ETV Bharat / bharat

बिना बेहोश किये ही कर दी ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी, जानें कैसे हुआ ये अनोखा ऑपरेशन - varansi letest news

यूपी के वाराणसी में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र के डॉक्टरों ने एक मरीज के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन बिना बेहोश किए ही कर दिया. एमपीएमएमसीसी अस्पताल में इस तरह का ये पहला ऑपरेशन है, जो लगभग 1.30 घंटे तक चला.

अनोखा ऑपरेशन
अनोखा ऑपरेशन
author img

By

Published : Jul 29, 2022, 3:35 PM IST

वाराणसी: आपने अक्सर सुना होगा कि किसी भी ऑपरेशन या सर्जरी से पहले मरीज को बेहोश किया जाता है. लेकिन वाराणसी के महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में डॉक्टरों ने गुरुवार को एक अनोखी सर्जरी की. जहां मरीज को बिना बेहोश किए ही उसके ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया. इस सर्जरी के बारे सुनकर हर कोई हैरान है. ऑपरेशन के बाद से मरीज की हालात स्थिर है. डॉक्टरों के अनुसार उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

ढेड़ घंटे चली सर्जरीः एम.पी.एम.एम.सी.सी. के न्यूरो सर्जरी विभाग की असिस्टेंट प्रो. डॉ. शुभी दुबे ने बताया कि हाल ही में अस्पताल में एक 25 वर्षीय मरीज हमारे पास आया था. जांच में ब्रेन ट्य़ूमर की पुष्टि हुई. ट्यूमर ब्रेन के ऐसे हिस्से में था, जिसे निकालने के लिए मरीज को सचेत अवस्था में रखना जरूरी था. सभी जरूरी जांच के बाद मरीज की सर्जरी की गई. जो करीब 1.30 घंटे तक चली. शल्य चिकित्सा की भाषा में इस तरह की सर्जरी को अवेक क्रेनियोटोमी (Awake Craniotomy) कहा जाता है. जिसका साधारण शब्दों में अर्थ है सचेत अवस्था में ब्रेन सर्जरी को अंजाम देना.

ये भी पढ़े...एक फोन कॉल से बची 6 नाबालिग लड़कियों की जिंदगी, पुलिस ने रुकवाया निकाह

डॉ. शुभी दुबे ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान बीच-बीच में सर्जरी की टीम मरीज से बातचीत करती रही ताकि यह समझा जा सके कि ट्यूमर निकालने की प्रक्रिया के दौरान मरीज को किसी तरह की क्षति न हुई हो. हालांकि मरीज को सर्जरी के दौरान दर्द न हो इसलिए सिर के हिस्से में “लोकल एनेस्थीसिया” दिया गया था. उन्होंने कहा कि एम.पी.एम.एम.सी.सी. में इस तरह की सर्जरी पहली बार की गई है. वहीं उत्तर प्रदेश में ऐसी सर्जरी की सुविधा कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है.

इसलिए नहीं किया गया बेहोशः डॉ. शुभी ने बताया कि मरीज के ब्रेन के जिस हिस्से में ट्यूमर था उसके पास ही मरीज के बातचीत समझने, महसूस करने, हाथ पांव के ताकत और गणितीय क्षमता का केंन्द्र था. हमें यह सुनिश्चित करना था कि सर्जरी के दौरान मरीज के दिमाग के इन हिस्से पर कोई असर न पड़े. अगर मरीज को बेहोश करके यह ऑपरेशन किया जाता तो इन सेंटर्स पर पड़ने वाले असर का एहसास हमें नही होता और संभवतः जीवनभर के लिए मरीज को विकलांगता और सोचने-समझने की क्षमता में कमी हो सकती थी. इसी के चलते हमने अवेक क्रेनियोटोमी (Awake Craniotomy) करने का फैसला किया.

अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने इस उपलब्धि पर सर्जरी में शामिल एनेस्थीसिया विभाग के असिस्टेंट प्रो. मोनोतोष प्रमाणिक, न्यूरो सर्जरी विभाग की डॉ. शुभी दुबे सहित पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि अस्पताल आने वाले सभी कैंसर मरीज को आधुनिक और गुणवत्तापरक इलाज सुनिश्चि हो यह हम सभी की जिम्मेदारी है. पिछले कुछ महीनों में कैंसर मरीजों के लिए कई नई सुविधाओं की शुरुआत हुई है, जो आने वाले समय में भी होती रहेगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: आपने अक्सर सुना होगा कि किसी भी ऑपरेशन या सर्जरी से पहले मरीज को बेहोश किया जाता है. लेकिन वाराणसी के महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में डॉक्टरों ने गुरुवार को एक अनोखी सर्जरी की. जहां मरीज को बिना बेहोश किए ही उसके ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया. इस सर्जरी के बारे सुनकर हर कोई हैरान है. ऑपरेशन के बाद से मरीज की हालात स्थिर है. डॉक्टरों के अनुसार उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

ढेड़ घंटे चली सर्जरीः एम.पी.एम.एम.सी.सी. के न्यूरो सर्जरी विभाग की असिस्टेंट प्रो. डॉ. शुभी दुबे ने बताया कि हाल ही में अस्पताल में एक 25 वर्षीय मरीज हमारे पास आया था. जांच में ब्रेन ट्य़ूमर की पुष्टि हुई. ट्यूमर ब्रेन के ऐसे हिस्से में था, जिसे निकालने के लिए मरीज को सचेत अवस्था में रखना जरूरी था. सभी जरूरी जांच के बाद मरीज की सर्जरी की गई. जो करीब 1.30 घंटे तक चली. शल्य चिकित्सा की भाषा में इस तरह की सर्जरी को अवेक क्रेनियोटोमी (Awake Craniotomy) कहा जाता है. जिसका साधारण शब्दों में अर्थ है सचेत अवस्था में ब्रेन सर्जरी को अंजाम देना.

ये भी पढ़े...एक फोन कॉल से बची 6 नाबालिग लड़कियों की जिंदगी, पुलिस ने रुकवाया निकाह

डॉ. शुभी दुबे ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान बीच-बीच में सर्जरी की टीम मरीज से बातचीत करती रही ताकि यह समझा जा सके कि ट्यूमर निकालने की प्रक्रिया के दौरान मरीज को किसी तरह की क्षति न हुई हो. हालांकि मरीज को सर्जरी के दौरान दर्द न हो इसलिए सिर के हिस्से में “लोकल एनेस्थीसिया” दिया गया था. उन्होंने कहा कि एम.पी.एम.एम.सी.सी. में इस तरह की सर्जरी पहली बार की गई है. वहीं उत्तर प्रदेश में ऐसी सर्जरी की सुविधा कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है.

इसलिए नहीं किया गया बेहोशः डॉ. शुभी ने बताया कि मरीज के ब्रेन के जिस हिस्से में ट्यूमर था उसके पास ही मरीज के बातचीत समझने, महसूस करने, हाथ पांव के ताकत और गणितीय क्षमता का केंन्द्र था. हमें यह सुनिश्चित करना था कि सर्जरी के दौरान मरीज के दिमाग के इन हिस्से पर कोई असर न पड़े. अगर मरीज को बेहोश करके यह ऑपरेशन किया जाता तो इन सेंटर्स पर पड़ने वाले असर का एहसास हमें नही होता और संभवतः जीवनभर के लिए मरीज को विकलांगता और सोचने-समझने की क्षमता में कमी हो सकती थी. इसी के चलते हमने अवेक क्रेनियोटोमी (Awake Craniotomy) करने का फैसला किया.

अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने इस उपलब्धि पर सर्जरी में शामिल एनेस्थीसिया विभाग के असिस्टेंट प्रो. मोनोतोष प्रमाणिक, न्यूरो सर्जरी विभाग की डॉ. शुभी दुबे सहित पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि अस्पताल आने वाले सभी कैंसर मरीज को आधुनिक और गुणवत्तापरक इलाज सुनिश्चि हो यह हम सभी की जिम्मेदारी है. पिछले कुछ महीनों में कैंसर मरीजों के लिए कई नई सुविधाओं की शुरुआत हुई है, जो आने वाले समय में भी होती रहेगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.