नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में बजट सत्र के दूसरे दिन आम बजट को पेश किया. इस बजट में जहां मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत दी है. वहीं दूसरी ओर कुछ लग्जरी सामानों को सरकार ने महंगा कर दिया है. इन सामानों में बहुमूल्य धातुएं जैसे सोना-चांदी, हीरा और प्लेटिनम भी शामिल है. मोदी 2.0 सरकार में वित्त मंत्री ने 5वें बजट में सोना-चांदी पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ा दिया है.
वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा की है कि सोने, प्लेटिनम और आयात किए गए चांदी पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया गया है, जिसके चलत अब लोगों के लिए सोने, प्लेटिनम और चांदी के आभूषण महंगे हो जाएंगे. जानकारी के अनुसार बुधवार को सोने की कीमत 57 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर है, वहीं चांदी की कीमत 67 हजार रुपये प्रति किलो से ज्यादा है. इस बजट के बाद अब जनता को सोना या चांदी के आभूषण खरीदने के लिए अपनी जेबें ढीली करनी पड़ेगी.
सीमा शुल्क पर बोलते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'इस वित्त वर्ष की शुरुआत में सोने और प्लेटिनम के डोर और बार पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया था. अब मैं शुल्क अंतर को बढ़ाने के लिए उनसे बनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं. मैं सोने और प्लेटिनम के साथ संरेखित करने के लिए चांदी के डोर, बार और वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने का भी प्रस्ताव करती हूं.' चांदी पर सीमा शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है, ताकि इसे सोने पर शुल्क के बराबर लाया जा सके.
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सोना और चांदी के भाव में आया उछाल
वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 1,090 रुपये की मजबूती के साथ 57,942 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी. पिछले कारोबारी सत्र में सोना 56,852 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था. चांदी की कीमत भी 1,947 रुपये के उछाल के साथ 69,897 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई. पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 67,950 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक ने कहा, 'दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 1,090 रुपये की तेजी के साथ 57,942 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी.' विदेशी बाजारों में सोना मजबूत होकर 1,923 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी गिरावट के साथ 23.27 डॉलर प्रति औंस पर थी. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कॉमेक्स में सोने की हाजिर कीमत अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 1,923 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी. सोने की कीमतों ने लगातार तीसरे महीने लाभ दर्ज किया है जिसे डॉलर के कमजोर रहने तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर की धीमी वृद्धि दर से मदद मिली.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर- अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स गजल जैन ने कहा कि कीमती धातुओं के क्षेत्र में चांदी पर सीमा शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि इसे सोने पर शुल्क के बराबर लाया जा सके. इसके बावजूद, घरेलू चांदी की कीमतों में केवल 1.5-2 प्रतिशत की तेजी देखी गई, जो धातु की कम घरेलू मांग को दर्शाता है. घरेलू सोने की कीमतें ज्यादातर जनवरी के लिए करीब 2 फीसदी की छूट पर कारोबार कर रही थीं. यह आंशिक रूप से बजट 2023-24 में सोने पर सीमा शुल्क में कमी की बाजार प्रत्याशा के कारण था. जैन ने कहा- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यथास्थिति बनाए रखते हुए 15 प्रतिशत जीएसटी के साथ शुल्क लगाया. राहत की प्रतिक्रिया के रूप में, कीमतों में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि छूट समाप्त हो गई. लेकिन जहां बाजार में प्रचलित अल्पकालिक मूल्य विकृतियों का ध्यान रखा गया है, वहीं लंबी अवधि के संरचनात्मक मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया है.
एमपी अहमद, अध्यक्ष, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने कहा कि, रत्न एवं आभूषण उद्योग हालांकि बजट में आयात शुल्क में कटौती नहीं करने से निराश हैं. चांदी के लिए शुल्क में वृद्धि से कीमती धातु की कीमत बढ़ने की उम्मीद है. भौतिक सोने को इलेक्ट्रॉनिक सोने की रसीदों में बदलने पर कोई पूंजीगत लाभ नहीं लगाने और इसके विपरीत सोने के मुद्रीकरण में मदद मिलेगी. पीएन गाडगिल एंड संस के गार्गी के सह-संस्थापक आदित्य मोदक ने कहा कि सोने का आयात शुल्क वही बना हुआ है, जबकि उन्हें इसके 2.5 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है. दूसरी ओर चांदी पर आयात शुल्क में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे स्टलिर्ंग चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी से फैशन ज्वैलरी बाजार प्रभावित हुआ है.
मोदक ने कहा कि दूसरी ओर, अति धनाढ्य करदाताओं पर अधिभार में कमी से निवेश को सकारात्मक धारणा मिलेगी. साथ ही, आयकर सीमा में वृद्धि से मध्यम वर्ग की प्रयोज्य अधिशेष आय में वृद्धि होगी, जो पर्यटन, विवेकाधीन खर्च और विलासिता एफएमसीजी के लिए अच्छा होगा. कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह ने कहा कि सोने की छड़ों से बनी वस्तुओं पर बुनियादी सीमा शुल्क और चांदी पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी से स्थानीय स्तर पर बने आभूषणों की कीमत में वृद्धि होगी और यह स्थानीय रिफाइनरियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
(एक्स्ट्रा इनपुट- IANS)