चमोली : त्रिशूल पर्वत आरोहण के दौरान हिमस्लखन की चपेट में आए नेवी के चारों जवानों के पार्थिव शरीर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से नेवी हेड क्वॉर्टर के लिए भेज दिए हैं. जहां से पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर भेजे जाएंगे.
आर्मी हेलीपैड पर चारों जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विशेष हेलीकॉप्टर से पार्थिव शरीर हेड क्वॉर्टर भेजे गए. वहीं, घटना में लापता दो लोगों की तलाश जारी है, लगातार खराब मौसम के बावजूद सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर चारों जवानों के शव बरामद किए थे.
जबकि अभी एक जवान और शेरपा लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है. रविवार को वायु सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया था. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ में चिकित्सकों ने चारों का पोस्टमॉर्टम करने के बाद आर्मी के सुपुर्द कर दिया.
बता दें कि माउंट त्रिशूल पर्वत को फतह करने के लिए गया 10 सदस्यीय दल एवलॉन्च की चपेट में आ गया था. जिसके बाद निम और सेना ने पर्वतारोहियों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू अभियान चला रखा था.
वहीं, रेस्क्यू टीम को त्रिशूल पर्वत पर चार पर्वतारोहियों के शव दिखाई दिए थे. जो लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और एमसीपीओ हरिओम के थे.
गौर हो कि चमोली के सुतोल गांव से होते हुए त्रिशूल पर्वत फतह करने गए जवानों के साथ ग्लेशियर खिसकने से 1 अक्टूबर की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया था. जिसमें कुल 6 सैनिकों सहित 1 शेरपा भी एवलॉन्च की चपेट में आ गए थे. जिसमें निम और सेना द्वारा चलाये गए संयुक्त अभियान में 4 जवानों के शवों को बरामद कर लिया गया है.
7120 मीटर ऊंची है त्रिशूल चोटी: 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी चमोली जिले की सीमा पर स्थित कुमाऊं के बागेश्वर से लगती है. इसी चोटी पर पर्वतारोहण के लिए ये दल जा रहा था. तभी हिमस्खलन हो गया और इसकी चपेट में 6 लोग आ गए.
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शनिवार को लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और एमसीपीओ हरिओम का शव बरामद किया गया है. बताया गया कि नेवी के पर्वतारोहियों की टीम भी घाट होते हुए त्रिशूल के लिए गई थी और इसी दौरान ये हादसा हो गया.