नई दिल्ली/चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही अपनी नई पार्टी बनाने का एलान करने वाले हैं. सूत्रों के अनुसार कैप्टन की नई पार्टी का नाम 'पंजाब विकास पार्टी' होगा.
सूत्रों के अनुसार अपनी नई पार्टी के गठन पर विचार करने के लिए कुछ ही दिनों में कैप्टन अपने करीबी नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे जिसमें सिद्दू विरोधी गुट के तमाम नेता शामिल होंगे. कैप्टन पहले भी कह चुके हैं कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू को हराना उनका पहला लक्ष्य है. ऐसे में उनकी नव गठित पार्टी की ओर से सिद्दू के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनाव में एक मजबूत दावेदार को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. इस बीच कैप्टन पंजाब के तमाम किसान नेताओं से भी सम्पर्क साधेंगे. साथ ही कुछ छोटे दलों को भी अपने साथ लाएंगे.
गौरतलब है कि गुरुवार को अमरिंदर सिंह ने कहा था, 'मैं 52 साल से राजनीति में हूं, लेकिन उन्होंने मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया. साढ़े दस बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुझसे कहा कि आप इस्तीफा दे दो. मैंने कोई सवाल नहीं पूछा. चार बजे मैं राज्यपाल के पास गया और इस्तीफा दे दिया. अगर 50 साल के बाद भी आप मुझ पर संदेह करेंगे.. मेरी विश्वसनीयता दांव पर है और कोई भरोसा नहीं है, तो ऐसे में पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है.'
अपने इसी बयान के बाद अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का भी एलान कर दिया था. हालांकि उन्होंने ये स्पष्ट किया कि वे कांग्रेस जरूर छोड़ रहे हैं लेकिन बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से उन्हें जिस अपमान का सामना करना पड़ा, उससे वे बेहद आहत हैं.
कैप्टन ने पहले भी छोड़ी थी कांग्रेस
उल्लेखनीय है कि ये पहली बार नहीं जब कैप्टन ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का एलान किया है. कैप्टन साल 1980 में लोकसभा का चुनाव तो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से जीते थे लेकिन साल 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और अकाली दल में चले गए थे. इसके बाद वे 1998 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
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कैप्टन के तेवर से लग रहा था कुछ बड़ा करेंगे : राजनीतिक विश्लेषक
उधर, राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर गुरमीत सिंह का कहना है कि जिस दिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया था उसी दिन उनके तेवरों से लग रहा था कि वे कुछ बड़ा करेंगे. जिस तरीके से उन्होंने नेशनलिज्म का मुद्दा उठाया उसने तो साफ तौर पर जाहिर कर दिया था कि वह आगे बढ़ेंगे.
उनका कहना है कि एक वक्त ऐसा भी लग रहा था शायद कैप्टन अमरिंदर सिंह वापस कांग्रेस में आ जाएंगे लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं. जब उन्हें यह महसूस हुआ कि सिद्धू अभी पार्टी में बने रहेंगे तो ऐसे में उनका कांग्रेस में वापसी का कोई भी रास्ता नहीं रह गया था.
वे यह भी मानते हैं कि एक म्यान में दो तलवार एक साथ नहीं रह सकती इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी एक अलग राह बनाएंगे.
गुरमीत सिंह का कहना है कि भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अभी बीजेपी में ना जाने की बात कही हो लेकिन राजनीति में यह सब बातें होती रहती हैं और कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता. अभी सिर्फ उसको लेकर कयास ही लगाए जा सकते हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)