भिवानी: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में महिलाओं के 48 किलोग्राम भार वर्ग में बॉक्सर नीतू घणघस ने गोल्ड मेडल जीतकर (neetu ghanghas won gold medal in cwg 2022) इतिहास रच दिया है. रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में नीतू ने इंग्लैंड की बॉक्सर को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. इससे पहले सेमीफाइनल मैच में नीतू ने कनाडा की प्रियंका ढिल्लोन को दो राउंड में 5-0 से हराया. जिसके बाद रेफरी ने मैच रोक दिया और नीतू को विजेता घोषित किया.
नीतू घणघस का फाइनल मुकाबला उनके घरवालों ने लाइव देखा. नीतू घणघस की जीत पर तालियां बजाकर घरवालों ने खुशी मनाई. उनके परिजनों ने भविष्य में होने वाली एशियन व ओलंपिक खेलों के लिए नीतू घणघस को आगे बढ़ने की कामना की. नीतू के पिता जयभगवान घणघस, ताऊ रणबीर और भिवानी बॉक्सिंग क्लब के प्रधान कमल सिंह ने बताया कि नीतू एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है. इसने बचपन से ही मुक्केबाज बनने का सपना संजोया था. आज कॉमनवेल्थ जैसी प्रतियोगिता में मेडल लाकर इसने भारत व हरियाणा का नाम रोशन किया है. उन्होंने बताया कि कॉमनवेल्थ खेलों से लौटने के बाद नीतू एशियन गेम और फिर ओलंपिक की तैयारी में जुटेगी.
घरवालों ने लोन पर खरीदी भैंस- नीतू की मां मुकेश ने बताया कि उन्होंने नीतू घणघस के खेल को लेकर काफी मेहनत की. हरियाणा को दूध-दही के खाने वाला प्रदेश माना जाता है. इसीलिए नीतू की खुराक में घी, दूध, दही का विशेष प्रबंध किया जाता रहा है. इसके लिए लोन लेकर ढाई लाख रुपये में अच्छी नस्ल की भैंस खरीदी गई, ताकि नीतू की डाइट पूरी हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि आमतौर पर मुक्केबाजी को लड़कों का खेल माना जाता है, परन्तु उन्होंने इस लिंगभेद से ऊपर उठकर नीतू को लड़के की तरह पाला.
मैरीकॉम को हरा चुकी हैं नीतू- फरवरी 2022 में नीतू ने ऑलंपियन मुक्केबाज मैरीकाॅम को हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में स्थान (neetu ghanghas cwg 2022) पक्का किया था. तभी से खेल प्रेमियों को उनसे पदक की उम्मीदें थी. नीतू उन उम्मीदों पर खरा उतरी हैं और गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. इस मुक्केबाज ने 2017 में आईबा यूथ महिला मुक्कबाजी प्रतियोगिता और 2018 में हुई एशियन यूथ बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीता है. साल 2022 में बुल्गारिया में आयोजित 73वें स्ट्रेडजा कप बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक जीता था.
नीतू का घर कहां है- नीतू घणघस भारत का मिनी क्यूबा (Mini Cuba) कहे जाने वाले जिले भिवानी के धनाना गांव की रहने वाली हैं. उनका जन्म 19 अक्टूबर 2000 को हुआ. पिता जयभगवान की प्रेरणा से 2012 से नीतू ने मुक्केबाजी की शुरूआत की. 19 अक्तूबर 2000 को जन्मी नीतू के पिता चंडीगढ़ विधानसभा में सरकारी नौकरी करते हैं. नीतू हरियाणा के भिवानी जिला के गांव धनाना में रहकर मुक्केबाजी करती रही हैं. भिवानी के मुक्केबाज बिजेंद्र ने जब 2008 में देश के लिए ओलंपिक मेडल जीता तो उसके बाद से ही नीतू घणघस के पिता व नीतू के दिमाग में मुक्केबाजी का जुनून पैदा हो गया.
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नीतू घणघस की उपलब्धियां- नीतू घणघस को अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज मैरिकॉम के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता है, जो कम भार वर्ग में देश के लिए मेडल लाने का दम रखती है. नीतू ने 2017 में आईबा यूथ वूमेन बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता. वर्ष 2018 में एशियन यूथ बॉक्सिंग में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया. 2022 में बुल्गारिया में हुई 73वें सरांडजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल प्राप्त किया. हालांकि इन उपलब्धियों के दोरान वर्ष 2016 व 2019 में नीतू घणघस को शोल्डर इंजरी का सामना भी करना पड़ा. वर्ष 2016 में पैल्विक इंजरी से रिक्वर होने के बाद नीतू घणघस ने आईबा यूथ बॉक्सिंग में मेडल जीता. 2019 में हुई शोल्डर इंजरी ने उसे लगभग दो साल तक मुक्केबाजी से दूर रखा. नीतू ने कॉमनवेल्थ खेलों में जाने से पहले कहा था कि उसे अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा है कि कॉमनवेल्थ में गोल्ड आएगा और हुआ भी ऐसा ही.