चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नई 'अग्निपथ' योजना (agneepath scheme) पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया. साथ ही आश्चर्य जताया कि सरकार को इस तरह के 'मौलिक' बदलाव करने की जरूरत क्यों पड़ी. सेना में कैप्टन रहे अमरिंदर सिंह ने कहा, 'यह लंबे समय से मौजूद रेजिमेंट के विशिष्ट लोकाचार को कमजोर करेगा.'
एक बयान के अनुसार, सिंह ने आश्चर्य जताया कि सरकार को भर्ती नीति में इस तरह के 'मौलिक बदलाव' करने की आवश्यकता क्यों पड़ी, जोकि 'इतने सालों से देश के लिए बेहतर तरीके से काम कर रही है.' अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस राज्य में भाजपा की सहयोगी है. अमरिंदर सिंह ने कहा, 'तीन साल की प्रभावी सेवा के साथ चार साल के लिए सैनिकों को भर्ती करना, सैन्य रूप से एक अच्छा विचार नहीं है.'
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की संक्षिप्त अवधि के लिए संविदा के आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने वर्ष 2022 के लिए इस प्रक्रिया के तहत भर्ती की उम्र पूर्व में घोषित 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी.
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