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बंबई HC ने महाराष्ट्र सरकार की जांच के खिलाफ परमबीर सिंह की याचिका की खारिज

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Published : Sep 16, 2021, 6:38 PM IST

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की दायर याचिका पर बंबई हाई कोर्ट ने सुनवाई करने से माना कर दिया है. जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई दो प्राथमिक जांच को रद्द करने का अनुरोध किया गया था.

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा दायर याचिका को सुनवाई के योग्य नहीं माना है. जिसमें परमबीर ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई दो प्राथमिक जांच को रद्द करने का अनुरोध किया है.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सिंह द्वारा मांगी गई राहत पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण फैसला ले सकता है, क्योंकि यह सेवा का मामला है. अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता (सिंह) उचित मंच का रुख करते हैं तो वह इस पर सुनवाई कर सकता है और उच्च न्यायालय आदेश के संबंध में किसी पूर्वाग्रह के बिना फैसला दे सकता है.

सिंह ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू करने के राज्य सरकार के दो आदेशों को चुनौती दी है. पहली जांच ड्यूटी में लापरवाही और गलत आचरण को लेकर और दूसरी कथित भ्रष्टाचार को लेकर है. राज्य सरकार ने परमबीर सिंह की याचिका पर प्राथमिक आपत्तियां जताई थी और कहा कि उच्च न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं कर सकता, क्योंकि यह पूरी तरह सेवा का मामला है और इस पर प्रशासनिक न्यायाधिकरण को सुनवाई करनी चाहिए.

इसे भी पढे़ें-अनिल देशमुख केस : आरोपी अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस

सरकार के वकील डेरियस खम्बाटा ने दलील दी थी कि याचिका व्यर्थ है. उन्होंने तर्क दिया था कि याचिका में जिन दो प्रारंभिक जांचों को चुनौती दी गई है, उनका कोई मतलब नहीं है. क्योंकि जांच का नेतृत्व कर रहे महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे ने अपने आप को इससे अलग कर लिया है. उन्होंने याचिका में सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए आरोपों के बाद खुद को जांच से अलग कर लिया है.

याचिका में परमबीर सिंह ने संजय पांडे के खिलाफ भी आरोप लगाए थे और दावा किया था कि डीजीपी ने उन्हें एक निजी बैठक में कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सिंह की शिकायत के कारण जांच शुरू की गई है. सिंह ने इस साल मार्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा दायर याचिका को सुनवाई के योग्य नहीं माना है. जिसमें परमबीर ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई दो प्राथमिक जांच को रद्द करने का अनुरोध किया है.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सिंह द्वारा मांगी गई राहत पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण फैसला ले सकता है, क्योंकि यह सेवा का मामला है. अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता (सिंह) उचित मंच का रुख करते हैं तो वह इस पर सुनवाई कर सकता है और उच्च न्यायालय आदेश के संबंध में किसी पूर्वाग्रह के बिना फैसला दे सकता है.

सिंह ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू करने के राज्य सरकार के दो आदेशों को चुनौती दी है. पहली जांच ड्यूटी में लापरवाही और गलत आचरण को लेकर और दूसरी कथित भ्रष्टाचार को लेकर है. राज्य सरकार ने परमबीर सिंह की याचिका पर प्राथमिक आपत्तियां जताई थी और कहा कि उच्च न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं कर सकता, क्योंकि यह पूरी तरह सेवा का मामला है और इस पर प्रशासनिक न्यायाधिकरण को सुनवाई करनी चाहिए.

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सरकार के वकील डेरियस खम्बाटा ने दलील दी थी कि याचिका व्यर्थ है. उन्होंने तर्क दिया था कि याचिका में जिन दो प्रारंभिक जांचों को चुनौती दी गई है, उनका कोई मतलब नहीं है. क्योंकि जांच का नेतृत्व कर रहे महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे ने अपने आप को इससे अलग कर लिया है. उन्होंने याचिका में सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए आरोपों के बाद खुद को जांच से अलग कर लिया है.

याचिका में परमबीर सिंह ने संजय पांडे के खिलाफ भी आरोप लगाए थे और दावा किया था कि डीजीपी ने उन्हें एक निजी बैठक में कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सिंह की शिकायत के कारण जांच शुरू की गई है. सिंह ने इस साल मार्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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