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Covid Booster Dose: 10 अप्रैल से वयस्कों के लिए उपलब्ध होगी बूस्टर डोज

कोरोना महामारी से बचाव (protection from corona pandemic) के लिए देश में टीकाकरण अभियान जारी है. काफी दिनों से कोविड के बूस्टर डोज (Booster Dose) की मांग उठ रही थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 10 अप्रैल से 18+ आयु वर्ग के लोगों के लिए बूस्टर डोज (Booster Dose)उपलब्ध रहेगी.

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Published : Apr 8, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 5:25 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कहा कि निजी टीकाकरण केंद्रों पर अब 10 अप्रैल से 18+ जनसंख्या समूह के लिए बूस्टर खुराक उपलब्ध (Booster Dose) होगी. मंत्रालय ने कहा कि जिनकी आयु 18 वर्ष है और उन्होंने दूसरी खुराक लेने के 9 महीने पूरे कर लिए हैं, वे निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर डोज के लिए पात्र होंगे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पात्र आबादी को पहली और दूसरी खुराक के लिए सरकारी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से चल रहे मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम जारी रहेगा. साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और 60+ आबादी के लिए एहतियाती खुराक लगना जारी रहेगा और इसमें तेजी लाई जाएगी. मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि ये अच्छी खबर है. इससे लोगों को सुरक्षा मिलेगी क्योंकि जिन लोगों को बूस्टर डोज लगी है, उनको उन लोगों की तुलना में ज्यादा सुरक्षा है जिनको बूस्टर डोज नहीं लगी है. बूस्टर डोज लगने के बाद भी अगर संक्रमण होता है तो बहुत हल्का होता है.

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार के इस निर्णय की लंबे समय से प्रतिक्षा थी. हां समय लग गया लेकिन बूस्टर खुराक हमेशा गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में मदद करेगी. हमें इसे जल्द से जल्द लेना चाहिए. कोले ने यह भी उल्लेख किया कि कोविड-19 महामारी ने तत्काल देखभाल केंद्र के महत्व पर प्रकाश डाला है.

यह भी पढ़ें- बूस्टर डोज क्यों जरूरी? जानें तमाम बड़े सवालों के जवाब

डॉ कोले ने कहा कि भारत में तत्काल देखभाल एक नई अवधारणा है लेकिन नए देखभाल वितरण मॉडल कोविड के बाद उभर रहे हैं. कोविड के बाद लोग अस्पतालों से बच रहे हैं. भारत में तत्काल देखभाल के विकास की गुंजाइश है क्योंकि भारत में सस्ती कीमत पर गुणवत्ता देखभाल की कमी है. हमें इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए अगले 2-3 वर्षों के भीतर रिटर्न के साथ अपेक्षाकृत कम निवेश वाला व्यवसाय मॉडल अपनाना चाहिए.

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कहा कि निजी टीकाकरण केंद्रों पर अब 10 अप्रैल से 18+ जनसंख्या समूह के लिए बूस्टर खुराक उपलब्ध (Booster Dose) होगी. मंत्रालय ने कहा कि जिनकी आयु 18 वर्ष है और उन्होंने दूसरी खुराक लेने के 9 महीने पूरे कर लिए हैं, वे निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर डोज के लिए पात्र होंगे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पात्र आबादी को पहली और दूसरी खुराक के लिए सरकारी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से चल रहे मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम जारी रहेगा. साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और 60+ आबादी के लिए एहतियाती खुराक लगना जारी रहेगा और इसमें तेजी लाई जाएगी. मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि ये अच्छी खबर है. इससे लोगों को सुरक्षा मिलेगी क्योंकि जिन लोगों को बूस्टर डोज लगी है, उनको उन लोगों की तुलना में ज्यादा सुरक्षा है जिनको बूस्टर डोज नहीं लगी है. बूस्टर डोज लगने के बाद भी अगर संक्रमण होता है तो बहुत हल्का होता है.

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार के इस निर्णय की लंबे समय से प्रतिक्षा थी. हां समय लग गया लेकिन बूस्टर खुराक हमेशा गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में मदद करेगी. हमें इसे जल्द से जल्द लेना चाहिए. कोले ने यह भी उल्लेख किया कि कोविड-19 महामारी ने तत्काल देखभाल केंद्र के महत्व पर प्रकाश डाला है.

यह भी पढ़ें- बूस्टर डोज क्यों जरूरी? जानें तमाम बड़े सवालों के जवाब

डॉ कोले ने कहा कि भारत में तत्काल देखभाल एक नई अवधारणा है लेकिन नए देखभाल वितरण मॉडल कोविड के बाद उभर रहे हैं. कोविड के बाद लोग अस्पतालों से बच रहे हैं. भारत में तत्काल देखभाल के विकास की गुंजाइश है क्योंकि भारत में सस्ती कीमत पर गुणवत्ता देखभाल की कमी है. हमें इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए अगले 2-3 वर्षों के भीतर रिटर्न के साथ अपेक्षाकृत कम निवेश वाला व्यवसाय मॉडल अपनाना चाहिए.

Last Updated : Apr 8, 2022, 5:25 PM IST
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