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राज्यों की कर्ज सीमा को बिना शर्त GSDP का 5 प्रतिशत किया जाये: पश्चिम बंगाल

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Published : Jun 5, 2021, 8:42 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रां ने कहा, मौजूदा कठिन परिस्थिति और महामारी की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुये आग्रह करता हूं कि राज्यों की उधार सीमा को बिना किसी शर्त लगाये सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का पांच प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाये.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिया है कि राज्यों को वित्तीय संकट से बचाने के लिये उनकी उधार लेने की सीमा को बिना किसी शर्त के पांच प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाना चाहिए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रां ने 28 मई को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में कोविड-19 के इलाज में काम आने सामानों पर भारी जीएसटी के प्रस्ताव को लेकर निराशा जताई.

पढ़ें- निजी अस्पतालों से वैक्सीन वापस लेगी पंजाब सरकार, चौतरफा घिरने के बाद यू-टर्न

पत्र में कहा गया है, आपको ज्ञात है कि पिछले साल की ही तरह इस साल भी राजस्व में भारी गिरावट आई है, जिससे राज्यों की वित्तीय वहनीयता को खतरा पैदा हो गया है. हमारे मामले में हम पर दोहरी मार पड़ी है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के साथ ही यास चक्रवात से भी राज्य की स्थिति बिगड़ी है.

मित्रा ने कहा है कि अप्रैल 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक राज्यों का माल व सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा 63,000 करोड़ रुपये अनुमानित है. इसमें से पश्चिम बंगाल को 4,911 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने कहा, मौजूदा कठिन परिस्थिति और महामारी की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुये मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करता हूं कि राज्यों की उधार सीमा को बिना किसी शर्त को लगाये सकल राज्य घरेलू उतपाद (जीएसडीपी) का पांच प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाये.

(भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिया है कि राज्यों को वित्तीय संकट से बचाने के लिये उनकी उधार लेने की सीमा को बिना किसी शर्त के पांच प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाना चाहिए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रां ने 28 मई को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में कोविड-19 के इलाज में काम आने सामानों पर भारी जीएसटी के प्रस्ताव को लेकर निराशा जताई.

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पत्र में कहा गया है, आपको ज्ञात है कि पिछले साल की ही तरह इस साल भी राजस्व में भारी गिरावट आई है, जिससे राज्यों की वित्तीय वहनीयता को खतरा पैदा हो गया है. हमारे मामले में हम पर दोहरी मार पड़ी है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के साथ ही यास चक्रवात से भी राज्य की स्थिति बिगड़ी है.

मित्रा ने कहा है कि अप्रैल 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक राज्यों का माल व सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा 63,000 करोड़ रुपये अनुमानित है. इसमें से पश्चिम बंगाल को 4,911 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने कहा, मौजूदा कठिन परिस्थिति और महामारी की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुये मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करता हूं कि राज्यों की उधार सीमा को बिना किसी शर्त को लगाये सकल राज्य घरेलू उतपाद (जीएसडीपी) का पांच प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाये.

(भाषा)

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