लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर जोरदार हमला किया. मायावती ने कहा है कि हिंदू मंदिरों के नीचे बौद्ध धर्म के मठों के होने की बात सिर्फ राजनीतिक बयान है. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस राजनीति से प्रेरित बयान के बहकावे में न बौद्ध धर्म को आना चाहिए और न ही मुस्लिम धर्म को. बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में बयान दिया था कि बद्रीनाथ मंदिर के नीचे अगर खोदाई कराई जाए तो बौद्ध मंदिर निकलेगा. इसी पर बसपा सुप्रीमो ने समाजवादी पार्टी और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोला. उन्होंने बौद्ध धर्म के साथ ही मुस्लिम धर्म के लोगों को इनके बहकावे में न आने की सलाह दी.
-
1. समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1. समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 20231. समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2023
-
2. जबकि श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">2. जबकि श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 20232. जबकि श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2023
बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं और आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों, बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला है. यह विशुद्ध राजनीतिक बयान है. जबकि मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे. लेकिन, तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? मायावती ने कहा है कि अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं.
बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को लेकर लगातार तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. जैसे ही स्वामी प्रसाद मौर्य का बद्रीनाथ मंदिर के नीचे बौद्ध मठ होने का बयान आया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका पूरी तरह से खंडन किया. इसके बाद अन्य तमाम राजनीतिक दलों ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को लेकर उन पर हमला किया. अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी स्वामी के इस बयान को लेकर उन्हें और समाजवादी पार्टी दोनों को घेरा है.
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय तक बहुजन समाज पार्टी में भी रहे. मायावती ने यह भी कहा कि जब भाजपा सरकार में थे तब आखिर उन्हें बौद्ध मठ की याद क्यों नहीं आई? चुनाव के समय उन्हें धार्मिक विवाद कराने को लेकर यह बयान क्यों देना पड़ा है इसके पीछे साजिश है. गौरतलब है कि इस बयान से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान पर काफी विवाद हो चुका है. हालांकि, समाजवादी पार्टी की तरफ से ऐसे बयानों को लेकर अपने नेता को रोका नहीं जा रहा है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि यह सब समाजवादी पार्टी के सोची समझी रणनीति है.
यह भी पढ़ें: UP Politics : ब्राह्मण कोटे के सर्वमान्य नेता बनने के लिए ब्रजेश पाठक को 'अटल' सहारा