कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट में पांच न्यायाधीशों की पीठ आज नारदा केस में सुबह 11 बजे सुनवाई करेगी. इससे पहले 24 मई को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के चारों आरोपी नेताओं को घर में नजरबंद करने की अनुमति दी गई थी. इसके साथ-साथ सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में मामले की सुनवाई को स्थगित करने की भी मांग की थी.
बता दें, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 21 मई को अपने आदेश में नारद मामले के आरोपी दो मौजूदा मंत्रियों सहित चार टीएमसी नेताओं को जमानत देने और घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी थी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पीठ में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को दी गई जमानत पर रोक लगाने को लेकर मतभेद था. इस पीठ ने मामले को वृहद पीठ के पास भेजने का फैसला किया था.
इसके लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने पांच न्यायाधीशों की एक पीठ बनाई. जिसमें वह खुद, न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे. वहीं, इससे पहले पीठ ने 17 मई के अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए निर्देश दिया था कि आरोपियों की उम्र और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे को ध्यान में रखते हुए जेल में हिरासत के बजाए सभी आरोपियों को उनके घरों पर ही नजरबंद रखा जा सकता है.
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नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था. जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए. उस वक्त चारों नेता ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे.