दौरान अतीक गैंग के इन गुर्गों ने मिलकर उसको मारा-पीटा और जेल में बंद अतीक के दूसरे गुर्गे से फोन पर जबरन बात भी करवाई. उस तरफ से जेल में बंद फरहान ने भी रंगदारी देने को कहा और न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इतना ही नहीं आबिद प्रधान ने उसको धमकाते हुए कहा कि इतना कमाई कर रहे हो उसके बदले उन्हें भी हिस्सा देना पड़ेगा. मांगी गई रकम नहीं दी तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना. इसके बाद अशरफ ने अतीक के गुर्गों से किसी तरह से अपनी जान बचाई और अपने घर गया. 28 मई की इस घटना के बाद उसने कई दिनों बाद हिम्मत जुटाई और पुलिस से शिकायत की. उसकी मांग है कि पुलिस अतीक अहमद के इन गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जिससे शरीफ लोग शांति से भयमुक्त माहौल में जीवन जी सकें.

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस

प्रयागराज के ही हरवारा इलाके में रहने वाले अशरफ सिद्दीकी ने धूमनगंज थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया है कि अतीक अहमद के गैंग के दो शातिर अपराधियों ने उससे रंगदारी मांगी और जान से मारने की धमकी भी दी है. इसके बाद पुलिस ने उसकी तहरीर के आधार पर फरहान भाई, मरियाडीह के प्रधान रहे आबिद व उसके भतीजे जीशान और दानिश के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अशरफ की तहरीर के आधार पर इसी एफआईआर में फैजान और अबूबकर का नाम भी शामिल है. यही नहीं इन सबके साथ कटहुला निवासी कमर हारुन और मरियाडीह के जावेद को भी आरोपी बनाया गया है. इन सबके खिलाफ रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट करने, गाली-गलौच करने के साथ डराने-धमकाने का भी केस दर्ज किया गया है. इन आरोपियों में जेल में बंद फरहान भाई के खिलाफ 30 केस दर्ज हैं, जबकि आबिद प्रधान के खिलाफ भी करीब 34 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने रंगदारी के इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

आबिद और फरहान राजूपाल हत्याकांड में भी हैं आरोपी

2005 में बसपा विधायक राजूपाल की हत्या में अतीक अहमद के साथ ही आबिद प्रधान और फरहान भाई आरोपी रहे हैं. दोनों अतीक अहमद के बेहद करीबी और खूंखार किस्म के अपराधी हैं. हालांकि, देवरिया जेल कांड के बाद से आबिद प्रधान की अतीक अहमद से दूरी बढ़ गई थी और उनके बीच टशनबाजी भी बढ़ गई थी. क्योंकि, अतीक अहमद ने आबिद प्रधान के दामाद जैद खालिद को देवरिया जेल में पीटा था. बाद में आबिद के दामाद की तरफ से अतीक के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. इसके बाद अतीक से दुश्मनी के नाम पर उन्हें सुरक्षा भी मिल गई थी.

यह भी पढ़ें: बरेली में भ्रष्टाचार के कारण थाना अध्यक्ष निलंबित, पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उसके गैंग के गुर्गे भी अब उसी की राह पर चल पड़े हैं. अतीक के बाद उसके खास गुर्गे आबिद प्रधान और फरहान सहित 8 लोगों के खिलाफ 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का केस दर्ज किया गया है. धूमनगंज थाने में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले हरवारा निवासी अशरफ सिद्दीकी ने रंगदारी मांगने का केस दर्ज करवाया है. पुलिस ने हरवारा निवासी अशरफ सिद्दीकी की तहरीर पर जेल में बंद फरहान समेत आबिद प्रधान और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

अतीक अहमद के बाद जेल में बंद उसके गुर्गे फरहान ने मरियाडीह के प्रधान रहे आबिद और उसके सहयोगियों की मदद से रंगदारी मांगने का काम किया. हरवारा के रहने वाले अशरफ सिद्दीकी का आरोप है कि वह अपने घर की तरफ जा रहा था, उसी वक्त आबिद प्रधान ने अपने कई गुर्गों के साथ मिलकर उसका रास्ता रोक लिया. उस दौरान अतीक गैंग के इन गुर्गों ने मिलकर उसको मारा-पीटा और जेल में बंद अतीक के दूसरे गुर्गे से फोन पर जबरन बात भी करवाई. उस तरफ से जेल में बंद फरहान ने भी रंगदारी देने को कहा और न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इतना ही नहीं आबिद प्रधान ने उसको धमकाते हुए कहा कि इतना कमाई कर रहे हो उसके बदले उन्हें भी हिस्सा देना पड़ेगा. मांगी गई रकम नहीं दी तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना. इसके बाद अशरफ ने अतीक के गुर्गों से किसी तरह से अपनी जान बचाई और अपने घर गया. 28 मई की इस घटना के बाद उसने कई दिनों बाद हिम्मत जुटाई और पुलिस से शिकायत की. उसकी मांग है कि पुलिस अतीक अहमद के इन गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जिससे शरीफ लोग शांति से भयमुक्त माहौल में जीवन जी सकें.

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस

प्रयागराज के ही हरवारा इलाके में रहने वाले अशरफ सिद्दीकी ने धूमनगंज थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया है कि अतीक अहमद के गैंग के दो शातिर अपराधियों ने उससे रंगदारी मांगी और जान से मारने की धमकी भी दी है. इसके बाद पुलिस ने उसकी तहरीर के आधार पर फरहान भाई, मरियाडीह के प्रधान रहे आबिद व उसके भतीजे जीशान और दानिश के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अशरफ की तहरीर के आधार पर इसी एफआईआर में फैजान और अबूबकर का नाम भी शामिल है. यही नहीं इन सबके साथ कटहुला निवासी कमर हारुन और मरियाडीह के जावेद को भी आरोपी बनाया गया है. इन सबके खिलाफ रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट करने, गाली-गलौच करने के साथ डराने-धमकाने का भी केस दर्ज किया गया है. इन आरोपियों में जेल में बंद फरहान भाई के खिलाफ 30 केस दर्ज हैं, जबकि आबिद प्रधान के खिलाफ भी करीब 34 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने रंगदारी के इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

आबिद और फरहान राजूपाल हत्याकांड में भी हैं आरोपी

2005 में बसपा विधायक राजूपाल की हत्या में अतीक अहमद के साथ ही आबिद प्रधान और फरहान भाई आरोपी रहे हैं. दोनों अतीक अहमद के बेहद करीबी और खूंखार किस्म के अपराधी हैं. हालांकि, देवरिया जेल कांड के बाद से आबिद प्रधान की अतीक अहमद से दूरी बढ़ गई थी और उनके बीच टशनबाजी भी बढ़ गई थी. क्योंकि, अतीक अहमद ने आबिद प्रधान के दामाद जैद खालिद को देवरिया जेल में पीटा था. बाद में आबिद के दामाद की तरफ से अतीक के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. इसके बाद अतीक से दुश्मनी के नाम पर उन्हें सुरक्षा भी मिल गई थी.

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