लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के नजदीक आते ही प्रदेश में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं. इसी को लेकर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी भी तेज हो गई है. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती के बाद बुधवार को बसपा के नेता और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने मीडिया से बातचीत करते हुए विवादित बयान दिया है. उन्होंने योगी सरकार को टीका-जनेऊ वालों (ब्राह्मण) को मिटाने वाली बताया.
मीडिया से बातचीत करते हुए नकुल दुबे ने राज्यभर में युवा संवाद शुरू करने का दावा किया. वहीं, महिला सम्मेलन की भी बात कही. इस दौरान नकुल दुबे ने योगी सरकार को जाति विशेष की सरकार बताया. पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहा कि विकास दुबे समेत कई ब्राह्मणों की प्रदेश में हुई. खुशी दुबे को बेवजह जेल में बंद किया गया.
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो बसपा उन्हें कानूनी सलाह मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा कि सीएम योगी जनेऊ-टीका वालों को मिटाना चाहते हैं. इसलिए संस्कृत विद्यालयों का अनुदान रोक दिया गया. यह सनातन धर्म को नष्ट करने वाला कदम है. ऐसे ही काशी में कई प्राचीन मंदिर नष्ट कर दिए गए.
पूर्व मंत्री नुकल दुबे ने कहा कि राज्यभर में युवा संवाद कार्यक्रम होगा. इसका नेतृत्व नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद व कपिल मिश्रा द्वारा किया जाएगा. इसके जरिये युवाओं की समस्याओं को उठाया जाएगा. बसपा की सरकार बनने पर युवाओं की समस्या प्राथमिकता से हल की जाएगी.
वहीं, महिला सम्मेलन 14 नवम्बर से होंगे. नकुल दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ शिलान्यास व लोकार्पण के पत्थर लगा रही है. मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन कर दिए गए लेकिन उनमें सुविधाएं नहीं है. विकास और कानून व्यवस्था किसे कहते हैं, यह 2022 में बसपा सरकार बनने पर दिखाएगी.
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नकुल दुबे ने बताया कि आजाद भारत पार्टी (डेमोक्रेटिक) का बसपा में विलय हो गया है. उन्होंने बताया कि आजाद भारत पार्टी (डेमोक्रेटिक) के संस्थापक मानवेन्द्र आजाद मौर्य को मायावती के निर्देश प्रदेश का महासचिव बनाया गया है.