दुमका: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने झारखंड स्थित दुमका परिसदन में प्रेस वार्ता के आयोजन में केंद्र सरकार पर मनमानी कर संसद सत्र चलाने का आरोप लगाया है.उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले जो संसद सत्र समाप्त हुआ उसमें सरकार की तानाशाही देखी गई है. वृंदा करात ने कहा सरकार ने विपक्ष की एक भी बातें नहीं सुनी है.
आजादी के मूल्यों को सरकार कर रही है बुलडोज
वृंदा करात ने तीखे स्वर में कहा कि संसद कोई शाखा नहीं है. यह बीजेपी और आरएसएस की संस्कृति से नहीं चल सकती. जहां कोई बहस करे तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए.उन्होंने कहा कि आजादी के मूल्यों को यह सरकार बुलडोज कर रही है और इसका हम लोग संसद से लेकर सड़क तक विरोध करेंगे. वृंदा करात ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम झंडा फहराएंगे और नारा लगाएंगे देश बचाओ, जनवाद बचाओ, शाखा की संस्कृति हटाओ.
महत्वपूर्ण विषय पर सरकार ने सदन में कोई चर्चा नहीं की
वृंदा करात ने कहा कि सरकार से कृषि कानून को वापस लेने की जो मांग महीनों से की जा रही है, उस पर कोई बहस नहीं हुई और न ही पेगासस का जो मुद्दा इतना महत्वपूर्ण है उस पर कोई चर्चा नहीं की. जबकि कई ऐसे विधेयक पास करा लिए गए जिसका फायदा पूंजीपतियों को मिलना है. जिसमें जनता का हित नहीं होना है.
वृंदा करात ने कहा कि दुमका में जो कोल ब्लॉक आवंटित किए गए हैं और ग्रामीणों को जमीन खाली करने का नोटिस थमाया गया है. इसे लेकर ग्रामीणों द्वारा लगातार जो विरोध किया जा रहा है हम उनके साथ हैं.वृंदा करात ने कहा कि ग्रामीणों का विरोध जायज है क्योंकि यह सरकार गरीब के हित में नहीं सोचती है. वह बड़े बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास करती है.
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