ऋषिकेशः भारतीय परंपरा और रीति रिवाज विदेशियों को खूब भा रहा है. इतना ही नहीं, विदेशी लड़के अब भारतीय लड़कियों से शादी भी रचा रहे हैं. इस कड़ी में कनाडा की हाउस ऑफ कॉमन्स की सदस्य कैरोल ह्यूजेस के बेटे शॉन ने ऋषिकेश की बेटी शीतल पुंडीर को अपनी जीवन संगिनी बनाया है. घोड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हन लेने पहुंचे दूल्हे शॉन और शीतल ने एक दूसरे को वरमाला डालकर सात जन्मों तक साथ रहने की प्रतिज्ञा ली. फिर अग्नि के सात फेरे लिए.
दरअसल, ऋषिकेश के जीवनी माई मार्ग निवासी स्वर्गीय श्रीराम पुंडीर की बेटी शीतल पुंडीर का विवाह भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार कनाडा निवासी शॉन के साथ हुआ है. दूल्हे की मां कैरोल ह्यूजेस कनाडाई संघीय चुनाव में चार बार से हाउस ऑफ कॉमन में चुनी जा रही हैं. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य कैरोल ह्यूजेस कनाडा की सहायक उपाध्यक्ष और संपूर्ण समितियों की अध्यक्ष भी हैं.
कनाडा में शीतल के ससुर कीथ ह्यूजेस निकील माइनिंग में अधिकारी हैं. उनका परिवार कनाडा के हैमर ओंटारियो में रहता है. जबकि, शॉन न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नीति सलाहकार हैं. ऋषिकेश निवासी शीतल पुंडीर के पिता श्रीराम पुंडीर का कई साल पहले निधन हो गया था. उनके चाचा नटवर श्याम ने ही शीतल और उसके परिवार की देखभाल की. शीतल ने ओंकारानंद सरस्वती निलयम स्कूल से शिक्षा ली, फिर आगे की पढ़ाई कनाडा से पूरा किया.
शीतल ने बताया कि साल 2009 में वो पीएचडी करने कनाडा चली गई थी. उसने एंटी कैंसर ड्रग डिस्कवरी में पीएचडी की. उसके बाद शीतल ने कनाडा के फेंज किड हॉस्पिटल में काम किया और वहीं से उन्होंने नेत्र रोग में एमडी किया. वर्तमान में शीतल कनाडा में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में तैनात हैं. साल 2018 में उन्होंने कनाडा की नागरिकता प्राप्त कर ली थी. शीतल बताती हैं कि पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात शॉन से हुई और यह मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. फिर दोनों ने विवाह करने का निर्णय भी ले लिया.
शीतल ने बताया कि उन्होंने ये इच्छा जताई थी कि वो भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार शादी करना चाहती हैं, जिस पर शॉन और उनके परिवार ने सहर्ष सहमति प्रदान की. शॉन के माता-पिता बीते दिनों भारत आए और यहां दोनों परिवारों की मौजूदगी में सोमवार 27 फरवरी 2023 को विवाह संस्कार पूरा किया गया. विवाह के बाद शॉन ने शीतल को बताया कि शादी के दौरान वैदिक परंपरा, संयुक्त परिवार यह सब कुछ उनके लिए जिंदगी भर अविस्मरणीय रहेंगे.