नई दिल्ली: सीएजी व 18 मंत्रालयों के विभिन्न विभागों से जुड़े 28 अधिकारियों की बैठक में भाग लेने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीएजी ने कहा कि ऑडिट, एक साझा संवैधानिक जिम्मेदारी है. मंत्रालयों और विभागों को समय पर और सही उत्तरों के साथ सहयोग करने के लिए कहा गया. क्योंकि मंत्रालयों की जानकारी और डेटा, ऑडिट को बेहतर बनाता है. संसदीय समितियों के माध्यम से हितधारकों को विभिन्न सरकारी संस्थाओं की वित्तीय स्थिति की सही और निष्पक्ष जानकारी मिलती है.
सीएजी ने यह सुझाव दिया गया कि मंत्रालय और विभाग अपने मंत्रालयों में जल्द से जल्द ऑडिट कमेटियों का गठन करें ताकि ऑडिट टिप्पणियों की तुरंत जांच हो सके. जिससे निष्कर्ष निकाला जा सके और लंबे समय तक चलने वाले लंबे पत्राचार से बचा जा सके. बैठक का उद्देश्य उन योजनाओं-परियोजनाओं और गतिविधियों की पहचान करके मंत्रालयों के सहयोग की तलाश करना था, जो मंत्रालय चाहते हैं कि सीएजी मूल्यांकन करे और उनके कार्यान्वयन, आउटपुट और परिणाम पर ऑडिट प्रदान करे.
सूत्र ने कहा कि यह भी बताया गया है कि स्वायत्त निकायों द्वारा खातों को जमा करने में देरी भी राष्ट्रीय लेखा परीक्षक के लिए हमेशा बनी रहने वाली समस्या है. बैठक 16 नवंबर 2021 को ऑडिट दिवस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई बातों का अनुवर्ती है, जब उन्होंने पारंपरिक 'कैग बनाम सरकार' मामलों की पृष्ठभूमि में सीएजी की बदलती भूमिका पर बात की थी.
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सूत्र ने कहा कि प्रतिभागियों के बीच एक आम सहमति है कि लेखा परीक्षक और सरकार के बीच एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण सरकारी संस्थाओं के वित्तीय स्वास्थ्य के सही, सच्चे और निष्पक्ष दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के लिए जरुरी है. यह लंबा रास्ता तय करेगा. बैठक में भाग लेने वाले मंत्रालयों और विभागों में विदेश मामले, नीति आयोग, स्वास्थ्य, सूचना और प्रसारण आदि शामिल थे. जबकि अधिकारियों में अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव, लेखा के मुख्य नियंत्रक और निदेशक शामिल रहे.