ETV Bharat / bharat

डेनमार्क के साथ जल संसाधन विकास को लेकर समझौता ज्ञापन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

डेनमार्क के साथ जल संसाधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. इस समझौते के तहत आर्थिक विकास, जल गुणवत्ता निगरानी और प्रबंधन के साथ ही सीवेज आदि को शामिल किया गया है.

India Denmark
भारत डेनमार्क
author img

By

Published : Nov 2, 2022, 5:43 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेनमार्क के साथ जल संसाधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) को बुधवार को मंजूरी दे दी. समझौता ज्ञापन में सूचना के पहुंच में सुगमता, एकीकृत और स्मार्ट जल संसाधन विकास और प्रबंधन, जलभृत मानचित्रण, भूजल मॉडलिंग, निगरानी और पुनर्भरण, घरेलू स्तर पर कुशल और सतत जल आपूर्ति, गैर-राजस्व जल और ऊर्जा खपत में कमी शामिल है.

यह समझौता जीवंतता, लचीलापन और आर्थिक विकास, जल गुणवत्ता निगरानी और प्रबंधन के साथ ही सीवेज और अपशिष्ट जल उपचार जैसे विषयों पर नदी और जल निकाय कायाकल्प से संबंधित है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि समझौता ज्ञापन में जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन, नदी-केंद्रित शहरी नियोजन और पेरी-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रकृति-आधारित तरल अपशिष्ट उपशमन उपाय जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की परिकल्पना की गई है.

बयान में कहा गया कि इस संदर्भ में गत तीन मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डेनमार्क दौरे के दौरान जल शक्ति मंत्रालय और डेनमार्क के पर्यावरण मंत्रालय के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे. बयान में कहा गया है कि इस समझौते का मूल उद्देश्य समग्र और सतत दृष्टिकोण के माध्यम से वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर स्वच्छ और सुरक्षित पानी सुनिश्चित करना है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्कैंडिनेवियाई देश की यात्रा के दौरान 3 मई को जल शक्ति मंत्रालय और डेनमार्क के पर्यावरण मंत्रालय के बीच एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेनमार्क के साथ जल संसाधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) को बुधवार को मंजूरी दे दी. समझौता ज्ञापन में सूचना के पहुंच में सुगमता, एकीकृत और स्मार्ट जल संसाधन विकास और प्रबंधन, जलभृत मानचित्रण, भूजल मॉडलिंग, निगरानी और पुनर्भरण, घरेलू स्तर पर कुशल और सतत जल आपूर्ति, गैर-राजस्व जल और ऊर्जा खपत में कमी शामिल है.

यह समझौता जीवंतता, लचीलापन और आर्थिक विकास, जल गुणवत्ता निगरानी और प्रबंधन के साथ ही सीवेज और अपशिष्ट जल उपचार जैसे विषयों पर नदी और जल निकाय कायाकल्प से संबंधित है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि समझौता ज्ञापन में जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन, नदी-केंद्रित शहरी नियोजन और पेरी-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रकृति-आधारित तरल अपशिष्ट उपशमन उपाय जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की परिकल्पना की गई है.

बयान में कहा गया कि इस संदर्भ में गत तीन मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डेनमार्क दौरे के दौरान जल शक्ति मंत्रालय और डेनमार्क के पर्यावरण मंत्रालय के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे. बयान में कहा गया है कि इस समझौते का मूल उद्देश्य समग्र और सतत दृष्टिकोण के माध्यम से वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर स्वच्छ और सुरक्षित पानी सुनिश्चित करना है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्कैंडिनेवियाई देश की यात्रा के दौरान 3 मई को जल शक्ति मंत्रालय और डेनमार्क के पर्यावरण मंत्रालय के बीच एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे.

ये भी पढ़ें - केजरीवाल से मिले डेनमार्क के राजदूत, साफ हवा-पानी और सड़कों पर हुई बात

(इनपुट-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.