कोझिकोड: आजकल सोना (Gold) शादी का ट्रेडमार्क बन गया है, वहीं एक लड़की ने ऐलान किया कि उसे अपनी शादी में सोना (gold) नहीं चाहिए. कोझिकोड के मयपयूर के कोरममांकांडी की शहना शेरिन ने तय किया कि वह शादी में खर्च होने वाले रुपयों का उपयोग गरीबों की मदद करने के लिए करेगी. शहना ने बिना सोना पहने शादी की. इसके साथ ही उसने पीली धातु की चमक उसके निर्णय के आगे फीकी पड़ती दिखी और चारों ओर हर कोई उसकी तारीफों के पुल बांधता दिख रहा है.
परिवार ने दिया साथ
शहना शेरिन अंथरू-रामला दंपति की बेटी हैं. शहना के पिता एंथ्रू भी अपनी बेटी के निर्णय से पूरी तरह संतुष्ट थे. इसके बाद उन्होंने कोट्टापल्ली के चंगारमकांडी के दूल्हे मोहम्मद शफी और उसके परिवार को सूचित किया. उन्होंने भी इस फैसले का तहेदिल से समर्थन किया.
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भूमिहीन लोगों को दान में दी जमीन
शहना शेरिन और मोहम्मद शफी की शादी के दिन (On The Wedding Day) एंथ्रू की 21 सेंट (नौ हजार फीट) जमीन चार भूमिहीन लोगों को दान कर दी. मयपयूर प्रशामक केंद्र के कार्यकर्ता एंथु और बेटी शेहना ने भी डायलिसिस केंद्र के लिए पैसे दान किए.
कई जरूरतमंदों की मदद की
एंथ्रू ने घर बनाने, इलाज, घर की मरम्मत और एक लड़की की शादी के लिए भी चार अलग-अलग लोगों की मदद की. शादी के लिए 'पंडाल' भी पुराने जमाने का था. यह लहरदार डंठल से बना था. तीन दशक से कुवैत में कारोबार कर रहे एंथ्रू को उनकी पत्नी रामला और बच्चों शहना शेरिन और हिबा फातिमा का पूरा समर्थन है.