उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों सहित हर्षिल छावनी तक पहुंच उपलब्ध कराता है. लेकिन इस हाईवे पर पूर्व में आपदा में ध्वस्त पुलों के स्थान पर निर्मित सिंगल लेन वैली ब्रिज सेना के भारी वाहनों व टैंक आदि के आवागमन में अक्सर बाधा बनते हैं. ऐसा ही एक वैली ब्रिज भटवाड़ी से कुछ दूरी पर स्वारीगाड़ में है. वर्ष 2012 की आपदा में क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर बीआरओ ने वैली ब्रिज का निर्माण किया है.
गंगोत्री हाईवे पर बनेगा डबल लेन स्टील गार्डर पुल: लेकिन सिंगल लेन होने के चलते सेना के भारी वाहनों व टैंक के साथ यहां चारधाम यात्रियों को भी आवागमन में परेशानी उठानी पड़ती है. मई से लेकर जून माह तक जब चारधाम यात्रा पूरे चरम पर होती है, तो यहां अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है और ट्रैफिक रेंगता हुआ नजर आता है. स्वारीगाड़ में नया डबल लेन स्टील गार्डर पुल बनने से यह चारधाम यात्रा के साथ ही सेना के आवागमन में मददगार होगा.
11 करोड़ की लागत से बनेगा 85 मीटर स्पान का पुल: बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि स्वारीगाड़ में करीब 11 करोड़ की लागत से 85 मीटर स्पान का स्टील गार्डर पुल बनाया जाएगा. प्रस्तावित पुल का निर्माण मौजूदा वैली ब्रिज के समीप मोड़ से पहले होगा. जिससे अतिरिक्त मोड़ भी खत्म हो जाएगा. बताया कि वन भूमि हस्तांतरण का कुछ पेंच होने के चलते इसकी स्वीकृति में कुछ समय लगा. अब पुल निर्माण के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय स्वीकृति के साथ स्टेज वन में फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गया है. जिसके बाद अक्टूबर प्रथम सप्ताह से पुल निर्माण का कार्य शुरू करवाया जाएगा.
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